गोपालगंज में बिना रुके-थके मरीजों के दर्द पर मरहम लगा रहीं नर्सें

नर्स दिवस पर विशेष सेवा की मिसाल पेश कर कोविड के खिलाफ लड़ रहीं जंग घर परिवार से दूर दिन-रात कर रहीं ड्यूटी।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 11 May 2021 08:29 PM (IST) Updated:Tue, 11 May 2021 08:29 PM (IST)
गोपालगंज में बिना रुके-थके मरीजों के दर्द पर मरहम लगा रहीं नर्सें
गोपालगंज में बिना रुके-थके मरीजों के दर्द पर मरहम लगा रहीं नर्सें

जागरण टीम, गोपालगंज : कोरोना की दूसरी लहर का असर गांव-गांव में देखने को मिल रहा है। संक्रमित मरीजों की संख्या हर दिन बढ़ती जा रही है। इसी के साथ अस्पतालों पर दबाव भी बढ़ता जा रहा है। इस संकट काल में अस्पतालों में तैनात नर्सें बिना रुके, बिन थके अस्पतालों में मरीजों के दर्द पर मरहम लगा रही हैं। कोविड के खिलाफ चल रही जंग में सेवा की मिसाल बनी नर्सें अपने घर-परिवार से दूर रहकर दिन-रात ड्यूटी निभा रही हैं। इनके पद नाम अलग-अलग हैं। कोई एएनएम हैं तो कई जीएनएम। सदर अस्पताल से लेकर प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों तथा कोविड अस्पतालों से लेकर कोरोना वैक्सीनेशन व जांच केंद्रों पर ये अपनी सेवाएं दे रही हैं। इनमें से कुछ ऐसी हैं, जिन्होंने अपना कर्तव्य निभाने के लिए साल-नौ महीने में एक दिन भी अवकाश नहीं लिया है। इनसेट

फोटो फाइल : 11 जीपीएल 15

कैप्शन : जीएनएम अंशु

गोपालगंज : सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में तैनात जीएनएम अंशु कुमारी नौ महीने से अपने घर परिवार से दूर रह कर मरीजों की देखभाल कर रही हैं। कोरोना की दूसरी लहर में सांस लेने की तकलीफ से पीड़ित मरीजों की संख्या दिन-प्रतिदिन इमरजेंसी वार्ड में बढ़ती जा रही है। अंशु बिना अवकाश लिए 18 घंटे ड्यूटी कर रही हैं। बेगूसराय जिले के न्यू चाणक्य नगर निवासी अंशु ने कहा कि अभी संकट का समय है। हर किसी को जितना हो सके, कोरोना के खिलाफ चल रहे जंग को जीतने के लिए सहयोग करना चाहिए। इनसेट

फोटो फाइल : 11 जीपीएल 16

कैप्शन : सारिका कुमारी सुमन

गोपालगंज : सदर अस्पताल में एएनएम के पद पर तैनात सारिका देवी ओपीडी में ड्यूटी करने के साथ ही कोरोना जांच का काम भी कर रही हैं। ये प्रतिदिन 18 घंटे अस्पताल में अपनी सेवाएं दे रही हैं। बिहारी शरीफ की निवासी सारिका कुमारी पिछले एक साल से अपने घर नहीं गई हैं। ये बिना अवकाश लिए अपना फर्ज निभा रही हैं। सारिका कुमारी सुमन ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में अस्पतालों में मरीजों की संख्या काफी बढ़ गई है। इसी के साथ हर किसी की जिम्मेदारी भी बढ़ गई है। कोरोना का संकट दूर होने के बाद घर परिवार के बारे में सोचेंगे। अभी मरीजों की देखभाल कर फर्ज निभाने का समय चल रहा हैे। इनसेट

फोटो फाइल : 11 जीपीएल 17

कैप्शन : जीएनएम सीमा कुमारी

गोपालगंज : सदर अस्पताल में इमरजेंसी वार्ड में तैनात जीएनएम सीमा कुमारी दिन रात मरीजों की देखभाल कर रही हैं। कोरोना की दूसरी लहर में सबसे अधिक संख्या में इमरजेंसी वार्ड में मरीज पहुंच रहे हैं। कुछ समय से काम का दबाव काफी बढ़ गया है। सीमा अपने घर परिवार से दूर बिना अवकाश लिए प्रतिदिन 18 घंटे ड्यूटी कर रही हैं। राजस्थान के झुनझुन जिले की निवासी सीमा कुमारी ने नौ महीने से अवकाश नहीं लिया है। वे कहती हैं कि कोरोना की पहली लहर से राहत मिली ही थी कि दूसरी लहर आ गई। ये पहली लहर से अधिक घातक है। मरीजों की सेवा कर अपना कर्तव्य निभा रही हूं। इनसेट

फोटो फाइल : 11 जीपीएल 18

कैप्शन : ममता कुमारी

गोपालगंज : सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में तैनात जीएनएम ममता कुमारी ने पड़ोसी जिला का निवासी होने के बाद भी पिछले सात महीने में एक दिन भी अवकाश नहीं लिया है। ये दिन रात अस्पताल में मरीजों की देखभाल कर रही हैं। सिवान जिले के आंदर निवासी ममता कुमारी ने बताया कि पहले उनकी ड्यूटी कोरोना जांच केंद्र पर लगाई गई थी। इसी बीच इमरजेंसी वार्ड में मरीजों की संख्या बढ़ने पर उन्हें इमरजेंसी वार्ड में तैनात किया गया। वे कहती हैं कि दूसरी लहर में ग्रामीण इलाकों में भी कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ गए हैं। इमरजेंसी वार्ड में सांस की तकलीफ से दम तोड़ते मरीजों को देखकर दिल दहल जाता है। मरीजों की देखभाल कर उनका दर्द बांटने से मन को संतोष मिलता है।

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