मंदिरों में की गई देवी के चौथे स्वरूप मां कूष्माण्डा की पूजा

जागरण संवाददाता गोपालगंज शारदीय नवरात्र के चौथे दिन रविवार को दुर्गा मंदिरों में मां भवा

By JagranEdited By: Publish:Sun, 10 Oct 2021 11:49 PM (IST) Updated:Sun, 10 Oct 2021 11:49 PM (IST)
मंदिरों में की गई देवी के चौथे स्वरूप मां कूष्माण्डा की पूजा
मंदिरों में की गई देवी के चौथे स्वरूप मां कूष्माण्डा की पूजा

जागरण संवाददाता, गोपालगंज : शारदीय नवरात्र के चौथे दिन रविवार को दुर्गा मंदिरों में मां भवानी के जयकारे गूंजते रहे। श्रद्धालुओं ने देवी के चौथे स्वरूप मां कूष्माण्डा की पूजा- अर्चना की। ऐतिहासिक थावे मंदिर में रविवार की सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। श्रद्धालु कतार में खड़े होकर मां भवानी का दर्शन करने के लिए जाते रहे। लछवार मंदिर, नकटो भवानी मंदिर, घोटाघाट मंदिर में भी श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए थावे दुर्गा मंदिर में सुरक्षा की तगड़ी व्यवस्था रही। मंदिर के मुख्य गेट से लेकर मंदिर परिसर में दंडाधिकारी के साथ पुलिस के जवान तैनात रहे। मंदिर परिसर में चारों तरफ लगे सीसी कैमरे के माध्यम से भी पदाधिकारी हर गतिविधियों पर नजर बनाए रहे।

नवरात्र में ऐतिहासिक थावे दुर्गा मंदिर में दूर-दूर से श्रद्धालु मां भवानी का दर्शन करने आते हैं। शारदीय नवरात्र के चौथे दिन रविवार की सुबह से ही थावे दुर्गा मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है। दिन चढ़ने के साथ मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ती गई। इस दौरान मां भवानी के जयकारे से पूरा मंदिर परिसर गूंजता रहा। श्रद्धालु कतार में खड़े होकर मां थावे भवानी का दर्शन करने के लिए जाते रहे। काफी संख्या में सीमावर्ती उत्तर प्रदेश के कुशीनगर तथा देवरिया जिले से भी श्रद्धालु थावे दुर्गा मंदिर में मां भवानी की पूजा अर्चना करने पहुंचे थे। कुशीनगर के तमकुही राज से थावे मंदिर अपने परिवार के सदस्यों के साथ पूजा अर्चना करने पहुंचे सुधीर सिंह ने बताया कि वह हर नवरात्र को मां थावे भवानी का दर्शन करने आते हैं। उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के भटनी से आए रामधनी कुशवाहा ने बताया कि मां थावे भवानी का दर्शन करने के लिए उनके इलाके के काफी संख्या में लोग आते हैं। श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए मंदिर परिसर में सुरक्षा की तगड़ी व्यवस्था दिखी। मुख्य गेट, निकासी द्वार से लेकर मंदिर परिसर में दंडाधिकारी के साथ पुलिस के जवान तैनात रहे। नवरात्र के चौथे दिन जिला मुख्यालय के दुर्गा मंदिर, बरौली के नकटो भवानी मंदिर, घोड़ाघाट मंदिर, लछवार मंदिर, जलालपुर स्थित दुर्गा मंदिर तथा हीरमती रानी मंदिर में भी पूजा अर्चना के लिए काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। थावे मंदिर के पुजारी सुरेश पाण्डेय ने नवरात्र के चतुर्थ के महत्व के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि त्रिविध तापयुक्त संसार जिनके उदर में स्थित है, वे भगवती कूष्माण्डा कहलाती हैं। इस देवी की आठ भुजाएं हैं, इसलिए यह अष्टभुजी भी कहलाई। इनके सात हाथों में कमंडल, धनुष, बाण, कमल, अमृत घट, चक्र और गदा है। आठवें हाथ में सभी सिद्धियों और निधियों को देने वाली जप माला है। इस देवी का वाहन सिंह है। इनकी पूजा से आयु, यश, बल और आरोग्य की प्राप्ति होती है। उन्होंने बताया कि मां के इस दिव्य स्वरूप के ध्यान से हमें यह प्रेरणा मिलती है कि सृजन में रत रहकर हम अपने मन को विकारों से बचा सकते हैं और अपने जीवन में हास-परिहास को स्थान दे सकते हैं।

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