मैट्रिक की परीक्षा में 257 परीक्षार्थी रहे अनुपस्थित

जहानाबाद। मैट्रिक की परीक्षा के दूसरे दिन शुक्रवार को प्रशासन की सजगता के कारण कदाचार मुक्त वातावरण में परीक्षा संपन्न हो गई।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 23 Feb 2019 12:42 AM (IST) Updated:Sat, 23 Feb 2019 12:42 AM (IST)
मैट्रिक की परीक्षा में 257 परीक्षार्थी रहे अनुपस्थित
मैट्रिक की परीक्षा में 257 परीक्षार्थी रहे अनुपस्थित

जहानाबाद। मैट्रिक की परीक्षा के दूसरे दिन शुक्रवार को प्रशासन की सजगता के कारण कदाचार मुक्त वातावरण में परीक्षा संपन्न हो गई। जिले के सभी 15 परीक्षा केंद्रों पर प्रशासनिक स्तर पर व्यापक इंतजाम किया गया था। जिन केंद्रों पर लड़कियां परीक्षा दे रही थी वहां महिला पुलिस मुश्तैदी के साथ जांच पड़ताल कर केंद्र के अंदर छात्राओं को प्रवेश करा रही थी। बीच-बीच में वरीय अधिकारी परीक्षा केंद्रों का भ्रमण कर व्यवस्था का जायजा लेते रहे। अधिकारियों द्वारा केंद्राधीक्षकों को कदाचार मुक्त वातावरण में परीक्षा संपन्न कराए जाने को लेकर आवश्यक निर्देश दिए जा रहे थे। मौके पर प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी सजगता के साथ शांतिपूर्ण तरीके से परीक्षा के संचालन में तत्पर थे। हालांकि दोनो पाली में किसी भी परीक्षार्थी को कदाचार के आरोप में परीक्षा से निष्कासित नहीं किया गया। प्रथम पाली के सामाजिक विज्ञान की परीक्षा में 11 हजार 910 परीक्षार्थियों को परीक्षा देना था लेकिन 11 हजार 778 परीक्षार्थी ही परीक्षा में शामिल हुए। इस प्रकार 132 परीक्षार्थी परीक्षा से अनुपस्थित रहे। दूसरी पाली में 11 हजार188 परीक्षार्थियों को परीक्षा में शामिल होना था लेकिन 11 हजार 63 परीक्षार्थी ही परीक्षा में शामिल हो सके। इस पाली में 125 परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे। बताते चलें कि जिले में 15 परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा का संचालन किया जा रहा है। आठ परीक्षा केंद्र पर छात्राएं तथा सात पर छात्र परीक्षा दे रहे हैं। कदाचार मुक्त वातावरण में परीक्षा के संचालन को लेकर पहले ही वरीय अधिकारियों द्वारा निर्देश जारी कर दिया गया था। परीक्षा कार्य में लगे सभी लोगों को बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के निर्देशों का अक्षरस: पूरा करने का निर्देश दिया जा चुका था। किसी भी परीक्षा केंद्र के बाहर अभिभावकों की भीड़ नहीं लग रही थी। केंद्र के दो सौ मीटर तक निषेधाज्ञा लागू रहने के कारण लोगों को ठहरने की इजाजत नहीं थी। केंद्र के मुख्य द्वार पर जिस तरह से सघन तलाशी के बाद कलम तथा प्रवेश पत्र को छोड़ अन्य किसी सामाग्री के बिना ही परीक्षार्थी अंदर प्रवेश कर रहे थे उससे चिट पुर्जा की तो कहीं गुंजाइश ही नहीं थी। वीक्षकों द्वारा इस बात का भी ख्याल रखा जा रहा था कि केंद्र के अंदर कोई परीक्षार्थी ताक झांक भी नहीं करें।

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