अमरूद की होगी व्यावसायिक खेती, मिलेगा अनुदान
गोपालगंज अब जिले में अमरूद की व्यावसायिक तौर पर खेती की जाएगी। कृषि विभाग ने जिले में अमरूद क
गोपालगंज : अब जिले में अमरूद की व्यावसायिक तौर पर खेती की जाएगी। कृषि विभाग ने जिले में अमरूद की खेती के लिए 50 हेक्टेयर का लक्ष्य निर्धारित करते हुए किसानों को इसके लिए बकायदा प्रशिक्षण देने की कवायद को प्रारंभ कर दिया है। अमरूद की खेती करने वाले किसानों को अनुदानित दर पर पौधों को उपलब्ध कराया जाएगा। ताकि वे अधिक से अधिक रकबा में इसकी खेती कर सकें।
एक समय था कि जब हर घर के आंगन व दरवाजे के समीप ही अमरूद के पेड़ होते थे। गांव के बगीचे में भी आम के बाद अमरूद के ही पेड़ नजर आते थे। लेकिन समय के साथ अमरूद बगीचों से गायब होती चली गई। घर-घर के सामने दिखने वाले अमरूद के पेड़ अब कुछ ही घरों के सामने नजर आने लगे। अमरूद के प्रति लोगों की रुचि कम होता देखकर कृषि व उद्यान विभाग ने अमरूद की मिठास को बढ़ाने के लिए इसकी बकायदा खेती कराने की पहल की है। कृषि विभाग ने थावे प्रखंड सहित जिले के सभी प्रखंडों में अमरूद की व्यवसायिक खेती करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। अमरूद की खेती के लिए जिले के साथ ही सभी प्रखंडों के लिए भी लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिला कृषि पदाधिकारी वेदनायायण सिंह बताते हैं कि जिले में पहले चरण में 50 हेक्टेयर में अमरूद की व्यवसायी खेती करने के लिए लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिए सभी प्रखंडों के लिए भी लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रति हेक्टेयर में अमरूद के 1111 पौधे लगाए जाएंगे। प्रति पौधे की कीमत 30 रुपये होती है। किसानों को अनुदान पर पौधे उपलब्ध कराए जाएंगे। अमरूद की खेती करने वाले किसानों को पहले साल 90 प्रतिशत पौधे बचने पर अनुदान दिया जाएगा। दूसरे साल भी 90 प्रतिशत पौधे पर अनुदान दिया जाएगा। अनुदान की राशि किसानों के बैंक खाते में भेजी जाएगी। इसके साथ ही किसानों को उन्नत तरीके से अमरूद की खेती करने के लिए प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि अमरूद की खेती करने के लिए किसानों को चयनित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। चयनित किसानों को ही अनुदान का लाभ दिया जाएगा।
केला व पपीता पर भी मिलेगा अनुदान
अमरूद के साथ ही केला तथा पपीता की खेती करने वाले किसानों का अनुदान दिया जाएगा। जिला कृषि पदाधिकारी वेदनारायण सिंह ने बताया कि चयनित किसानों को पपीता के पौधे नि:शुल्क दिए जाएंगे। इसके साथ ही पपीता की खेती करने वाले किसानों को दो साल तक अनुदान भी दिया जाएगा। इसी तरह केले की खेती करने वाले किसानों को भी अनुदान मिलेगा। दो साल तक उनके खाते में अनुदान की राशि दी जाएगी।