गोपालगंज में बाढ़ का कहर जारी, ऊंचे स्थानों पर लोगों ने बनाया ठिकाना

गोपालगंज। वाल्मीकिनगर बराज से लगातार पानी का डिस्चार्ज दो लाख क्यूसेक से अधिक रहने के कारण लोगों की मुसीबतें बढ़ गई हैं। गंडक नदी में पानी का स्तर खतरे के निशान के करीब है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 05 Jul 2021 11:07 PM (IST) Updated:Mon, 05 Jul 2021 11:07 PM (IST)
गोपालगंज में बाढ़ का कहर जारी, ऊंचे स्थानों पर लोगों ने बनाया ठिकाना
गोपालगंज में बाढ़ का कहर जारी, ऊंचे स्थानों पर लोगों ने बनाया ठिकाना

गोपालगंज। वाल्मीकिनगर बराज से लगातार पानी का डिस्चार्ज दो लाख क्यूसेक से अधिक रहने के कारण नदी के जलस्तर में कमी आती नहीं दिख रही है। पिछले चार दिनों से जिले के छह प्रखंडों के निचले इलाके में बाढ़ का कहर जारी है। बाढ़ से प्रभावित गांवों के लोग अपने घरों को छोड़कर ऊंचे स्थानों को अपना ठिकाना बना लिया है। कई घरों के लोग पलायन करने के बाद अपने सगे-संबंधियों के यहां शरण लिए हुए हैं। आलम यह कि दियारा इलाके के करीब चार दर्जन गांवों का सड़क संपर्क पूरी तरह से भंग हो गया है। इन गांवों के लोगों के लिए नाव ही एकमात्र सहारा है। छह प्रखंडों के 25 विद्यालयों में चार से पांच फिट तक पानी भरा होने के कारण ग्रामीणों के लिए तटबंध ही एकमात्र सहारा है। बाढ़ से जिले की 26 हजार से अधिक की आबादी प्रभावित हुई है। प्रशासनिक स्तर पर तटबंध के कमजोर स्थलों पर लगातार निगरानी रखी जा रही है, ताकि तटबंध को सुरक्षित रखा जा सके। बाढ़ का कहर झेल रहे ग्रामीणों को प्रशासनिक स्तर पर राहत के नाम पर अबतक मात्र नाव व कुछ पालीथीन सीट उपलब्ध कराया गया है।

पिछले चार दिनों से गंडक नदी में दो लाख क्यूसेक से अधिक ही पानी का डिस्चार्ज बना हुआ है। ऐसे में पानी बढ़ने के कारण गंडक नदी जिले के तीन स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी के कारण जिले के छह प्रखंडों के निचले इलाके में पानी भरने के कारण निचले इलाके में रह रहे ग्रामीणों की मुसीबत बढ़ती जा रही है। पानी के लगातार बढ़ने के कारण प्रभावित गांवों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी होती गई। वर्तमान समय में गंडक नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी के कारण जिले के कुचायकोट, मांझा, बरौली, सिधवलिया, बैकुंठपुर व गोपालगंज प्रखंड के दियारा इलाके के बसे 60 से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में आए हैं। इन गांवों में सदर प्रखंड के जगीरी टोला गांव के 14 टोला के अलावा कठघरवां, खैरटिया रामनगर, मंझरियां, मलाही टोला, मकसूदपुर, खाप मकसूदपुर तथा जगीरी टोला, मांझा प्रखंड के मुगंरहा, निमुईया, विनोद सहनी के टोला, नवका टोला, मथुरा साह के टोला, विशुनपुर सहनी के टोला, वृति टोला, माघी, इस्सापुर, सिधवलिया प्रखंड के सल्लेहपुर, बजरिया व रमपुरवा, बैकुंठपुर प्रखंड के गम्हारी पंचायत के तीन गांव के अलावा फैजुल्लाहपुर पंचायत के दो गांव, बरौली प्रखंड सलेमपुर पंचायत के तीन गांव तथा कुचायकोट प्रखंड काला मटिहनिया पंचायत के वार्ड नंबर तीन, छह व सात शामिल हैं। जिलाधिकारी डा. नवल किशोर चौधरी के नेतृत्व में तमाम पदाधिकारी तटबंध की स्थिति पर नजर रख रहे हैं। ताकि तटबंध में रिसाव होने की स्थिति में उसकी तत्काल मरम्मत का कार्य किया जा सके। सोमवार को 1.83 लाख क्यूसेक रहा पानी का डिस्चार्ज :

चार दिनों तक गंडक नदी में पानी के डिस्चार्ज का लेबर दो लाख से 2.84 लाख क्यूसेक के बीच रहने के बाद सोमवार को पानी के डिस्चार्ज में हल्की कमी आयी। सोमवार की सुबह 11 बजे गंडक नदी में पानी के डिस्चार्ज का लेवल 1.83 लाख क्यूसेक रहा। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि मंगलवार की शाम से नदी के जलस्तर में हल्की कमी आएगी। लेकिन निचले इलाके के लोगों की मुसीबत कम होने की संभावना नहीं है। बाढ़ से 16 हजार की आबादी प्रभावित होने का प्रशासनिक दावा :

जिला प्रशासन ने प्रेस बयान जारी कर गंडक नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी के बाद 42 गांवों की करीब 16 हजार से अधिक की आबादी के प्रभावित होने का दावा किया है। प्रशासनिक दावे के अनुसार इन गांवों के लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिए छह सरकारी तथा दस निजी नावों को तैनात किया गया है। प्रभावित गांव के लोगों को राहत का इंतजार :

गंडक नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी के बाद नदी के पानी में डूबे गांव के लोगों को अबतक राहत के नाम पर नाव व कुछ पालीथीन सीट उपलब्ध कराया गया है। पीड़ित परिवारों को नकद सहायता के रूप में अबतक कुछ भी नहीं मिल सका है। सदर अंचल के सीओ विजय कुमार सिंह ने बताया कि निचले इलाके के लोग नदी के जलग्रहण वाले इलाके में बसे हैं। ऐसे में इन्हें नाव व अन्य सहायता उपलब्ध कराया जा रहा है।

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