लॉक हो गए धरती के भगवान, अब ऊपर वाले से उम्मीद
धरती के भगवान ने खुद को लॉक कर लिया है। शहर में भक्त धरती के भगवान का दरवाजा मरीज खटखटा रहे हैं लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है।
जहानाबाद। धरती के भगवान ने खुद को लॉक कर लिया है। शहर में भक्त धरती के भगवान का दरवाजा खटखटा रहे हैं, लेकिन उनकी कोई सुन नहीं रहा। अब भक्तों को ऊपर वाले का भरोसा है। हम बात कर रहे हैं शहर के नामचीन चिकित्सकों की, जिन्होंने महामारी के इस वक्त में मरीजों का साथ छोड़ दिया है।
मरीजों की सेवा भाव को लेकर इस पेशे में आए डॉक्टर अब डरने लगे हैं। संक्रमण के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए डॉक्टरों ने खुद को आइसोलेट कर लिया है। परिणामस्वरूप शहर के अधिकांश निजी क्लीनिकों में इन दिनों ताला लटक गया है। जिले के दो नामचीन फिजीशियन समेत कई नर्सिंग होम समेत प्रमुख सर्जनों की क्लीनिक बंद हो गई है। कुछ के ताले खुले हुए हैं, तो वहां के कर्मी डॉक्टर के मौजूद नहीं होने की बात कहकर मरीजों को लौटा रहे हैं। इलाज के अभाव में दम तोड़ रही जिंदगियां
कोरोना संक्रमण ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है। लोग इलाज के अभाव में दम तोड़ने लगे हैं। मरीजों को बेड नहीं मिल रहा तो किसी को ऑक्सीजन। हालात यह है कि छोटी-मोटी बीमारियों का इलाज कराने के लिए भी मरीजों को भटकना पड़ रहा है। इलाज के अभाव में छोटी बीमारियां भी बड़ा रूप लेती जा रही हैं। सरकारी अस्पतालों पर बढ़ा बोझ: निजी डॉक्टरों के आइसोलेट हो जाने से सरकारी अस्पतालों पर बोझ बढ़ गया है। यहां भी मरीजों को समुचित इलाज नहीं मिल पा रहा है। मरीजों की शिकायत है कि डॉक्टर उचित परामर्श नहीं दे रहे। केवल खानापूर्ति की जा रही है। दवाएं भी सरकारी अस्पतालों में नहीं मिल रही। ग्रामीण चिकित्सकों की कट रही चांदी
शहर से बिना इलाज कराए घर लौटने वाले अब ग्रामीण चिकित्सकों के पास पहुंच रहे हैं। वहां खुद को समर्पित कर दे रहे। ऐसे में इलाज के नाम पर मोटी रकम मरीजों से वसूल की जा रही हे। गुणवत्तापूर्ण इलाज भी नहीं हो रहा। उन्हें स्वास्थ्य लाभ नहीं हो रहा। जानकारों की मानें तो संक्रमण काल में अन्य बीमारियों से भी मौत के आंकड़े पहले की तुलना में काफी बढ़ गए हैं। प्रशासन की ओर से भी नहीं बन पा रहा दबाव
स्वास्थ्य सेवा चाहे सरकारी हो या निजी, उसका उद्देश्य आम अवाम को स्वस्थ रखना होता है। महामारी के दौर में तो इसकी महत्ता और बढ़ जाती है। ऐसे में चिकित्सकों द्वारा हाथ खड़े कर दिए जाने पर जिला प्रशासन भी चुप है। मनमाने तरीके से निजी क्लीनिकों का संचालक हो रहा है। ऐसे में जिला प्रशासन को कड़े कदम उठाने की जरूरत महसूस होने लगी है। शहर की कुछ क्लीनिकें खुलीं थीं। जो बंद हैं, उनपर कार्रवाई की जाएगी। महामारी के इस दौर में मरीजों का इलाज बंद नहीं होगा।
नवीन कुमार, जिलाधिकारी, जहानाबाद