नगर विकास विभाग में अटकी बस स्टैंड के कायाकल्प की योजना
गोपालगंज शहर के राजेंद्र बस स्टैंड का कायाकल्प करने की नगर परिषद की योजना अब पटरी स
गोपालगंज : शहर के राजेंद्र बस स्टैंड का कायाकल्प करने की नगर परिषद की योजना अब पटरी से उतर गई है। नगर परिषद ने राजेंद्र बस स्टैंड को मॉडल बस स्टैंड बनाने के लिए 4.50 करोड़ की योजना बनाकर कर स्वीकृति के लिए नगर विकास विभाग को भेजा था। लेकिन लंबी अवधि बीतने के बाद भी अब तक नगर विकास विभाग ने इस योजना को अपनी स्वीकृति नहीं दिया है।
शहर का राजेंद्र बस स्टैंड जिले का एक मात्र मुख्य बस पड़ाव है। इस स्टैंड से सूबे की राजधानी पटना, मुजफ्फरपुर से लेकर सिलीगुड़ी तथा रांची के लिए बसें चलती हैं। हर साल इस स्टैंड की बंदोबस्ती से नगर परिषद को लाखों रुपये की आय होती है। लेकिन इसके बाद भी इस स्टैंड मे यात्री सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है। यहां न तो यात्रियों के लिए बैठने की व्यवस्था है और ना ही बसों को खड़ी करने की ठीक व्यवस्था है। पूरे स्टैंड परिसर में कीचड़ पसरा रहता है। बारिश होने पर परिसर जलजमाव की चपेट में आ जाता है। जिससे यहां बस पकड़ने के लिए आने वाले यात्रियों को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है। जिसे देखते हुए दो साल पहले नगर परिषद ने इस बस स्टैंड का कायाकल्प करने की पहल शुरू किया। इस पहल के तहत बस स्टैंड परिसर में वातानुकूलित भवन बनाए जाने की नगर परिषद ने योजना बनाई। इस भवन में यात्रियों के बैठने की बढि़या व्यवस्था से लेकर टीवी भी लगाया जाना है। डिस्प्ले पर बस के बारे में सूचना देने से लेकर बस स्टैंड परिसर में मॉल भी बनाए जाने का प्रस्ताव था। जहां रेस्टोरेंट से लेकर यात्रियों की जरूरत के सभी सामान मिल सके। इंटरनेट का इस्तेमाल करने के लिए यहां वाई फाई की सुविधा भी उपलब्ध कराने की योजना तैयार की गई। साढ़े चार करोड़ की योजना तैयार कर नगर परिषद ने स्वीकृति के लिए नगर विकास विभाग को भेज दिया। लेकिन यह योजना नगर विकास विभाग की फाइलों में ही दब कर रह गई। हालांकि इसी बीच करीब एक साल पूर्व नगर विकास विभाग ने नगर परिषद को राजेंद्र बस स्टैंड का कायाकल्प करने के लिए फिर से प्रस्ताव भेजने का निर्देश दिया। इस निर्देश के बाद नगर परिषद ने नया प्रस्ताव विभाग को भेज दिया। लेकिन लंबी बीतने के बाद भी अब तक नगर विकास विभाग ने इस योजना को अपनी स्वीकृति नहीं दी है। राजेंद्र बस स्टैंड का कायाकल्प करने की यह योजना नगर विकास विभाग के फाइलों में फंस कर रह गई है।
कहते हैं नप के चेयरमैन
साढ़े चार करोड़ की राशि से राजेंद्र बस स्टैंड को हाईटेक बनाने की योजना दो साल पहले तैयार की गई थी। योजना तैयार करने के बाद प्राक्कलन बनाकर नगर विकास विभाग को भेजा गया था। लेकिन कोई रिस्पांस नहीं मिला। सरकार ने दोबारा राजेंद्र बस स्टैंड का कायाकल्प करने को लेकर प्रस्ताव मांगा था। नया प्रस्ताव तैयार कर नगर विकास विभाग को भेज दिया गया है। लेकिन अभी तक राशि का आवंटन नहीं मिला है।
हरेंद्र कुमार चौधरी, चेयरमैन, नगर परिषद