बराज से पानी छोड़ जाने से बाढ़ प्रभावित ग्रामीणों की बढ़ी बेचैनी

बुधवार की रात से लगातार हो रही बारिश के बीच वाल्मिकी नगर बराज से गुरुवार की सुबह भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने से बाढ़ प्रभावित गांवों के ग्रामीणों की बेचैनी बढ़ा दी है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 24 Sep 2020 09:06 PM (IST) Updated:Thu, 24 Sep 2020 09:06 PM (IST)
बराज से पानी छोड़ जाने से बाढ़ प्रभावित ग्रामीणों की बढ़ी बेचैनी
बराज से पानी छोड़ जाने से बाढ़ प्रभावित ग्रामीणों की बढ़ी बेचैनी

संवाद सूत्र,बैकुंठपुर : बुधवार की रात से लगातार हो रही बारिश के बीच वाल्मिकी नगर बराज से गुरुवार की सुबह भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने से बाढ़ प्रभावित गांवों के ग्रामीणों की बेचैनी बढ़ा दी है। बीते 23 जुलाई की रात सारण तटबंध टूटने से आई विनाशकारी बाढ़ के भयावह ²श्य अभी ग्रामीण भूल नहीं पाए हैं। प्रखंड के पकहां, चिउटाहां, मड़वां, कृतपुरा, सोनवलिया सहित आठ जगहों पर तटबंध टूट गया था। जिससे पूरा प्रखंड बाढ़ की चपेट में आ गया था। इस बाढ़ में कई लोगों का मकान ध्वस्त हो गए। कई लोग पानी की धार में बह गए। अभी भी इलाके के कई परिवारों का जीवन अपने रिश्तेदारों के भरोसे कट रहा है। बेघर हुए लोगों के रहने की व्यवस्था भी अभी नहीं हो पाई है। जहां-तहां बाढ़ पीड़ित परिवार के लोग अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं। पानी कम होने पर प्रशासन द्वारा टूटे तबन्धों को तो बांध दिया गया है। लेकिन गंडक नदी में पानी बढ़ने पर पुन: उसी रास्ते इलाके में आसानी से पानी प्रवेश कर सकता है। ग्रामीण बताते हैं कि टूटे तटबंध के बीच पानी के तेज बहाव के कारण गड्ढे बन गए हैं। उन गड्ढों के बगल से बोरे में मिट्टी भरकर प्रशासन के द्वारा रिग आकर में बंधवाया गया है। गंडक नदी का जलस्तर बढ़ने पर टूटे तटबंध के रास्ते ही गांव के तरफ एक बार फिर बाढ़ का पानी रुख कर सकता है। इसको लेकर बैकुंठपुर प्रखंड के लोगों में दहशत का माहौल बन गया हैहै। उधर प्रशासन एक बार फिर लोगों से ऊंचे स्थानों व सुरक्षित जगहों पर चले जाने की अपील कर रहा है।

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