बाढ़ में तबाह परिवारों की बेबस आंखों को मुआवजे का इंतजार
गोपालगंज अगस्त माह में आयी भीषण बाढ़ ने जिले के पांच प्रखंडों में भारी तबाही मचाई। इस बाढ़
गोपालगंज : अगस्त माह में आयी भीषण बाढ़ ने जिले के पांच प्रखंडों में भारी तबाही मचाई। इस बाढ़ ने कई परिवारों को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया। बाढ़ की तबाही अब भी गांवों में स्पष्ट रूप से दिखती है, लेकिन प्रशासन के स्तर पर बाढ़ में तबाह हुए परिवारों को चार माह बाद भी मुआवजा राशि का भुगतान नहीं किया गया है। बाढ़ में तबाह परिवार के लोगों की आंखों में अब भी बेबसी दिखती है। कभी प्रखंड व अंचल कार्यालय तो कभी जिला मुख्यालय तक की दौड़ लगाते पीड़ित परिवार के लोग अब थक गए हैं, लेकिन उनके समक्ष अब भी यह सवाल यक्ष प्रश्न ही है कि उन्हें बाढ़ में हुए नुकसान का मुआवजा आखिर मिलेगा कब?
वर्ष 2020 में आयी भीषण बाढ़ ने भारी तबाही मचाई। सबसे अधिक प्रभाव बैकुंठपुर, बरौली व सिधवलिया प्रखंडों में पड़ा। बाढ़ के कारण जिले के करीब दो सौ गांवों की करीब तीन लाख की आबादी सीधे तौर पर प्रभावित हुई। इन गांवों के लोगों की सैकड़ों एकड़ में लगी धान व गन्ने की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई। सैकड़ों की संख्या में पक्के मकान बाढ़ में पूरी तरह से ध्वस्त हो गए। हजारों झोपड़ियां पानी की तेज धारा में बह गई। हजारों परिवारों के लोग करीब एक माह तक ऊंचे स्थानों व तटबंध पर शरण लेने को विवश हुए, तब प्रशासनिक स्तर पर बाढ़ पीड़ितों को मरहम लगाने के लिए छह-छह हजार रुपये की राशि देने की घोषणा की गई। करीब नब्बे प्रतिशत परिवारों को योजना का लाभ भी मिला। लेकिन इसके बाद प्रशासनिक स्तर पर बरती गई सुस्ती का असर यह हुआ कि बाढ़ में ध्वस्त हुए मकानों व फसल के मुआवजा राशि का भुगतान आज तक नहीं हो सका है।
चार माह में मकान की कीमत का नहीं हुआ आकलन
बाढ़ में ध्वस्त व क्षतिग्रस्त मकानों की कीमत का आकलन करने के बाद ही पीड़ित परिवार को मुआवजा देने का प्रावधान है, लेकिन चार माह की अवधि बीतने के बाद भी मकानों की क्षति के कीमत आकलन की प्रक्रिया ही पूर्ण नहीं हो सकी है। अब भी यह संचिका अंचल पदाधिकारी के स्तर से आगे नहीं बढ़ सकी है। ऐसा तब है जबकि बाढ़ से हुए नुकसान का अविलंब आकलन कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए गए थे। ऐसे में अभी हाल फिलहाल लोगों को फसल क्षति तथा मकानों की क्षति का तत्काल मुआवजा मिलने की उम्मीद कम ही नजर आ रही है। आपदा प्रबंधन विभाग तथा कृषि विभाग के अधिकारी भी वर्तमान समय में यह बता पाने की स्थिति में नहीं हैं कि पीड़ित परिवारों को कब तक मुआवजा की राशि मिल सकेगी।
कहां कितने कच्चे व पक्के मकानों को हुआ नुकसान
प्रखंड का नाम कच्चे व पक्के मकानों की संख्या
बैकुंठपुर 1337
बरौली 1321
सिधवलिया 1251
मांझा 381
गोपालगंज 223
कुल 4513 कहते हैं अधिकारी
बाढ़ में हुए नुकसान के आकलन की प्रक्रिया पूर्ण करने के बाद मुआवजा राशि के भुगतान की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया है। जल्द ही क्षतिग्रस्त मकानों के लिए निर्धारित नियम के अनुसार राशि का भुगतान किया जाएगा।
वीरेंद्र प्रसाद, अपर समाहर्ता