बाढ़ में ध्वस्त हो गए मकान, पर मुआवजा सूची में अब तक नहीं जुड़ा नाम

संवाद सूत्रबैकुंठपुर (गोपालगंज) पिछले साल सारण तटबंध टूटने से आई गंडक नदी के विनाश

By JagranEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 11:40 PM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 11:40 PM (IST)
बाढ़ में ध्वस्त हो गए मकान, पर मुआवजा सूची में अब तक नहीं जुड़ा नाम
बाढ़ में ध्वस्त हो गए मकान, पर मुआवजा सूची में अब तक नहीं जुड़ा नाम

संवाद सूत्र,बैकुंठपुर (गोपालगंज) : पिछले साल सारण तटबंध टूटने से आई गंडक नदी के विनाशकारी बाढ़ से मची तबाही का दर्द अब भी बाढ़ पीड़ित झेल रहे हैं। इस बाढ़ में सैकड़ों मकान ध्वस्त हो गए थे। तब सरकार ने बाढ़ में क्षतिग्रस्त हुए मकानों का मुआवजा देने की घोषणा की थी। सरकार की घोषणा के बाद प्रशासनिक स्तर पर बाढ़ में जिन लोगों का मकान क्षतिग्रस्त हो गया था, उनकी सूची तैयार किया। सूची तैयार करने के बाद क्षतिग्रस्त मकानों का मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू की गई। लेकिन इस सूची में दर्जनों ऐसे बाढ़ पीड़ितों का नाम नहीं दर्ज हो सका, इनके मकान बाढ़ में क्षतिग्रस्त हो गया था। ऐसे बाढ़ पीड़ितों ने सूची में नाम जोड़ने के लिए अंचल कार्यालय में आवेदन दिया, लेकिन अब तक इन लोगों का नाम सूची में नहीं जोड़ा गया है। बाढ़ पीड़ित सूची में नाम दर्ज कराने के लिए प्रखंड से लेकर अंचल कार्यालय का चक्कर लगाते लगाते थक चुके हैं।

पिछले साल जुलाई माह में आठ जगहों पर तटबंध टूट जाने से बैकुंठपुर प्रखंड की सभी पंचायतें जलमग्न हो गई थीं। बाढ़ के पानी की तेज धारा में सैकड़ों घर ध्वस्त हो गए थे। बाढ़ का पानी उतरने के बाद बाढ़ प्रभावित गांवों में प्रशासनिक स्तर पर बाढ़ में क्षतिग्रस्त हुए मकानों का आकलन कर सूची तैयार की गई। लेकिन इस सूची में दर्जनों ऐसे बाढ़ पीड़ितों का नाम दर्ज छूट गया, जिनका मकान बाढ़ में ध्वस्त हो गया था। बाढ़ पीड़ितों ने इसकी शिकायत अंचल कार्यालय में की। अंचल कार्यालय द्वारा गृह क्षति वाली सूची में छूटे बाढ़ पीड़ितों का नाम जोड़ने की कवायद 15 महीने पहले शुरू की गई, लेकिन अबतक कई बाढ़ पीड़ितों का नाम गृह क्षति वाली सूची में नहीं जुड़ सका है। गम्हारी पंचायत के बलहां गांव निवासी रत्नेश तिवारी बताते हैं कि अधिकतर ध्वस्त मकानों के स्वामी का नाम सूची में नहीं जोड़ा गया है। बाढ़ में उनका बलहां स्थित मकान ध्वस्त हो गया, लेकिन उनका नाम सूची में दर्ज नहीं की गई है। अंचल पदाधिकारी को कई बार आवेदन दिया गया, लेकिन उनका नाम अबतक गृह क्षति वाले सूची में नहीं जोड़ा गया। जिनलोगों का नाम जुड़ा भी उनको अबतक गृह क्षति का मुआवजा नहीं मिल सका है। कई माह तक प्रखंड व अंचल कार्यालय का चक्कर लगाकर बाढ़ प्रभावित इलाके के लोग अब थक चुके हैं। उनका सुनने वाला कोई नहीं है। इस संबंध में पूछे जाने पर अंचल पदाधिकारी सुनील कुमार ने बताया कि अबतक 118 लोगों के खाते में गृह क्षति मुआवजा की राशि भेजी जा चुकी है। वंचित लोगों के खाते में भी राशि भेजने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। सरकार के नीतिगत निर्णय के बाद जिनका नाम छूट गया है, वैसे बाढ़ पीड़ितों का नाम गृह क्षति वाली सूची में जोड़ा जाएगा।

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