गोपालगंज में तेजी से बढ़ रहा संक्रमण, 192 गांवों को बनाया गया कंटेनमेंट जोन

बुखार लगने पर ग्रामीण चिकित्सक से इलाज करा रहे ग्रामीण कोविड टेस्ट कराने से कर रहे अधिकांश लोग परहेज।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 16 May 2021 09:01 PM (IST) Updated:Sun, 16 May 2021 09:01 PM (IST)
गोपालगंज में तेजी से बढ़ रहा संक्रमण, 192 गांवों को बनाया गया कंटेनमेंट जोन
गोपालगंज में तेजी से बढ़ रहा संक्रमण, 192 गांवों को बनाया गया कंटेनमेंट जोन

जागरण संवाददाता, गोपालगंज : जिले के ग्रामीण इलाकों में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैलता जा रहा है। संक्रमण फैलने का मुख्य कारण कोरोना जांच कराने के प्रति लोगों का सजग नहीं होना है। सर्दी, जुकाम व बुखार आने की स्थिति में ग्रामीण हाट बाजार में मौजूद झोला छाप चिकित्सकों से ग्रामीण इलाज करा रहे हैं। इस इलाज के बाद बुखार तो उतर रहा है, लेकिन यह ग्रामीणों के लिए घातक सिद्ध होने लगा है। तेजी से गांवों का कंटेनमेंट जोन में तब्दील होना इस बात का पुख्ता सबुत है। वर्तमान समय में कोविड की चपेट में आए जिले के 192 गांव कंटेनमेंट जोन में शामिल हैं। ग्रामीण इलाके में तेजी से बढ़ रहे संक्रमण को देखते हुए प्रशासनिक पदाधिकारियों ग्रामीणों से बीमारी से नहीं डरने, तथा इसका सही तरीके से इलाज कराने की अपील की है।

कोरोना की दूसरी लहर बड़े शहरों में प्रारंभ होने के बाद शहर से लोग अपने घरों को लौटे। घर लौटने वाले कुछ लोगों में सर्दी, खांसी व बुखार जैसे लक्षण दिखे। प्रारंभ में लोगों ने इसकी दवा मेडिकल स्टोर से खरीदकर खाई। इसके बाद भी बुखार नहीं उतरने पर ग्रामीण चिकित्सकों के संपर्क में आ गए। ग्रामीण चिकित्सकों से बीमारी का इलाज कराने वाले लोग दो गज दूरी व मास्क के नियम को भूल गए। इस बीच इनके संपर्क में आए लोग भी कोविड से संक्रमित होते गए। यहीं कारण है कि गांवों में कोरोना संक्रमण का ग्राफ हाल के दिनों में बढ़ गया है। बावजूद इसके ग्रामीण क्षेत्र के लोग इस बात को मानने को तैयार नहीं हैं। गांवों के लोग आज भी कोविड टेस्ट कराने से बच रहे हैं। ऐसे में मामूली सर्दी खांसी व बुखार समझकर इलाज कराने वाले लोगों के लंग्स तक संक्रमण पहुंच जा रहा है, जो लोगों की मौत का एक बड़ा कारण बन गया है।

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कंटनमेंट जोन में प्रशासनिक स्तर पर जारी है पाबंदी

गोपालगंज : जिले में प्रत्येक दिन संक्रमण की रफ्तार बढ़ने के कारण नए कंटेनमेंट जोन बनाए जा रहे हैं। वर्तमान समय में 192 गांवों को कंटेनमेंट जोन बनाकर वहां पाबंदियों को लागू किया गया है। इन गांवों में आवागमन पर भी रोक का आदेश लागू है। बावजूद इसके कंटेनमेंट जोन में शामिल गांवों के लोग भी बाहर निकल रहे हैं। इसके कारण संक्रमण का दायरा और बढ़ता जा रहा है।

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कई गांवों में दिख रही सन्नाटे की स्थिति

गोपालगंज : ग्रामीण क्षेत्र में लोगों की मौत के आंकड़े लगातार बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में ग्रामीणों के मन में कोविड को लेकर भय बढ़ता जा रहा है। यहीं कारण है कि ग्रामीण क्षेत्र में सन्नाटे की स्थिति रह रही है। सदर प्रखंड के अलावा कुचायकोट, फुलवरिया, बरौली, हथुआ, भोरे, थावे तथा मांझा प्रखंड के कई गांवों में लोग कोविड को लेकर सहमे दिख रहे हैं।

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क्या कहते हैं चिकित्सक

सर्दी, खांसी व बुखार होने की स्थिति में कोविड जांच कराना अनिवार्य है। कोविड जांच में अगर कोरोना की पुष्टि होती है तो तत्काल उसका इलाज किया जाना चाहिए। कोरोना संक्रमण होने की स्थिति में पर्याप्त इलाज नहीं होने पर दो से तीन दिन में यह जानलेवा हो जा रहा है। ऐसे में जरुरत इस बात की है कि हल्के संक्रमण के लक्षण दिखने पर भी लोग इसकी जांच कराएं।

डॉ. कैप्टन एसके झा

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