रात की गुलाबी ठंड बना सकता बीमार
फोटो---22 जागरण संवाददाता जहानाबाद मौसम के मिजाज में तेजी से बदलाव हो रहा है। दिन में
जहानाबाद :
मौसम के मिजाज में तेजी से बदलाव हो रहा है। दिन में उमस भरी गर्मी और रात में गुलाबी ठंडक हो रही है। ऐसे में आपको स्वास्थ्य के प्रति ज्यादा सचेत रहने की जरूरत है क्योंकि जरा सी लापरवाही सेहत पर भारी पड़ सकता है। ऐसे वातावरण में बीमारी की जद में आ सकते हैं।
तापमान में उतार - चढ़ाव के कारण शरीर अपने आप को उसके अनुसार ढाल नहीं पाता जिससे लोग बीमारियों का शिकार हो जाते हैं।इसे लेकर सिविल सर्जन डा विजय कुमार सिन्हा ने से बातचीत की गई। इस दौरान उन्होंने बताया कि इस बदलते मौसम में इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है। ऐसे में सर्दी जुकाम और बुखार आदि की परेशानी आम बात है। इस मौसम में खानपान तथा रहन-सहन के मामले में विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है। शाम के समय पर्याप्त कपड़े पहन कर ही निकलना चाहिए। बदलते मौसम में वायरल बुखार के मामले बढ़ते हैं। बड़ों के साथ बच्चे भी वायरल बुखार की चपेट में आ रहे हैं इसलिए इस मौसम में बच्चों तथा बुजुर्गो को ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है। कभी सर्द और कभी गर्म मौसम होने के कारण सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार ,गले मे दर्द, थकान जैसी बीमारियां लोगों को परेशान कर रही हैं। उन्होंने बताया कि सबसे पहले बच्चे इनकी चपेट में आते हैं। बीमारियों से बचने के लिए बच्चों के कपड़ों को साफ रखना चाहिए तथा साफ सफाई पर पूरा ध्यान रखना चाहिए।
-- सावधानी --
बदलते मौसम में संक्रमण का खतरा होता है। ऐसे में सूती और पर्याप्त वस्त्र पहनना चाहिए। -पौष्टिक आहार लेना चाहिए, इससे प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। पर्याप्तन पानी पीना चाहिए। मौसमी फलों एवं सब्जियों का खाने में प्रयोग करना चाहिए।विटामिन सी वाले फल जैसे संतरा, नींबू ज्यादा लेना चाहिए क्योंकि यह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ातें हैं। ठंडे पदार्थों का सेवन भी कई बार वायरल बुखार का कारण बन जाता है।गला खराब हो जाता है इसलिये आइस क्रीम, कोल्ड ड्रिक नहीं खाना चाहिए। इस मौसम में बाजार की खाने वाली वस्तुएं, पिज्जा, बर्गर,चाट ,तली भुनी चीजें,खुले फल आदि नहीं खाने चाहिए। पौष्टिक भोजन लेना चाहिए। साफ सफाई पर विशेष ध्यान रखना चाहिए। सुबह की सैर के साथ-साथ योग भी अच्छा व्यायाम होता है। मौसम बदलते समय खांसी एवं फेफड़ों से संबंधित बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है इससे पीड़ित मरीज को रोजाना भाप लेने के साथ नमक मिले गुनगुने पानी से गरारे करना चाहिए। यदि इस मौसम में कोई शारीरिक परेशानी होती है तो अपने चिकित्सक से परामर्श लें अपने आप दवाइयों का सेवन नहीं करें। बदलते मौसम में सावधनियां अपना कर स्वस्थ रह सकते हैं।