एएनएम लड़ा रहीं थीं गप्पे, अधिकाश कक्ष थे खाली
कहा जाता है कि चिकित्सक दूसरे भगवान होते हैं लेकिन वैश्विक महामारी में इनका दूसरा रूप देखने को मिल रहा है।
संवाद सहयोगी हुलासगंज, जहानाबाद : कहा जाता है कि चिकित्सक दूसरे भगवान होते हैं लेकिन वैश्विक महामारी में भी स्वास्थ्य कर्मी लापरवाही बरत रहे हैं। जागरण टीम द्वारा आयोजित हुलासगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ऑन द स्पॉट कार्यक्रम के दौरान देखने को मिला। सरकार द्वारा सारी सुविधाओं से सुसज्जित अस्पताल में पंजीयन कांउटर से लेकर अधिकारी के कक्ष खाली थे। मरीजों के लिए लगाए बेड भी चकाचक था। बेड भी उपलब्ध है। लेकिन मरीज का अभाव था। ड्यूटी पर तैनात एएनएम भी आपस में गप्प कर रही थी। पैथोलॉजी कक्ष, चिकित्सा प्रभारी के कक्ष सभी खाली पड़े थे। समय 11 बजे
अस्पताल के मुख्य प्रवेश द्वार पर ही रिसेप्शन काउंटर दिखा लेकिन वहां कोई नहीं था। सुरक्षा कर्मी भी गायब थे। पुरुष वार्ड में पंखा लाइट ऑन था लेकिन मरीज नदारत थे। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के कक्ष भी सुनसान पड़ा था।पंजीयन काउंटर पर बैठा युवक अर्द्ध निद्रा की स्थिति में था। दवा काउंटर पर मौजूद कर्मी कुर्सी पर पांव रखकर आराम फरमा रहा था। समय 11:30 बजे
अस्पताल के दो मंजिले पर प्रसूति कक्ष में तीन-चार महिला बेड पर थी। आवाज सुनते ही ममता और आशा दीदी भी दौड़कर कक्ष में दाखिल हो गई। मरी•ा को सलाह देने लग गई। दूसरे कक्ष तीन एएनएम आपस में गप्पें कर रही थी। किसी ने आवाज दिया कि संवाददाता आए हुए हैं। एएनएम मास्क नहीं पहनी थी तो मास्क ढूंढने लग गई। एक नर्स को तब भी मास्क नहीं मिला तो अपने पल्लू से चेहरा ढकते नजर आई। दंत चिकित्सक कक्ष में ताला बंद था। ऑपरेशन थियेटर कक्ष देखने से ऐसा लग रहा था कि महीनों से इसका ताला नहीं खुला है। चिकित्सक ड्यूटी कक्ष में भी ताला लगा नजर आया। हालांकि एक मैडम अपने ड्यूटी पर तैनात थी। समय:- 11:50 बजे
आउट डोर कक्ष में पहुंचा तो वहां डॉक्टर सुचेता अग्रवाल बैठी थीं। कक्ष के प्रवेश द्वार को बंद करने के लिए बेंच रखा था। उन्होंने बताया कि अब तक 40 मरीज देख चुके हैं। समय-12 बजे
आवास की तरफ से कुछ लोग आते जाते दिखे। टीकाकरण केंद्र पर एएनएम और एक सहायक बैठे थे। टीकाकरण केंद्र के बाहर बरामदे में लोग शारीरिक दूरी का पालन नहीं कर रहे थे।