सब्जी मंडियों में लग रही भीड़, गाइडलाइन की उड़ रहीं धज्जियां
जहानाबाद। संक्रमण पर रोकथाम लगाए जाने के उद्देश्य से सरकार द्वारा लॉकडाउन लगाया गया है। संक्रमित मरीजों की संख्या भी कम हो रही है। लेकिन अभी भी कुछ जगहों पर शारीरिक दूरी का अनुपालन नहीं किया जा रहा है। शहर से लेकर प्रखंड मुख्यालय में स्थित सब्जी मंडी में लोग खरीदारी करने के दौरान बचाव के उपाय भूल जा रहे हैं।
जहानाबाद। संक्रमण पर रोकथाम लगाए जाने के उद्देश्य से सरकार द्वारा लॉकडाउन लगाया गया है। संक्रमित मरीजों की संख्या भी कम हो रही है। लेकिन अभी भी कुछ जगहों पर शारीरिक दूरी का अनुपालन नहीं किया जा रहा है। शहर से लेकर प्रखंड मुख्यालय में स्थित सब्जी मंडी में लोग खरीदारी करने के दौरान बचाव के उपाय भूल जा रहे हैं। मंडियों में लगी भीड़ को देखने से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि कोरोना से हमलोग जंग जीत चुके हैं। हालांकि दंडाधिकारी के नेतृत्व में पुलिस की भी प्रतिनियुक्ति की गई है। लेकिन सुबह के समय में लोगों पर इसका असर नहीं देखा जा रहा है। सामग्री खरीदारी के समय शारीरिक दूरी के साथ ही मास्क भी फेस पर गिर जा रहा है। मंडियों में सैनिटाइज तथा पानी का इंतजाम नहीं के बराबर दिख रही है। अधिकांश खाद्यान्न दुकान पर सैनिटाइज केवल दिखावे के लिए रखा रहता है। ग्राहकों को बगैर सैनिटाइज कराए ही लेन देन करते देखा जा रहा है। ग्राहक भी जल्दी-जल्दी में सामग्री लेकर चलते बन रहे हैं। प्रतिबंधित दुकान भी चोरी छिपे खोले जा रहे हैं। दुकानदार ग्राहक के इंतजार में आसपास बैठे रहते हैं। जैसे ही ग्राहक पर नजर पड़ता है वे सचेत हो जाते हैं और सामग्री की जानकारी हासिल कर शटर खोलकर दे देते हैं। दुकानदार द्वारा शटर का ताला खोलकर रखा जाता है ताकि ग्राहकों को पता चले कि दुकान खुली है। 11 बजते ही पुलिस कर्मियों की चहलकदमी बढ़ जाती है। पुलिस पर नजर पड़ते ही सभी लोग प्रतिष्ठान बंदकर घर में कैद हो जाते हैं। समय समाप्त होने के उपरांत सड़क पर बेवजह विचरण करने वाले लोगों पर पुलिस की लाठियां बरसने लग रही है। बिना ई-पास के शहर में प्रवेश करने वाले वाहन चालकों से जुर्माने के साथ पिटाई भी की जा रही है। नगर परिषद क्षेत्र के अरवल मोड़, काको मोड़, आंबेडकर चौक, बत्तीस भंवरिया सहित सभी चौक-चौराहों पर पुलिस मुस्तैद रहती है। कुछ इसी तरह का नजारा प्रखंड मुख्यालय में भी देखने को मिल रहा है। सुबह में लोगों का आवागमन अधिक रहता है। लेकिन दोपहर होते ही ग्रामीण सड़कों पर सन्नाटा पसर जा रहा है।