वन विभाग से 10 रुपये में खरीदें पौधे, तीन साल बाद सात गुना लाभ

आम के आम गुठलियों के भी दाम के तर्ज पर अब वन विभाग किसानों को लाभ देगा। हरियाली के साथ किसानों की आमदनी भी होगी।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 19 Apr 2021 05:52 PM (IST) Updated:Mon, 19 Apr 2021 05:52 PM (IST)
वन विभाग से 10 रुपये में खरीदें पौधे, तीन साल बाद सात गुना लाभ
वन विभाग से 10 रुपये में खरीदें पौधे, तीन साल बाद सात गुना लाभ

जहानाबाद: आम के आम गुठलियों के भी दाम के तर्ज पर अब वन विभाग किसानों को लाभ देगा। किसान अपनी जमीन पर वन विभाग से पौधे खरीदकर लगा सकतें हैं। उसी पौधे का सात गुना अधिक मूल्य तीन साल बाद वन विभाग किसानों को देगी। इसके लिए किसानों को महज 10 रुपए प्रति पौधे की दर से खरीदारी वन विभाग से करनी होगी। पौधे यदि तीन वर्ष तक सही सलामत रह जाते हैं, तो उसके बदले वन विभाग प्रति पौधे की दर से उन्हें 60 रुपए का अनुदान देगा। प्रति पौधे की दर से 70 रुपए उनके खाते में वापस करेगा। इस योजना के लाभ के लिए किसानों को आवेदन जमा करना होगा।

जल जीवन हरियाली योजना के तहत संचालित इस योजना से किसान पौधारोपण कर एक पौधे पर 60 रुपए आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। इसके तहत किसान पौधों को अपनी खेतों के साथ मेड़ों पर भी लगा सकते हैं। इस योजना से हरियाली बढ़ाने के साथ किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी। इच्छुक किसानों को पौधे उपलब्ध कराने के लिए वन विभाग जिला मुख्यालय समते सभी प्रखंडों तथा बाणावर में संचालित नर्सरी में विभिन्न प्रकार के पौधों को तैयार कर रही है। आवेदन करने वाले किसानों के इच्छा के अनुसार वन विभाग के द्वारा फलदार तथा छायादार वृक्ष के पौधे उपलब्ध कराने की प्रक्रिया है। अपनी इच्छा के अनुसार मनचाहा पौधे ले सकते हैं। फिलहाल नर्सरी में सागवान, शीशम, आम, अमरूद, गमहार, जामुन, पीपल, नीम, पाकड़ समेत कई प्रकार के पौधे हैं। योजना के लाभ के लिए कैसे करें आवेदन इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसान को वन विभाग की वेबसाइट पर जाकर फॉर्म को डाउनलोड करना होगा। इसके अलावे वन विभाग के जिला कार्यालय कार्यालय में भी आवेदन मिलेगा। इस योजना के तहत एक किसान कम से कम 25 पौधे ले सकते हैं। अधिकतम पौधों की कोई सीमा नहीं होगी। एक एकड़ में 400 पौधे लगाए जा सकते है। पहले मिलते थे प्रति पौधे 35 रुपए कृषि वानिकी योजना के तहत पहले किसानों को तीन वर्षों में प्रति पौधे 35 रुपए दिए जाते थे। पहले व दूसरे वर्ष 10-10 रुपए और तीसरे वर्ष 15 रुपए दिए जाते थे। इस दौरान किसानों से सुरक्षित राशि नहीं ली जाती थी। अब नियमों में बदलाव कर पौधारोपण के माध्यम से किसानों की आमदनी बढ़ाने के साथ-साथ हरियाली का विस्तार की योजना बनाई गई है। क्या कहते हैं वनों के क्षेत्र पदाधिकारी हरियाली को लेकर जिले में पहले से हीं किसानों को प्रेरित किया जाता रहा है। जल्द ही इस नई योजना को लेकर सभी प्रक्रिया आरंभ हो जाएगी। यहां पौधों की कोई कमी नहीं है, जिस किसान को जितनी जरूरत होगी उसे पौधा उपलब्ध किया जाएगा।

केके सिंह

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