1442 किसानों को खाते में भेजी गई 17.86 करोड़ रुपये

जहानाबाद। केंद्र व राज्य की सरकार किसानों के लिए कई योजनाएं संचालित करने की बात करती है। सरकार की योजनाओं का उद्देश्य किसानों की बदहाली को दूर करना है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Feb 2019 01:03 AM (IST) Updated:Wed, 20 Feb 2019 01:03 AM (IST)
1442 किसानों को खाते में भेजी गई 17.86 करोड़ रुपये
1442 किसानों को खाते में भेजी गई 17.86 करोड़ रुपये

जहानाबाद। केंद्र व राज्य की सरकार किसानों के लिए कई योजनाएं संचालित करने की बात करती है। सरकार की योजनाओं का उद्देश्य किसानों की बदहाली को दूर करना है। इन योजनाओं में धान अधिप्राप्ति एक प्रमुख योजना है। जिसके तहत किसानों के उत्पाद को बेहतर मूल्य देने की सोंच निहित है। लेकिन इस बेहतर सोंच में क्रियान्वयन की धीमी प्रक्रिया लगातार बाधक बन रही है। धान अधिप्राप्ति के लिए 15 दिसंबर से ही प्रक्रिया प्रारंभ हो गई थी।31 मार्च तक 60 हजार मिट्रिक टन खरीद का लक्ष्य भी निर्धारित किया गया है लेकिन फिलहाल इस लक्ष्य के विरुद्ध जो कार्य दिख रहा है उससे इसकी प्राप्ति की आस काफी धुमिल नजर आ रही है। हालात यह है कि अब तक मात्र 30.57 फीसद धान की ही खरीददारी हो सकी है। अब तक 2599 किसानों से मात्र 18342.311 मिट्रिक टन धान की खरीद हो सकी है। धान अधिप्राप्ति को लेकर अब तक 1442 किसानों के खाते में 17.86 करोड़ रुपए भेजी जा चुकी है। विभिन्न पैक्सों तथा व्यापार मंडलों द्वारा 4671 मिट्रिक टन एसएफसी को चावल दे दिया है।

हालांकि इसके लिए सदर प्रखंड में कुल 12 पैक्स तथा एक व्यापार मंडल में क्रय केंद्र संचालित है। लेकिन इनमें से 12 पैक्स तथा एक व्यापार मंडल ने मात्र 394 किसानों से 2759.88 मिट्रिक टन धान की खरीद कर सकी है। इसी प्रकार रतनी प्रखंड में कुल 10 पैक्स में क्रय केंद्र संचालित है। 475 किसानों से 3444 मिट्रिक टन धान की खरीद कर सकी है। वहीं घोसी में कुल 10 पैक्स तथा एक व्यापार मंडल में क्रय केंद्र संचालित है। लेकिन इनमें से 10 पैक्स ने मात्र 272 किसानों से 1867.72 मिट्रिक टन धान की खरीद कर सकी है। इधर काको में कुल 16 पैक्स तथा एक व्यापार मंडल में क्रय केंद्र के माध्यम से धान की खरीद की प्रक्रिया संचालित की गई लेकिन 16 पैक्स ही अब तक धान खरीद प्रारंभ की है। इन पैक्सों ने 413 किसानों से 3052.11 मीट्रिक टन धान की ही खरीद की है। अगर बात करें मखदुमपुर की तो वहां भी स्थिति कुछ इसी तरह से है। इस प्रखंड में 20 पैक्स तथा एक व्यापार मंडल को धान खरीद की जिम्मेदारी दी गई है। जिसमें से अब तक 499 किसानों से 3770.98 मीट्रिक टन 20 पैक्सों तथा एक व्यापार मंडल द्वारा धान की खरीद की गई है। हुलासगंज में नौ पैक्स ने 410 किसानों से 2935.981 मिट्रिक टन धान की खरीद की है। सुखाड़ घोषित मोदनगंज प्रखंड में धान अधिप्राप्ति के लिए छह कार्यरत पैक्सों द्वारा 96 किसानों से 511.64 मिट्रिक टन की खरीद की गई है।

इस तरह धान अधिप्राप्ति का कार्य मंद गति से संचालित है। कार्य की शिथिलता का मुख्य वजह कागजी प्रक्रिया के जटिल प्रावधान माना जा रहा है। हालांकि शुरुआती समय में संबंधित अधिकारी नमी का हवाला देकर अपना पल्ला झाड़ते रहे हैं। क्या कहते हैं जिला सहकारिता पदाधिकारी धान अधिप्राप्ति का कार्य सभी निर्धारित पैक्सों तथा व्यापार मंडलों के माध्यम से किया जा रहा है। फिलहाल सभी प्रखंडों में धान क्रय का कार्य संचालित है। सभी को सरकारी नियम के अनुरुप धान खरीदने का निर्देश दिया गया है।जो पैक्स धान नहीं खरीद रहे हैं वहां के किसानों को निकटवर्ती पैक्स या व्यापार मंडल से जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि पिछले साल की अपेक्षा इस वर्ष धान अधिप्राप्ति की प्रक्रिया सही चल रहा है।

विद्या भूषण मिश्र

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