गोपालंगज सदर अस्पताल में अस्थाई इमरजेंसी वार्ड में इलाज शुरू

दो चिकित्सक व आठ स्वास्थ्य कर्मियों को किया गया है तैनात इमरजेंसी वार्ड में बेड की कमी हुई दूर डीएम डा. नवल किशोर चौधरी ने की थी पहल।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 12 May 2021 08:14 PM (IST) Updated:Wed, 12 May 2021 08:14 PM (IST)
गोपालंगज सदर अस्पताल में अस्थाई इमरजेंसी वार्ड में इलाज शुरू
गोपालंगज सदर अस्पताल में अस्थाई इमरजेंसी वार्ड में इलाज शुरू

जागरण संवाददाता, गोपालगंज : सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड के सामने बनाया गया अस्थाई इमरजेंसी वार्ड बुधवार को शुरू हो गया। अस्थाई इमरजेंसी वार्ड में पहले दिन 20 मरीजों को भर्ती किया गया। यहां भर्ती होने वाले मरीजों की देखभाल करने के लिए दो चिकित्सक तथा आठ स्वास्थ्य कर्मियों को तैनात किया गया है। वार्ड में मरीजों के भर्ती करने से इमरजेंसी वार्ड में बेड की कमी दूर हो गई है। पहले दिन डीएस डॉ. एसके गुप्ता इमरजेंसी वार्ड तथा अस्थाई इमरजेंसी वार्ड में भर्ती मरीजों का हाल जानने के साथ उनका बेहतर इलाज हो सके, इस पर नगर बनाए रहे।

इस वार्ड में 30 बेड लगाए गए हैं। इसी बीच कोरोना की दूसरी लहर में अचानक सांस लेने में तकलीफ से संबंधित मरीजों की संख्या काफी बढ़ गई। प्रतिदिन काफी संख्या में सांस लेने में दिक्कत से संबंधित मरीज अस्पताल पहुंचने लगे। जिससे इमरजेंसी वार्ड में बेड को लेकर समस्या खड़ी हो गई। बेड फुल हो जाने के कारण कई मरीजों को फर्श पर लेटाकर ऑक्सीजन चढ़ाया गया। इलाज करने में भी समस्याएं आने लगीं। यह देखते हुए जिलधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी के निर्देश पर इमरजेंसी वार्ड के सामने परिसर में अस्थाई इमरजेंसी वार्ड का निर्माण कराया गया। बुधवार को अस्थाई इमरजेंसी वार्ड चालू कर दिया गया। डीएस डॉ. एसके गुप्ता ने बताया कि इमरजेंसी वार्ड में आने वाले मरीजों को अब बेड की कमी नहीं होगी। इनसेट

मरीजों की अधिक संख्या से कम पड़ गए आक्सीजन सिलेंडर

गोपालगंज : सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में मरीजों को बुधवार को ऑक्सीजन को लेकर परेशानी उठानी पड़ी। अस्थाई इमरजेंसी वार्ड चालू होने से इमरजेंसी वार्ड तथा अस्थाई इमरजेंसी वार्ड में भर्ती मरीजों के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर कम पड़ गए। ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी के कारण कई मरीजों को समय पर ऑक्सीजन नहीं मिल पा रहा था। इस संबंध में डीएस डॉ. एसके गुप्ता ने बताया कि ऑक्सीजन को लेकर थोड़ी परेशानी मरीजों को उठानी पड़ी है। ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है।

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