कानून कूड़ादान में, सड़क पर जैव चिकित्सा अपशिष्ट

जहानाबाद। शहर में मेडिकल कचरे का निस्तारण नहीं होने के कारण रासायनिक प्रदूषण को बढ़ावा मिल रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 23 Jan 2021 10:15 PM (IST) Updated:Sat, 23 Jan 2021 10:15 PM (IST)
कानून कूड़ादान में, सड़क पर जैव चिकित्सा अपशिष्ट
कानून कूड़ादान में, सड़क पर जैव चिकित्सा अपशिष्ट

जहानाबाद। शहर में मेडिकल कचरे का निस्तारण नहीं होने के कारण रासायनिक प्रदूषण को बढ़ावा मिल रहा है। शहर में सदर अस्पताल से लेकर एक दर्जन से अधिक निजी नर्सिग होम, जांचघर, और डिस्पेंसरी से भारी मात्रा में जैव चिकित्सा अपशिष्ट निकलता है। सभी सरकारी और गैर सरकारी अस्पताल में प्रदूषण नियंत्रण कानून को कूड़ादान में फेंककर सड़क पर जैव चिकित्सा अपशिष्ट फेंका जा रहा है।

क्लिनिकों के आसपास उपयोग की गई दवा व सूई के रेपर का ढेर जमा रहता है। इतना ही नहीं ऑपरेशन के बाद अपशिष्ट पदार्थों को आम कचरे के साथ खुले में फेंक दिया जा रहा है। इसे लेकर न तो स्वास्थ्य विभाग हीं सजग है और नहीं नगर परिषद के पास इसके निष्पादन का कोई इंतजाम है। दरअसल प्रावधानों की परवाह किए बगैर अधिकांश लोग जाने अनजाने ऐसे कचरों को अपनी दुकानों या संस्थानों से खुलेआम इसे सार्वजनिक जगहों पर या तो फेंक देते हैं या फिर जला दे रहे हैं। ऐसे खतरनाक कचरों को जलाने के कारण पर्यावरण के साथ आम लोगों के लिए भी नुकसानदेह साबित हो रहा है। शहर में कचरा निस्तारण की योजना लागू नहीं किया गया है। विशेषज्ञों के अनुसार ई कचरा में करीब 38 अलग-अलग प्रकार के रासायनिक तत्व शामिल होते हैं। इस कचरे में लेड,मरक्यूरी एवं कैडमियम जैसे कई प्रकार के घातक तत्व होते हैं। प्लास्टिक व कई तरह के तत्वों से लेकर अन्य पदार्थ रहते हैं। शहरी क्षेत्र में कूड़ा-करकट में पाए जाने वाली कचरा हवा,मिट्टी और भूमिगत जल को प्रदूषित कर रहा है। कैडमियम से फेफड़े व किडनी प्रभावित होते हैं। जिले में ई कचरे के निष्पादन का नहीं है कोई इंतजाम जिले में ई कचरे कचरे के निष्पादन का फिलहाल कोई व्यवस्था नहीं है। हालांकि नगर परिषद के अधिकारियों की माने तो इसे डंप करने की अलग व्यवस्था अपनाई जा रही है। जिसके तहत ई कचरे को गया भेजा जाता है। लेकिन जमीन पर ऐसा कहीं देखने को नहीं मिल रहा है। हालात यह है की नगर के डंपिग जोन में भी ई- कचरे बड़े पैमाने पर देखे जा सकते हैं। जहरीले धुएं से सेहत को पहुंच रहा है भारी नुकसान इलेक्ट्रॉनिक के सामान समेत हर तरह का कचरे खुलेआम जलाए जाते हैं। यह वायु प्रदूषण का मुख्य कारण है। कूड़ा जलाने के कारण कार्बन डाइऑक्साइड और कार्बन मोनो ऑक्साइड जैसी जहरीली गैसों के उत्सर्जन होता है।इस पर रोकथाम की दिशा में यहां कोई कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।परिणाम स्वरूप ठंड के मौसमे में अलाव के अभाव में ई कचरे भी जलाएं जा रहें है। क्या कहते हैं सिविल सर्जन जिले के सभी नर्सिंगहोम तथा स्वास्थ्य केंद्रों को मेडिकल कचरे को व्यवस्थित रखने का निर्देश दिया गया है। इसे लेकर समय-समय पर हम लोग केंद्रों का निरीक्षण भी करते हैं। जहां मेडिकल कचरे तथा ऑपरेशन के बाद अपशिष्ट पदार्थों को व्यवस्थित नहीं किया जाता है उसके विरूद्ध कार्रवाई भी होती है। इसे लेकर स्वास्थ विभाग पूरी तरह से सजग है। डॉ विजय कुमार सिन्हा

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