अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा गोपालगंज के बिजुलपुर का सरकारी पोखर

सहेज लो हर बूंद प्रखंड मुख्यालय के समीप स्थित पोखरे पर नहीं पड़ रही प्रशासन की नजर लंबे समय से गांव के इस पुराने पोखर की नहीं हुई सफाई गर्मी में नहीं रहता पानी।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 10 Apr 2021 09:13 PM (IST) Updated:Sat, 10 Apr 2021 09:13 PM (IST)
अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा गोपालगंज के बिजुलपुर का सरकारी पोखर
अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा गोपालगंज के बिजुलपुर का सरकारी पोखर

संवाद सूत्र, बैकुंठपुर (गोपालगंज) : प्रखंड मुख्यालय के समीप स्थित बिजुलपुर गांव का पुराना सरकारी पोखर अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है। सरकार द्वारा संचालित जल-जीवन हरियाली अभियान के बावजूद इस पोखर पर किसी भी अधिकारी की नजर नहीं पड़ी है। ऐसे में स्थानीय जनप्रतिनिधियों से लेकर शासन तक से उपेक्षित इस पोखर की हालत दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है।

प्रखंड मुख्यालय से सटे बिजुलपुर गांव में दिघवा दुबौली बाजार से बिजुलपुर जाने वाली सड़क के किनारे स्थित यह पोखर करीब दो एकड़ क्षेत्रफल में है। करीब तीन दशक पूर्व तक इस पोखर के पानी से लोग खेतों की सिचाई करने से लेकर मवेशियों को नहलाने तक का काम करते थे। तब इस पोखर की हमेशा सफाई होती थी। सालों भर पानी भरा रहता था। समय के साथ पोखर की ओर लोगों का ध्यान कम होने लगा। स्थानीय लोगों ने पोखरे की जमीन पर अतिक्रमण प्रारंभ कर दिया। अतिक्रमण का ही नतीजा है कि इस पोखर का भिडा वर्तमान समय में समाप्त होने के कगार पर पहुंच गया है। सिरसा मानपुर पंचायत में स्थित बिजुलपुर गांव के इस तालाब के आसपास तक प्रखंड स्तरीय कार्यालय हैं। प्रखंड मुख्यालय के नजदीक स्थित इस पोखरे की साफ-सफाई से लेकर जीर्णोद्धार का कार्य नहीं होना बड़ा सवाल खड़ा करता है। पोखरे की लगातार उपेक्षा तथा इसकी सफाई नहीं होने के कारण इसकी गहराई काफी कम हो गई है। ऐसे में गर्मी के महीने में इसमें पानी सूख जाता है। स्थानीय ग्रामीणों की मानें तो आने वाले दो चार वर्षों में अगर स्थिति यही रही, तो यहां से पोखरे का अस्तित्व हमेशा के लिए समाप्त हो जाएगा। और इसकी पूरी जवाबदेही शासन स्तर के अधिकारियों की होगी।

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