बाहर से नहीं आए कद्रदान, ठंडा पड़ा आम का कारोबार

इस बार आम पर मौसम की मार पड़ गई है। मई महीने में हर साल की अपेक्षा औसत से अधिक बारिश होने तथा तापमान कम रहने से इस बार आम की पैदावार पहले ही प्रभावित हो गई।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 05:22 PM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 05:22 PM (IST)
बाहर से नहीं आए कद्रदान, ठंडा पड़ा आम का कारोबार
बाहर से नहीं आए कद्रदान, ठंडा पड़ा आम का कारोबार

जागरण संवाददाता, गोपालगंज : इस बार आम पर मौसम की मार पड़ गई है। मई महीने में हर साल की अपेक्षा औसत से अधिक बारिश होने तथा तापमान कम रहने से इस बार आम की पैदावार पहले ही प्रभावित हो गई। मौसम के असर से आम की मिठास पर असर पड़ने से इस बार बगीचे में बाहर से कद्रदान आम खरीदने नहीं आए। आम का कारोबार ठंडा पड़ने से आम के बगीचों के मालिक तथा आम के व्यापारियों को नुकसान हो रहा है। कोरोना की दूसरी लहर में लाकडाउन में बाजार बंद रहने के दौरान आम जिस कीमत पर बिक रही थी, बाजार पूरी तरह से खुलने के बाद भी वह कीमत नहीं मिल रही है। कीमत कम होने के बाद भी आम की बिक्री घट गई है।

जिले में डेढ़ हजार एकड़ में आम के बगीचे हैं। यूपी के सीमावर्ती कुचायकोट प्रखंड के कोट नरहवां से लेकर आसपास के इलाकों में आम के सबसे अधिक बगीचे हैं। यहां के आम के मीठे स्वाद के कद्रदान उत्तर प्रदेश के लोग भी हैं। उत्तर प्रदेश के फल व्यापारी आम के सीजन शुरू होने से पहले की यहां आकर आम के बगीचे के मालिक से आम का सौदा करते हैं। आमतौर पर बाहर से आने वाले फल व्यापारी बगीचे के मालिक से तीन साल का सौदा करते हैं। इस बार पहले से सौदा करने वाले यूपी के व्यापारी आम तैयार होने के शुरुआती चरण में बगीचे में आकर आम ले गए। लेकिन बाजारों में आम की मांग नहीं होने से यूपी के व्यापारियों ने यहां आकर बगीचे के मालिक से नया सौदा नहीं किया। अपने आम के बगीचे से हर साल अच्छी आय करने वाले कोट नरहवां के गुड्डू राय, टोला पलट राय निवासी अनिल राय, बंजरिया गांव निवासी विरेंद्र राय बताते हैं कि गर्मी पड़ने पर आम में अच्छा स्वाद आता है। लेकिन इस बार मई महीने में औसत से अपेक्षा अधिक बारिश तथा तापमान कम होने से आम की पैदावार के साथ ही स्वाद प्रभावित होने से आम के बगीचे के मालिकों को काफी नुकसान हुआ है। बाहर से व्यापारी नहीं होने से लोकल व्यापारी कम कीमत पर आम ले रहे हैं। बाजारों में भी कम कीमत होने के बाद भी आम की बिक्री घट गई है। कोरोना की दूसरी लहर में लाकडाउन के कारण बाजार बंद होने के बाद भी आम की जितनी खपत होती थी, बाजार खुलने के बाद भी उससे भी कम आम बिक्री हो रही है। वहीं फल के थोक व्यवसायी शहर के जंगलिया मोहल्ला निवासी छोटे मियां ने बताया कि बाजारों में आम उपलब्ध है। सड़कों के किनारे हर जगह ठेला पर आम दिख जाएंगे, लेकिन पहले की अपेक्षा काफी कम लोग आम खरीद रहे हैं। जिससे आम का कारोबार ठंडा पड़ता जा रहा है। बिक्री घटने से फल व्यापारी अब कम आम मंगा रहे हैं।

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