जहानाबाद में रेलवे व एनएच के विवाद में लटका नाले का निर्माण

जागरण आपके द्वार कार्यक्रम के तहत शुक्रवार को दैनिक जागरण शहर के हृरदयस्थली माने जाने वाले वार्ड संख्या 18 में पहुंची। यह वार्ड यूं ही महत्वपूर्ण नहीं माना जाता है बल्कि इसमें जिले के सबसे बड़े अस्पताल सदर अस्पतालसबसे व्यस्त अरवल मोड़ तथा शहरवासियों को ताजा सब्जी खिलाने वाले जिले के सबसे बड़ी सब्जी मंडी भी अवस्थित है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 08 Jan 2021 10:52 PM (IST) Updated:Fri, 08 Jan 2021 10:52 PM (IST)
जहानाबाद में रेलवे व एनएच के विवाद में लटका नाले का निर्माण
जहानाबाद में रेलवे व एनएच के विवाद में लटका नाले का निर्माण

जहानाबाद । जागरण आपके द्वार कार्यक्रम के तहत शुक्रवार को दैनिक जागरण शहर के हृरदयस्थली माने जाने वाले वार्ड संख्या 18 में पहुंची। यह वार्ड यूं ही महत्वपूर्ण नहीं माना जाता है बल्कि इसमें जिले के सबसे बड़े अस्पताल सदर अस्पताल,सबसे व्यस्त अरवल मोड़ तथा शहरवासियों को ताजा सब्जी खिलाने वाले जिले के सबसे बड़ी सब्जी मंडी भी अवस्थित है। जैसे ही लोगों को दैनिक जागरण की टीम को यहां आने की जानकारी मिली लोग समस्याओं की गिनती कराने लगे। लेकिन हमारी नजर रेलवे अंडरपास से नया टोला की ओर जाने वाले सड़क के किनारे गई तो स्थिति काफी गंभीर नजर आया। दरअसल

