कई जगहों पर फुटपाथ जाम, लोगों को परेशानी
जहानाबाद शहर में फुटपाथ पर भी जाम की समस्या है। यह जाम वाहनों के काफिले से नहीं बल्कि इस पर प्रतिदिन सजने वाली दुकानों तथा बड़े प्रतिष्ठानों के सामान के कारण लगता है।
जहानाबाद : शहर में फुटपाथ पर भी जाम की समस्या है। यह जाम वाहनों के काफिले से नहीं बल्कि इस पर प्रतिदिन सजने वाली दुकानों तथा बड़े प्रतिष्ठानों के सामान के कारण लगता है। हालात यह है कि फुटपाथ पर जगह-जगह सामान के ढेर से आवागमन को बाधित कर दिया जाता है।
शहर से गुजरने वाली एनएच 83 की बात करें तो अरवल मोड़ से अस्पताल मोड़ तक की दूरी लगभग 300 मीटर है। मार्ग में दोनों और फुटपाथ बने हुए हैं, लेकिन इस पर चलना संभव नहीं है। 300 मीटर की दूरी में ही फुटपाथ पर तकरीबन दर्जनभर दुकानें सजी हुई है। फुटपाथी दुकानदारों के अलावा स्थाई दुकानदार भी अपने सामान को फुटपाथ पर सजा कर रखते हैं, ताकि ग्राहकों को दूर से ही इन चीजों पर नजर पड़ सके। व्यवसायियों को तो फायदा हो रहा है, लेकिन पैदल यात्रियों को काफी फजीहत का सामना करना पड़ता है। चाय-नाश्ते की दुकानों से लेकर फुटपाथ पर आलू का भंडारण भी किया जा रहा है। सदर अस्पताल के मुख्य द्वार पर आलू की थोक दुकान है। दुकानदार अपने सामान को फुटपाथ पर ही जमा करके रखते हैं, जिससे यह मार्ग पूरी तरह अवरुद्ध हो जाता है। इसके अलावा लोहे तथा बांस-बल्ले के दुकानदार द्वारा भी फुटपाथ को हमेशा अपने कब्जे में रखा जाता है। सुबह होते ही फुटपाथ पर कचौड़ी-जलेबी की दुकानें सज जाती है। इस हाल में फुटपाथ पूरी तरह से अतिक्रमण की चपेट में है। इसी तरह शहर के अन्य इलाकों में भी फुटपाथ पर अतिक्रमणकारियों का कब्जा रहता है। परिणामस्वरूप पैदल यात्रियों को फुटपाथ छोड़ मार्ग से ही आने-जाने की मजबूरी बनी रहती है। गाड़ियों की भीड़ के कारण जाम जैसी स्थिति में पैदल यात्रियों की और भी परेशानी बढ़ जाती है। किसी तरह पैदल यात्री वाहनों के बीच से बचते बचाते आगे बढ़ने को मजबूर रहते हैं। पूरी स्थिति से संबंधित अधिकारी भी अवगत हैं, लेकिन इसे व्यवस्थित करने की पहल नहीं हो रही है। सुनें पैदल यात्रियों की
पैदल यात्रियों की परेशानी किसी एक दिन की बात नहीं है। फुटपाथ पर अतिक्रमण के कारण इस समस्या से हमलोगों को रोज जूझना पड़ता है, लेकिन प्रशासनिक स्तर पर इसे दूर करने की पहल नहीं हो रही है।
-अजय कुमार पांडेय
फोटो-03 शिवाजी पथ में एक दुकान में जाना है, लेकिन यहां तो फुटपाथ पर पैदल चलना भी मुश्किल हो रहा है। महिलाओं और बच्चों को और अधिक परेशानी उठानी पड़ती है। इस ओर प्रशासन को ध्यान देना चाहिए।
-सहेंद्र कुमार
फोटो-04 नगर परिषद द्वारा अतिक्रमण हटाने के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जाती है। स्थाई तौर पर निवारण के उद्देश्य से कार्य नहीं होता है। दुकानदारों के हौसले बढ़ते जा रहे हैं और फुटपाथ को भी वे लोग अपना दुकान का ही हिस्सा समझने लगे हैं।
-शैलेंद्र कुमार
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