दुष्‍कर्म कर हत्‍या के मामले में पटना के युवक को रोहतास में उम्रकैद की सजा, दो वर्ष पहले की है घटना

जिले के बिक्रमगंज में करीब दो वर्ष पहले एक वारदात ने सनसनी फैला दी थी। बड़ी बहन का दुष्‍कर्म कर वहशी ने उसकी हत्‍या कर दी। छोटी बहन का भी जान लेने का प्रयास किया। हालांकि दोषी को अपने किए की सजा मिल गई है।

By Vyas ChandraEdited By: Publish:Tue, 26 Oct 2021 08:25 AM (IST) Updated:Tue, 26 Oct 2021 08:25 AM (IST)
दुष्‍कर्म कर हत्‍या के मामले में पटना के युवक को रोहतास में उम्रकैद की सजा, दो वर्ष पहले की है घटना
दुष्‍कर्म कर हत्‍या के दोषी को उम्रकैद की सजा। सांकेतिक तस्‍वीर

सासाराम (रोहतास), जागरण संवाददाता। जिले के बिक्रमगंज में करीब दो वर्ष पहले एक वारदात ने सनसनी फैला दी थी। बड़ी बहन का दुष्‍कर्म कर वहशी ने उसकी हत्‍या कर दी। छोटी बहन का भी जान लेने का प्रयास किया। हालांकि दोषी को अपने किए की सजा मिल गई है। हत्या, दुष्कर्म एवं जानलेवा हमला से जुड़े इस मामले में सुनवाई करते हुए एडीजे प्रथम गोपाल जी की अदालत ने पटना निवासी दोषी को उम्रकैद की सजा सुनाई है। एक आरोपित को बरी कर दिया गया। जानकारी के अनुसार सजायाफ्ता शंभू पांडेय पटना जिला के बिक्रम थाना के शिवगढ़ गांव का निवासी है। वहीं कोर्ट ने इस मामले के अन्य आरोपित धीरेन्द्र कुमार रंजन को पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में रिहा करने का आदेश जारी किया। 

विरोध करने पर रेत दिया था गला 

लोक अभियोजक चंद्रमा सिंह ने बताया कि घटना  20 जनवरी 2019 की है। बिक्रमगंज थाना क्षेत्र के एक मकान में शंभू पांडेय ने दुष्‍कर्म की घटना को अंजाम दिया था। इसके बाद हत्‍या भी कर दी। एक और बच्‍ची की जान लेने का प्रयास किया। वह दो बच्चियां, जो आपस में सगी बहने थीं, उन्‍हें बहला-फुसलाकर पहले अपने कमरे में ले गया। दोनों को खाने के लिए मिठाई दी। इसके बाद छोटी बहन को कमरे से बाहर बिठा दिया। फिर बड़ी बहन से दुष्‍कर्म की घटना को अंजाम दिया। बच्‍ची ने इसके बाद शोर मचाना शुरू किया तो पकड़े जाने के भय से गला रेतकर उसकी हत्‍या भी कर दी। छोटी बहन को भी चाकू से वार कर गंभीर रूप से जख्‍मी कर दिया था। मामले में अभियोजन पक्ष के तरफ से कुल 15 लोगों की गवाही हुई थी। दो‍ष सिद्ध होने पर कोर्ट ने शंभू पांडेय को उम्रकैद की सजा सुनाई। इसके साथ ही 15 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। वहीं एक आरोपित को पर्याप्‍त साक्ष्‍य नहीं होने के कारण रिहा करने का आदेश दिया। 

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