बैकुंठपुर में बच्चों में वायरल बुखार का प्रकोप, स्वास्थ्य विभाग अलर्ट

गोपालगंज। बैकुंठपुर प्रखंड क्षेत्र के बच्चों में वायरल बुखार का प्रकोप बढ़ गया है। इससे अभिभावक में बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर चिता बढ़ती जा रही है। पिछले चार- पांच दिनों में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दो दर्जन से अधिक वायरल बुखार से पीड़ित बच्चों को लेकर उनके अभिभावक पहुंच रहे हैं। प्रखंड क्षेत्र में बच्चों में वायरल बुखार का प्रकोप बढ़ते देख स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 07 Sep 2021 05:34 PM (IST) Updated:Tue, 07 Sep 2021 05:34 PM (IST)
बैकुंठपुर में बच्चों में वायरल बुखार का प्रकोप, स्वास्थ्य विभाग अलर्ट
बैकुंठपुर में बच्चों में वायरल बुखार का प्रकोप, स्वास्थ्य विभाग अलर्ट

गोपालगंज। बैकुंठपुर प्रखंड क्षेत्र के बच्चों में वायरल बुखार का प्रकोप बढ़ गया है। इससे अभिभावक में बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर चिता बढ़ती जा रही है। पिछले चार- पांच दिनों में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दो दर्जन से अधिक वायरल बुखार से पीड़ित बच्चों को लेकर उनके अभिभावक पहुंच रहे हैं। प्रखंड क्षेत्र में बच्चों में वायरल बुखार का प्रकोप बढ़ते देख स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा. अनिल सिंह ने बताया कि करीब एक माह से बच्चों में वायरल बुखार के मामले सामने आ रहे हैं, लेकिन इधर चार- पांच दिन में वायरल बुखार से पीड़ित बच्चों की संख्या अचानक बढ़ गई है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ही प्रतिदिन वायरल बुखार से पीड़ित दो दर्जन से अधिक बच्चों को लेकर उनके अभिभावक पहुंच रहे हैं। निजी अस्पतालों सहित सदर अस्पताल में भी काफी संख्या में वायरल बुखार से पीड़ित इस क्षेत्र के बच्चों को उनके अभिभावक इलाज कराने के लिए ले जा रहे हैं। इसको देखते हुए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। वहीं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बैकुंठपुर में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के चिकित्सा पदाधिकारी डा. आफताब आलम ने बताया कि इस समय मौसम में बदलाव हो रहा है, जिसके कारण बच्चे वायरल बुखार की चपेट में अधिक आ रहे हैं। अविभावकों को इस समय बच्चों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। बच्चों को ठंडे खाद्य व पेय पदार्थों का सेवन करने से परहेज करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि बच्चों को बुखार होने पर उन्हें तुरंत स्थानीय अस्पताल लेकर आएं। बिना चिकित्सकों की सलाह लिए बच्चों को कोई दवा न दें। बच्चों को वयस्क वाली दवाओं जैसे टैबलेट को तोड़कर खिलाने से परहेज करें। ऐसा न करने से बच्चों को दी जाने वाली दवा की खुराक में काफी फर्क आता है। अक्सर देखा जाता है कि बच्चा एक वर्ष का हो या पांच वर्ष का, उसे एक टैबलेट को चार टुकड़ा कर उसके एक चौथाई हिस्से को खिला दिया जाता है, जो वास्तविक खुराक नहीं बन पाता है। ऐसा करने से जिस बच्चे को डोज के हिसाब से कम दवा दिया गया, उसको ठीक होने में अधिक समय लगेगा। जिस बच्चे को दवा की अधिक डोज दिया गया है, उसे दवा का ओवर डोज नुकसान पहुंचा सकता है।

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