उन्नत खेती के साथ पशुपालन व मत्स्य पालन की दी गई जानकारी

थावे प्रखंड की रामचंद्रपुर पंचायत के हरपुर गांव में शनिवार को किसान चौपाल लगाई गई।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 06 Nov 2021 05:20 PM (IST) Updated:Sat, 06 Nov 2021 05:20 PM (IST)
उन्नत खेती के साथ पशुपालन व मत्स्य पालन की दी गई जानकारी
उन्नत खेती के साथ पशुपालन व मत्स्य पालन की दी गई जानकारी

संवाद सूत्र, थावे (गोपालगंज) : थावे प्रखंड की रामचंद्रपुर पंचायत के हरपुर गांव में शनिवार को कृषि विभाग ने किसान चौपाल लगाकर किसानों को उन्नत तरीके से खेती करने के साथ ही पशुपालन तथा मत्स्यपालन के बारे में विस्तार से जानकारी दिया। चौपाल में कृषि समन्वयक राकेश मिश्रा ने कहा कि 15 नवंबर से 15 दिसंबर तक गेहूं की फसल की बुआई के लिए उपयुक्त समय होता है। जीरो टिलेज विधि से गेहूं की बुआई करने की किसानों को सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि इस विधि से बुआई करने से बीज कम लगती है। किसान श्री विधि से बुआई कर कम लागत में अच्छी उपज ले सकते है। गेंहू की बुआई के बाद खरपतवार नाश दवा के इस्तेमाल के बारे मे जानकारी दी गईं। किसानों को गेहूं के साथ सरसों, मटर चना, तोरा, तीसी तथा बागवानी में आम औऱ केला आदि के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी गई। किसानों को बताया गया कि सरसों, चना औऱ मसूर का बीज प्रखंड में किसानों के लिए आ गया है। जिन किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया है, उनके मोबाइल पर ओटीपी जाएगा। ओटीपी नंबर के आधार पर किसान कार्यालय पर आकर अनुदानित दर पर बीज प्राप्त कर सकते हैं। चौपाल में किसान सलाहकार जयराम सिंह, ब्रह्मा भगत, सतन चौधरी, विनोद भगत, विजय सिंह, बृजकिशोर सिंह सहित काफी संख्या में किसान मौजूद रहे।

इनसेट

भोरे में लगाया गया प्रखंड स्तरीय रबी कार्यशाला

भोरे (गोपालगंज) : भोरे प्रखंड मुख्यालय स्थित ई किसान भवन परिसर में शनिवार को कृषि प्रबंध अभिकरण आत्मा के तत्वाधान में रबी महाअभियान के तहत प्रखंड स्तरीय रबी कार्यशाला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में कृषि विज्ञानी डा.रामकृष्ण राव ने खेती की उन्नत तकनीकी तथा नकदी फसल की खेती करने के बारे में जानकारी दिया। उन्होंने खेत की मिट्टी के अनुसार फसल लगाने की सलाह किसानों को दिया। कार्यशाला में किसानों ने भी खेती बारी को लेकर सवाल किया। एक किसान ने जंगली जानवरों द्वारा फसलों के नुकसान के समाधान के बारे में पूछा गया। इस सवाल पर डा. रामकृष्ण राव ने बताया कि बायो एसटिक साउंड को खेत में लगा देने के बाद मशीन के 500 मीटर की परिधि में कोई भी जंगली जानवर नहीं आते हैं, यह मशीन 500 मीटर की परिधि में तरंग उत्पन्न करता है। कार्यशाला में ब्लाक टेक्निकल मैनेजर सुनील तिवारी ने किसानों को खेती की नई तकनीकी तथा नकदी फसलों की रोपाई करने के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि दलहन, तिलहन व सब्जी की खेती कर किसान कम लागत में अधिक मुनाफा ले सकते हैं। कार्यशाला में प्रखंड कृषि पदाधिकारी संतोष कुमार शर्मा, कृषि तकनीकी प्रबंधक हरीभूषण सिंह, अंजली राय, कृषि समन्वयक आनंद राय, अमोद कुमार, कृष्ण कुमार चौबे, आशुतोष कुमार, कृषि प्रबंध अभिकरण आत्मा के प्रखंड अध्यक्ष लालसा देवी, सुनील कुमार सिंह सहित काफी संख्या में किसान मौजूद रहे।

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