खेतों में सावन की कजरी के बीच धान की रोपनी

जहानाबाद भले ही कोरोना शहर से लेकर गांव तक अपना पैर फैला रहा हो लेकिन खेतों में सावन की कजरी सुनी जा रही है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 08 Jul 2020 08:30 PM (IST) Updated:Thu, 09 Jul 2020 06:13 AM (IST)
खेतों में सावन की कजरी के बीच धान की रोपनी
खेतों में सावन की कजरी के बीच धान की रोपनी

जहानाबाद : भले ही कोरोना शहर से लेकर गांव तक अपना पैर फैला रहा हो लेकिन खेतों में सावन की कजरी सुनी जा रही है। धान की रोपनी कर रही महिलाएं लोकगीत कजरी और चउहट गाकर खेती कर रही हैं।

इंद्रदेव की विशेष कृपा से इस वर्ष किसान कुछ ज्यादा हीं उत्साहित हैं। कई वर्ष सावन में पानी बरसा है। संक्रमण काल में अपना रोजी-रोटी गंवाकर घर लौटे मजदूरों को खेतों में रोजगार मिल रहा है।

जिले के विभिन्न इलाकों में पानी से लबालब भरे खेतों में रोपनहारों की मनुहारी गीत गूंजने लगी है। महिला रोपनहार हंसी ठिठोली के साथ झूमझूम कर कजरी गाते हुए धान की रोपनी कर रही हैं।

इस बार धान रोपनी के कार्य में किसानों के सामने मजदूरों की कोई समस्या नहीं है। गांव में ही जरूरत के अनुसार मजदूर मिल जा रहे हैं। संक्रमण काल में प्रदेश से लौटे लोग किसानों के साथ खेतों में काम में सहयोग कर रहे हैं। इससे दोनों को फायदा हो रहा है। एक ओर जहां मजदूरों को रोजगार मिल रहा है वहीं दूसरी ओर किसानों को मजदूरों की खोज में भटकना नहीं पड़ रहा है।

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