राजा बाजार रेलवे अंडरपास पर कायम रहने वाले जलजमाव से निजात को लेकर नाले के निर्माण कराया जाना था। 50 लाख की लागत से बनाए जाने वाले इस नाले का कार्य प्रारंभ तो हुआ लेकिन गड्ढे खोदने के बाद काम ही बंद हो गया । वार्ड संख्या 18 के नया टोला से सटे यह नाला गुजरा है। इस नाले को दरधा नदी में गिराना था। लेकिन काम बंद हो जाने के कारण गड्ढे में अब मोहल्ले के बच्चे गिरकर जख्मी हो रहे हैं। आसपास घनी आबादी रहने के कारण लोगों को यह चिता बनी रहती है कि बच्चे खेल-खेल में गड्ढे की ओर नहीं जाएं, वरना बड़ी अनहोनी भी हो सकती है। रेलवे अंडरपास की कोढ़ तो इससे दूर नहीं हुई बल्कि एक बड़ी आबादी को पानी से भरे गड्ढे घर के सामने उपलब्ध करा समस्या के मकड़जाल में फंसा दिया गया । दरअसल नाले के निर्माण में रेलवे तथा एनएच के बीच तकनीकी समस्या को ले विवाद उत्पन्न हो गया। जिसके कारण संवेदक बीच में काम छोड़कर फरार हो गया। अब महीनों से इसका भुक्तभोगी मोहल्ले वासी बने हुए हैं । दैनिक जागरण के सामने मोहल्ले वासियों का दर्द इसे लेकर झलक रहा था। न शौचालय न पेयजल की सुविधा बदबूदार माहौल में सब्जी मंडी शहर के वार्ड संख्या 18 में जिला मुख्यालय का प्रमुख सब्जी मंडी भी अवस्थित है। यहां तकरीबन तीन करोड़ की लागत से मल्टीकंप्लेक्स के निर्माण को लेकर कई बार योजनाएं बनी और स्थल निरीक्षण भी हुआ लेकिन कार्य मूर्त रूप में नहीं आ सका। कोरोना काल के कुछ माह पहले हीं सब्जी मंडी में मल्टीप्लेक्स मार्केट बनाए जाने के उद्देश्य से अधिकारियों द्वारा स्थल का निरीक्षण किया गया था। लेकिन मल्टीकंपलेक्स का निर्माण तो दूर की बात एक अदद शौचालय भी यहां के दुकानदारों के लिए व्यवस्थित नहीं हो सका है। नियमित साफ-सफाई भी मंडी में नहीं होती है जिसके कारण माहौल बदबूदार बना रहता है। ऐसे में खरीदार तो कुछ समय के लिए आते हैं लेकिन दुकानदारों को हमेशा यहां बैठना पड़ता है। जिससे उन लोगों के स्वास्थ्य पर भी असर पड़ रहा है। सब्जी मंडी में नल -जल का कार्य भी नहीं हो सका है। परिणामस्वरूप पीने के पानी के लिए सब्जी विक्रेताओं को घर से लाए गए पानी पर ही निर्भर रहना पड़ रहा है। कूड़े का टीला नया टोला की है पहचान नया टोला की पहचान ही कूड़े के टीले वाले मुहल्ले के रूप में होती है। नगर परिषद द्वारा डोर टू डोर कूड़ा उठाव की व्यवस्था तो जरूर की गई है लेकिन यहां वर्षों से कूड़े के टीले को हटाना संभव नहीं हो सका है। नगर परिषद द्वारा पिछले वर्ष उपलब्ध कराए गए हैं डीलक्स यूरिनल इस वार्ड में यूं तो नल जल तथा पीसीसी योजना को छोड़ कोई कार्य जमीन पर व्यवस्थित नहीं दिखता है। हालांकि इस योजना से भी सब्जी मंडी जैसे महत्वपूर्ण स्थान को अलग रखा गया है। यदि चार साल की उपलब्धि की बात करें तो डीलक्स यूरिनल ही एक ऐसा कार्य है जिससे विकास की झलक मिलती है। 3.75 लाख की लागत से सदर अस्पताल के समीप पिछले वर्ष इसका निर्माण कराया गया था। वार्ड एक नजर में

आबादी-4500

मतदाता-3035

आंगनबाड़ी केंद्र-तीन

जविप्र-तीन

चौहदी

उतर-वार्ड संख्या छह

दक्षिण-दरधा नदी

पूरब

वार्ड संख्या-16

पश्चिम-वार्ड तीन क्या कहते हैं वार्ड के निवासी

नाले के निर्माण नहीं होने से हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। बच्चे इसमें गिरते रहता है लेकिन प्रशासन द्वारा इसमें कोई पहल नहीं किया जा रहा है।

संतोष कुमार

फोटो-14 विकास जो होना चाहिए था वह नहीं हुआ है। यहां कई समस्याएं है जिसका अविलंब निदान की जरुरत है।

ब्रजेश सिंह फोटो-15

हमलोग समस्याओं से जूझ रहे हैं। कूड़े का टीला यहां बना हुआ है जिसका निदान नहीं हो रहा है।

अजय कुमार फोटो-16

महिलाओं को हमेशा अपने बच्चों की चिता रहती है कि कहीं खुले नाले की ओर नहीं चले जाए। इस पर कार्य होना चाहिए।

सुषमा देवी फोटो-17

सब्जी मंडी में पूरे दिन बैठना काफी कष्टदायक है। न शौचालय की सुविधा है और नहीं पीने की पानी का। हमलोग नियमित टैक्स देते हैं फिर भी इंतजाम नहीं हो रहा है।

मो मुनाज फोटो-18

सुनें वार्ड पार्षद की

विकास योजनाओं की क्रियान्वयन में हमलोगों का पूरा प्रयास रहता है।मैं यहां दूसरी बार वार्ड पार्षद बनी हूं। लेकिन इस बड़े वार्ड में व्यापक संसाधन की जरूरत है। जो जिला प्रशासन तथा सरकार के स्तर पर ही संभव है।

कांति देवी।

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