बाढ़ का कहर जारी, ऊंचे स्थानों को लोगों ने बनाया ठिकाना

गोपालगंज। गंडक नदी के जलस्तर में लगातार हुई बढ़ोतरी के कारण जिले के छह प्रखंड के 62 गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। लगातार नदी का पानी नए इलाकों में प्रवेश कर रहा है। ऐसे में जिले की 26 हजार से अधिक की आबादी बाढ़ के कारण प्रभावित हुई है। बाढ़ के कारण तीन हजार से अधिक घरों में नदी का पानी प्रवेश कर चुका है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 29 Aug 2021 05:22 PM (IST) Updated:Sun, 29 Aug 2021 05:22 PM (IST)
बाढ़ का कहर जारी, ऊंचे स्थानों को लोगों ने बनाया ठिकाना
बाढ़ का कहर जारी, ऊंचे स्थानों को लोगों ने बनाया ठिकाना

गोपालगंज। गंडक नदी के जलस्तर में लगातार हुई बढ़ोतरी के कारण जिले के छह प्रखंड के 62 गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। लगातार नदी का पानी नए इलाकों में प्रवेश कर रहा है। ऐसे में जिले की 26 हजार से अधिक की आबादी बाढ़ के कारण प्रभावित हुई है। बाढ़ के कारण तीन हजार से अधिक घरों में नदी का पानी प्रवेश कर चुका है। ऐसे में इन परिवारों के लोग अपने सगे संबंधियों के अलावा ऊंचे स्थानों पर शरण लेने को विवश हो गए हैं। बाढ़ के कारण निचले इलके के गांवों में तीन से चार फीट तक पानी भर गया है। प्रशासनिक स्तर पर तमाम इलाकों में कड़ी नजर रखने का निर्देश दिया गया है। बाढ़ नियंत्रण विभाग ने पूरे जिले में कुल 13 स्थानों तक तटबंध को कमजोर स्थल के रूप में चिह्नित कर वहां अतिरिक्त निगरानी रख रहा है।

गुरुवार से गंडक नदी के जलस्तर में आए तेजी से उछाल के बाद गोपालगंज प्रखंड के अलावा कुचायकोट, मांझा, बरौली, सिधवलिया तथा बैकुंठपुर प्रखंड के दियारा इलाके के बसे गांवों में बाढ़ का पानी तेजी से प्रवेश करने लगा। इस बीच पिछले 24 घंटे के दौरान वाल्मिकीनगर बराज से पानी का डिस्चार्ज लेबल कम होने के बावजूद गंडक नदी चार स्थानों पर खतरे से निशान से ऊपर बह रही है। नदी का पानी प्रत्येक घंटे नए इलाके में प्रवेश करने के बाद दियारा इलाके के लोगों की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है। बाढ़ के पानी में घिरे परिवारों के लोग खुद को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने में लग गए हैं। जिलाधिकारी डा. नवल किशोर चौधरी के नेतृत्व में तमाम पदाधिकारी तटबंध की स्थिति पर नजर रख रहे हैं। ताकि तटबंध में रिसाव होने की स्थिति में उसकी तत्काल मरम्मत का कार्य किया जा सके। खुद जिलाधिकारी ने शनिवार की रात सारण तटबंध पर पहुंचकर नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी के बाद उत्पन्न हुई स्थिति का जायजा लिया तथा बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों को कई बिदुओं पर दिशानिर्देश जारी किया।

जलस्तर में बढ़ोत्तरी के बाद यह गांव हुए प्रभावित

गंडक नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी के कारण जिले के कुचायकोट, मांझा, बरौली, सिधवलिया, बैकुंठपुर व गोपालगंज प्रखंड के दियारा इलाके के बसे 62 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। इन गांवों में सदर प्रखंड के जगीरी टोला गांव के 14 टोला के अलावा कठघरवां, खैरटिया रामनगर, मंझरियां, मलाही टोला, मकसूदपुर, खाप मकसूदपुर तथा जगीरी टोला, मांझा प्रखंड के मुगंरहा, निमुईया, विनोद सहनी के टोला, नवका टोला, मथुरा साह के टोला, विशुनपुर सहनी के टोला, वृति टोला, माघी, इस्सापुर, सिधवलिया प्रखंड के सल्लेहपुर, बजरिया व रमपुरवा, बैकुंठपुर प्रखंड के गम्हारी पंचायत के तीन गांव के अलावा फैजुल्लाहपुर पंचायत के दो गांव, बरौली प्रखंड सलेमपुर पंचायत के तीन गांव तथा कुचायकोट प्रखंड काला मटिहनिया पंचायत के वार्ड नंबर तीन, छह व सात आदि गांव शामिल हैं।

प्रशासन ने किया 43 गांवों के प्रभावित होने का दावा

रविवार को जिला प्रशासन ने प्रेस बयान जारी कर गंडक नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी के बाद 43 गांवों के प्रभावित होने का दावा किया है। प्रशासनिक दावे के अनुसार जिले में गंडक नदी का के पानी से सभी गांव घिरे हुए हैं। इन गांवों के लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिए छह सरकारी तथा दस निजी नावों को तैनात किया गया है। अबतक बाढ़ से प्रभावित इलाकों से 5120 को बाहर निकलने का दावा जिला प्रशासन ने किया है। प्रशासनिक दावों के अनुसार बाढ़ से जिले की करीब 16 हजार की आबादी प्रभावित हुई है। हालांकि गैर सरकारी आंकड़ों के अनुसार 62 गांवों की 26 हजार से अधिक की आबादी सीधे तौर पर बाढ़ से प्रभावित है।

chat bot
आपका साथी