बांध पर कट रही जिदगी, चचरी पर बैठकर भोजन तलाश रहे बाढ़ पीड़ित

गोपालगंज। गंडक नदी के जलस्तर बढ़ने से दियारा इलाके के लोगों की जिदगी मझधार में फंस गई है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 06:37 PM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 06:37 PM (IST)
बांध पर कट रही जिदगी, चचरी पर बैठकर भोजन तलाश रहे बाढ़ पीड़ित
बांध पर कट रही जिदगी, चचरी पर बैठकर भोजन तलाश रहे बाढ़ पीड़ित

गोपालगंज। गंडक नदी के जलस्तर बढ़ने से दियारा इलाके के लोगों की जिदगी मझधार में फंस गई है। बाढ़ का पानी गंडक नदी के निचले इलाके के गांवों में घुसने के बाद घर छोड़कर पलायन करने को मजबूर हुए ग्रामीणों की जिदगी बांध पर कट रही है। बांध पर तंबू बनाकर रह रहे बाढ़ पीड़ितों के लिए प्रशासनिक स्तर पर अभी तक सामुदायिक किचन की व्यवस्था शुरू नहीं हो सकी है और ना ही बाढ़ से घिरे गांवों के लिए नाव की व्यवस्था की गई है। बांध पर शरण लिए ग्रामीण बांस से बनाई गई चचरी पर बैठकर बाढ़ के पानी से होकर भोजन की तलाश कर रहे हैं। निचले इलाके के गांवों से पलायन कर दियारा के ऊंचे इलाकों में पहुंचे बाढ़ से प्रभावित ग्रामीण प्रशासनिक स्तर पर भोजन-पानी की व्यवस्था शुरू होने की उम्मीद लगाए हुए हैं।

गंडक नदी के किनारे बसे सदर प्रखंड की कटघरवा पंचायत तथा जगीरी टोला पंचायत के गांवों में गंडक नदी का जलस्तर बढ़ने से सबसे अधिक असर पड़ा है। कटघरवा पंचायत के खाप मकसुदपुर, मकुनिया, मेंहदिया तथा जगीरीटोला के मंगुराहा, मझरिया सहित आधा दर्जन से अधिक गांवों में बाढ़ का पानी घुसने से इन गांवों के लिए गांव छोड़कर बांध और ऊंचे स्थान पर शरण लिए हैं। बांध पर पलायन कर पहुंचे लोगों की बस्ती बसने लगी है। प्लास्टिक के तंबू तान कर बांध पर शरण लिए ग्रामीणों के सामने भोजन व पानी का संकट मुंह बाए खड़ी है। इन प्लास्टिक के तंबुओं में घर की महिलाएं और बच्चों के साथ शरण लिए बाढ़ पीड़ित लोग चचरी पर बैठकर बाढ़ के पानी से होकर बाहर निकल भोजन की व्यवस्था कर रहे हैं। भोजन के नाम पर इनके पास चिउड़ा और मीठा ही है। इसे खाकर महिलाएं और बच्चे पेट भर रहे है। पानी से घीरे होने के बाद भी पीने के लिए पानी के लिए भी बाढ़ प्रभावित लोगों को भटकना पड़ा रहा है। बाढ़ के पानी में घिरे मकसुदपुर गांव में अपने घर को छोड़कर बांध पर शरण ले रहीं जानकी देवी ने बताया कि घर में सामान पड़ा हुआ है। नाव उपलब्ध नहीं होने से सामान नहीं निकाल पा रहे हैं। बांध पर तंबू तान कर शरण लिए हुए हैं। भोजन पर भी आफत आ गई है। चिउड़ा तथा मीठा खाकर जिदा रहने के लिए पेट भर रहे हैं। बांध पर शरण ले रहे बाढ़ पीड़ितों ने बताया कि अभी तक प्रशासन की तरफ से कोई मदद नहीं मिला है। प्रशासन ने भोजन की व्यवस्था नहीं किया तो घर की महिलाओं और बच्चों के साथ खाली पेट रहना पड़ेगा। मवेशियों के लिए चारे का खड़ा हो गया है संकट

गोपालगंज : दियारा के निचले इलाके के गांवों में पानी भर जाने के बाद बाढ़ प्रभावित लोग बांध पर शरण लिए हुए हैं। उनके साथ उनके मवेशी भी हैं। कुछ लोगों ने रजोखर गांव स्थित हाई स्कूल में बनाए गए जिला प्रशासन के शरण स्थल में शरण लिया है। लेकिन इस शरण स्थल पर अभी तक भोजन की व्यवस्था नहीं शुरू नहीं हो सकी है। यहां शरण लिए बाढ़ पीड़ितों को अपने भोजन के साथ ही मवेशियों के लिए चारे की व्यवस्था करने की चिता भी सता रही है। मवेशियों के लिए चारे का संकट खड़ा हो गया है। यहां शरण लिए सतेंद्र राम, गिरेन राम, मनोज मिथुन, हरेराम राम, देवी राम, धर्मेंद्र राम, मंजीत राम, रामू राम, सत्यनारायण राम ने बताया कि मजदूरी कर अपना तथा परिवार का जीवन यापन करते हैं। गांव में पानी घुस जाने के कारण स्कूल परिसर में रह रहे है। लेकिन भोजन तथा मवेशियों के लिए चारे की व्यवस्था यहां नहीं है। इस शरण स्थल पर सदर प्रखंड के सीओ विजय कुमार सिंह आकर हाल जाना था। उन्होंने तीन अस्थाई शौचालय की व्यवस्था कराई दिया है। भोजन तथा मवेशियों के लिए चारे की व्यवस्था कराने का उन्होंने आश्वासन दिया है। यहां शरण लिए लोग इस आश्वासन के पूरा होने की अभी राह देख रहे हैं।

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