किसानों की बची उम्मीदों पर भी बारिश ने फेरा पानी

विजयीपुर प्रखंड में सोमवार की आधी रात को तेज हवा के साथ हुई बारिश ने किसानों की बची उम्मीदों पर पानी फेर दिया। धान की बोआई के समय भी चार दिनों तक लगातार बारिश हुई थी।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 05:14 PM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 05:14 PM (IST)
किसानों की बची उम्मीदों पर भी बारिश ने फेरा पानी
किसानों की बची उम्मीदों पर भी बारिश ने फेरा पानी

संवाद सूत्र, विजयीपुर (गोपालगंज) : विजयीपुर प्रखंड में सोमवार की आधी रात को तेज हवा के साथ हुई बारिश किसानों पर आफत बन गई। तेज हवा के साथ बारिश होने से खेतों में पककर तैयार धान की फसल गिर गई। फसल बर्बाद होने की आशंका से किसानों की चिता बढ़ गई है। इस बारिश में किसानों की बची खुल उम्मीदों पर भी पानी फेर दिया है।

इस सीजन में अतिवृष्टि किसानों के लिए शुरू से ही समस्या बनी रही। धान का बिचड़ा गिराने के समय अधिक बारिश होने से बिचड़ा खराब हो गया। खेतों से पानी निकलने के बाद किसानों ने फिर से बिजड़ा गिराकर नर्सरी तैयार होने पर धानी की रोपनी किया। रोपनी के समय भी लगातर चार दिन तक बारिश होती रही। जिसके कारण खेतों में रोपे गए धान के काफी पौधे गलकर बर्बाद हो गए। हालांकि, इसके बाद किसानों को मौसम का साथ मिल गया। बीच बीच में बारिश होने से धान की फसल खेतों में लहलहाने लगी, लेकिन फिर मौसम किसानों पर भारी पड़ गई। धान की फसल में दाना लगने की प्रक्रिया शुरू होने के समय तेज हवा के साथ एक सप्ताह तक कभी तेज तो कभी रुक रूक का बारिश होने से 50 प्रतिशत से अधिक धान की फसल खेतों में गिर जाने से बर्बाद हो गई। इस समय बची खुल धान की फसल पककर तैयार हो गई है। किसान धान की कटनी करने की तैयारी कर रहे हैं। कई इलाकों में धान की कटनी शुरू हो गई है। इस बीच बारिश फिर किसानों पर आफत बन कर आई। शनिवार की रात से रविवार को पूरे दिन रुक रुक कर लगातार बारिश होती रही। हालांकि सोमवार को दिन साफ हो गया, लेकिन आधी रात को तेज हवा के साथ बारिश होने से पककर तैयार धान की फसल खेतों में गिर जाने से किसानों की बची खुची उम्मीदों पर भी पानी फिर गया। पटखौली के सुरेंद्र ओझा, बसहा के बूंदी सिंह, नवतन के अशोक सिंह, भरपूरवा के ह्रदया सिंह , मुसेहरी के सुधाकर पांडेय, छितौना के केशवराय, परसौनी के मुन्ना पांडेय ने बताया कि अतिवृष्टि के कारण धान की फसल को पहले की काफी नुकसान हुआ था। सोमवार की रात तेज हवा के साथ हुई बारिश में पककर तैयार बची खुची धान की फसल भी गिर गई है। जिससे धान की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई। ------------------

- पककर तैयार धान की फसल खेतों में गिरने से बर्बाद होने की आशंका

- रोपनी के समय भी लगातार चार दिनों तक हुई थी तेज बारिश

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