11 बजे के पहले लॉकडाउन का नहीं हो रहा पालन
जहानाबाद सुबह होते ही जिला से लेकर प्रखंड मुख्यालय अवस्थित सब्जी मंडियों में शारीरिक दूरी
जहानाबाद
सुबह होते ही जिला से लेकर प्रखंड मुख्यालय अवस्थित सब्जी मंडियों में शारीरिक दूरी का नजर अंदाज कर लोग खरीदारी में मशगूल हो जा रहे हैं। एक दूसरे के बीच दो गज की दूरी कही नहीं दिख रही है। ग्राहक मास्क जरूर पहने रहते है लेकिन दुकानदार का मास्क फेस की जगह गले में लटकता रहता है।
हालांकि जिला मुख्यालय अवस्थित स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में लगाए जा रहे सब्जी मंडी में पुलिस की प्रतिनिुयक्त की गई। किसी सब्जी मंडी के दुकान पर सैनिटाइजर,साबुन या हैंडवश रखना तो दूर हाथ धोने के लिए पानी भी नहीं रखते। इसके अलावा शहर के बत्तीस भंवरिया,अरवल मोड़, स्टेशन तथा कृषि फार्म में अवस्थित सब्जी मंडी में पुलिस पर नजर नहीं पड़ती है। बताते चलें कि पिछले वर्ष शारीरिक दूरी को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक मंडी में स्काउट एवं गाइड या नगर निगम के कर्मचारी प्रतिनियुक्त किए गए थे। ग्राहक या सब्जी के लिए वाहन से निकलने वाले लोगों को कोरोना का गाइडलाइन की जानकारी देते रहते हैं। सबसे अधिक समस्या उनलोगों को उठानी पड़ रही जो रेल के माध्यम से दिल्ली, पंजाब, हरियाणा सहित अन्य जगहों से जहानाबाद स्टेशन पहुंच रहे हैं। लेकिन स्टेशन से उन्हें अपने घर जाने के लिए कोई वाहन नहीं मिल रहे हैं। वे लोग किसी तरह अपने घर जाने मजबूर दिख रहे है। आवश्यक सेवाओं को छोड़ सभी वाहन बंद है। ऐसे में कोई भी वाहन चालक रिस्क लेना नहीं चाह रहे हैं।
दोपहर होते ही सड़क पर पुलिस की चहलकदमी बढ़ जा रही है। प्रत्येक चौक-चौराहों पर पुलिस पदाधिकारी अनावश्यक आने जाने वाले लोगों का हाल चाल पूछना प्रारंभ कर देते है। बगैर पास के सड़क पर चलने वाले दो पहिए या चार पहिए वाहन चालकों को खैरियत जरूर ले रहे हैं। थोड़ी आशंका होने पर पुलिस की लाठी शरीर पर गिरने लग रहा है। 12 बजते ही सड़के वीरान हो जा रही है। अधिकांश लोग अपने-अपने घर में कैद हो जा रहे हैं। सभी वरीय अधिकारी लॉकडाउन के पालन को लेकर भ्रमण करते रहते हैं। प्रतिबंधित दुकान खुले पाए जाने पर सील कर दिया जा रहा है। प्रखंड मुख्यालय के गांवों में लॉकडाउन का सख्ती से पालन किया जा रहा है। अधिकारी गांवों का भी भ्रमण करते दिख रहे हैं।
शाम होते ही लोगों की आवाजाही पूर्णत समाप्त हो जा रहा है। दोपहर में कुछ कर्मी कार्यालय से घर आने के कारण सड़क पर वाहन दिख रहे हैं। लेकिन कार्यालय का समय समाप्त होते ही सड़के मैदान जैसा खाली दिख रहा है। इक्के-दुक्के इमरजेंसी सेवाएं की वाहन पर नजर पड़ रही है। पुलिस प्रत्येक चौक-चौराहों पर मुस्तैद रही।