खाद की खरीदारी को ले पर्ची कटाने को लेकर लगी किसानों की लंबी कतार

जहानाबाद चिलचिलाती धूप से लेकर मूसलाधार बारिश के बीच अन्नदाता अपनी मेहनत से पीछे नहीं रहते हैं। हालांकि इस बार किसानों की मेहनत में प्रकृति ने काफी साथ दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 11:52 PM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 11:52 PM (IST)
खाद की खरीदारी को ले पर्ची कटाने को लेकर लगी किसानों की लंबी कतार
खाद की खरीदारी को ले पर्ची कटाने को लेकर लगी किसानों की लंबी कतार

जहानाबाद : चिलचिलाती धूप से लेकर मूसलाधार बारिश के बीच अन्नदाता अपनी मेहनत से पीछे नहीं रहते हैं। हालांकि इस बार किसानों की मेहनत में प्रकृति ने काफी साथ दिया है। मौसम के शुरुआती दिनों से ही अच्छी बारिश के कारण जिले में लक्ष्य से अधिक धान की रोपनी काफी पहले ही समाप्त हो गई थी। अब लहलहाते फसल की जीवन बचाने में किसानों को पसीना बहाना पड़ रहा है। फिलहाल मेहनतकश किसानों का पसीना खेत की बजाय सरकार के कार्यालय में गिर रहा है। सरकार की सभी योजनाओं में किसानों को वरीयता देने की बात होती है,लेकिन जिस कदर खाद की आपूर्ति नियमित रूप से नहीं हो रही है उससे धरती के सीना चीर कर सभी को पेट भरने वाले किसान दर्द से कराहने लगे हैं। बुधवार को यूरिया खाद की खरीदारी को लेकर रेड क्रास भवन में पर्ची कटा जा रहा था। खाद की पर्ची को लेने के लिए किसानों की भीड़ यहां इस कदर उमड़ गई कि पूरे परिसर में तिल रखने की भी जगह नहीं थी। दरअसल यहां से पर्ची लेने के बाद हीं विस्कोमान से खाद प्राप्त होता है। फिलहाल जिला मुख्यालय के बिस्कोमान में 15 सौ बोरा यूरिया खाद है। जिसकी खरीदारी को लेकर किसान पर्ची कटाने पहुंचे थे। भीड़ के सामने काफी कम पड़ रही है खाद की उपलब्धता इन दिनों छोटे- बड़े सभी किसानों को धान की फसल में छिड़काव के लिए यूरिया खाद की जरूरत है। परिणाम स्वरूप सभी लोग इसकी खरीदारी के मशक्कत में जुटे हुए हैं। जरूरत से काफी कम मात्रा में यहां खाद का रेक पहुंच रहा है। जिसके कारण किसानों की भीड़ काफी बढ़ जा रही है। हालात यह है कि अभी तक खाद की आपूर्ति का अगस्त का लक्ष्य भी पूरा नहीं हो सका है और सितंबर महीना भी समाप्ति के कगार पर है। क्या कहते हैं जिला कृषि पदाधिकारी

खाद प्राप्ति के रसीद लेने के बाद विस्कोमान से किसानों को खाद उपलब्ध कराया जा रहा है। जल्द ही 175 एमटी यूरिया खाद की उपलब्धता सुनिश्चित हो जाएगी। किसानों को खाद के लिए ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है यह निरंतर मिलता रहेगा। लोग अपनी जरूरत के अनुसार हीं इसकी खरीदारी करें।

सुनील कुमार

chat bot
आपका साथी