मॉडल पंचायत में सिंचाई की सुविधा नहीं

जहानाबाद प्रखंड मुख्यालय से लगभग आठ किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित अमथुआ पंचायत तब राज्य भर म

By JagranEdited By: Publish:Mon, 12 Apr 2021 10:50 PM (IST) Updated:Mon, 12 Apr 2021 10:50 PM (IST)
मॉडल पंचायत में सिंचाई की सुविधा नहीं
मॉडल पंचायत में सिंचाई की सुविधा नहीं

जहानाबाद

प्रखंड मुख्यालय से लगभग आठ किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित अमथुआ पंचायत तब राज्य भर में चर्चा में आया जब सूबे के मुखिया नीतीश कुमार ने जल जीवन हरियाली योजना के बेहतर क्रियान्वयन से प्रभावित हो वर्ष 2019 में यहां का दौरा किया था। 10 हजार से अधिक आबादी वाला यह पंचायत मुख्यत: कृषि प्रधान क्षेत्र है। इस पंचायत की मुख्य समस्या सिचाई को लेकर है। हालांकि उदेरा स्थान से निकली पक्की नहर इस पंचायत के क्षेत्र से होकर गुजरी है किन्तु इस पूरे क्षेत्र में नहर में एक भी फॉल नहीं होने के कारण यह नहर केवल पानी के आवागमन के लिए ही काम में आ पाता है जबकि यहां के किसानों को इस नहर के होने के बावजूद सिचाई के लिए अन्य स्रोत की तलाश करनी पड़ती है। दूसरी बड़ी समस्या यहां के किसानों को नीलगायों के झुंड से है जो कुछ घंटों में ही लहलहाती फसलों को रौंद डालती हैं। सात निश्चय योजनाओं में खर्च किये गए लगभग दो करोड़ रुपये से पंचायत की सूरत और ग्रामीणों की जीवनशैली में बदलाव आया है, पीने को स्वच्छ पेयजल और बेहतर पक्की गालियां इस पंचायत के मॉडल पंचायत होने को दर्शाती हैं।

सिचाई के लिए स्थानीय मुखिया द्वारा लघु सिचाई द्वारा 14 लाख की लागत से बड़ी पोखर पर ट्यूबवेल का निर्माण कराने से स्थानीय किसानों की समस्या आंशिक रूप से दूर हुई है। लगभग 52 एकड़ में फैले बड़की पोखर जैसे मनोरम स्थल में स्थित लगभग 200 वर्ष पुराने सूर्यमंदिर भी अधिकारीयों की उदासीनता और अतिक्रमणकारियों के भेंट चढ़ रहे हैं। •िाला और प्रखंड मुख्यालय से दूरी पर स्थित होने के कारण यहां लड़कियों के लिए प्लस टू तक का बालिका विद्यालय प्रस्तावित हुआ था जो आज भी अधर में है। वहीं इस पंचायत के विद्यालय चाहरदीवारी विहीन और विद्यालयों में छात्रों के अनुपात में कमरे की संख्या कम है। हालांकि खुले में शौच मुक्त इस पंचायत की स्थिति अभी भी नहीं सुधरी है। लोगों ने घरों में शौचालय का निर्माण जरूर करा लिया है परंतु आज भी गांव की पगडंडियों पर ही मल मूत्र त्याग करते हैं।

पंचायत एक नजर में

आबादी -10 हजार

वार्ड - 13

आंगनबाड़ी केंद्र- 13

स्वास्थ्य केंद्र - 2

उच्च विद्यालय :- 1 2 लेवल

मध्य विद्यालय :- 5

प्राथमिक विद्यालय :- 4

राजस्व गांव एवं टोला - 11 चौहद्दी पूरब- घोषी पंचायत

पश्चिम- सुलेमानपुर पंचायत

उत्तर - गोलकपुर पंचायत

दक्षिण - मखदुमपुर पंचायत सुने पंचायत वासियों की

पंचायत में विकास के कार्य हुए हैं लेकिन बार बार मांग करने के बावजूद नहर में फॉल का निर्माण नहीं होने के कारण सिचाई की समस्या बनी रहती है।

नागेंद्र शर्मा सात निश्चय योजना के बेहतर क्रियान्वयन से पंचायत की तस्वीर बदली है। शिक्षा के क्षेत्र में विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।

कुंदन कुमार बड़ी पोखर पर पार्क का निर्माण हो ताकी उसकी मनोरमता और भव्यता में और निखार हो साथ ही नहर पर यदि कुछ पैदल पुलियों का निर्माण हो जाए तो खेती के लिए उस पर जाने में विशेषकर महिलाओं के लिए बेहद आसानी होगी।

सूरजमणि देवी विद्यालयों में चाहरदीवारी नहीं है। कमरों की कमी है। बच्चे ज्यादा होते हैं ऐसे में उन्हें जमीन पर बैठकर पढ़ना पड़ता है। कोरोना काल में जहां शारीरिक दूरी का पालन करना आवश्यक है ऐसे में स्कूल खुलने के बाद जगह की कमी के कारण शारीरिक दूरी का पालन होना कैसे संभव होगा।

सतीश महतो क्या कहती हैं मुखिया मेरे स्तर से पंचायत में विकास योजनाओं के सम्पूर्ण क्रियान्वयन के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं हैं। उदेरा स्थान से निकली नहर पर फॉल निर्माण के लिए सिचाई विभाग और जिलाधिकारी के यहां भी आवेदन दिया है। स्कूलों के चाहरदीवारी और भवन के लिए विभाग को ध्यान आकृष्ट कराया गया है। एस्टीमेट भी दिया गया है। बालिकाओं के लिए 2 लेवल विद्यालय के भूमि की उपलब्धता हो चुकी है। नहर पर पुलिया के जल्द निर्माण के लिए संबंधित विभागों तक ग्रामीणो की मांग पहुंचाया जाएगा।

प्रमिला देवी

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