गांवों में चटख हो रहा चुनावी रंग, तर्क-वितर्क का दौरा शुरू

विधानसभा चुनाव की तिथि जैसे-जैसे नजदीक आ रही है चुनावी रंग और चटक होता जा रहा है। लोगों में चुनाव को लेकर उत्साह धीरे-धीरे बढ़ने लगा है। शहर से लेकर सुदूर गांवो तक चाय-पान की दुकानों से लेकर चौक-चौराहों और घर के दलान तक चुनावी चर्चा जोर पकड़ने लगी है। सभी अपने अपने पार्टी और पसंद के प्रत्याशियों के पक्ष में तर्क वितर्क के साथ उनकी जीत का भी दावा करने लगे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 22 Oct 2020 04:27 PM (IST) Updated:Thu, 22 Oct 2020 05:39 PM (IST)
गांवों में चटख हो रहा चुनावी रंग, तर्क-वितर्क का दौरा शुरू
गांवों में चटख हो रहा चुनावी रंग, तर्क-वितर्क का दौरा शुरू

कुचायकोट (गोपालगंज) : विधानसभा चुनाव की तिथि जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, चुनावी रंग और चटक होता जा रहा है। लोगों में चुनाव को लेकर उत्साह धीरे-धीरे बढ़ने लगा है। शहर से लेकर सुदूर गांवो तक, चाय-पान की दुकानों से लेकर चौक-चौराहों और घर के दलान तक चुनावी चर्चा जोर पकड़ने लगी है। सभी अपने अपने पार्टी और पसंद के प्रत्याशियों के पक्ष में तर्क वितर्क के साथ उनकी जीत का भी दावा करने लगे हैं।

विधानसभा चुनावों प्रत्याशियों तथा राजनीतिक दलों का प्रचार अभियान तेज होने के साथ ही चुनावी तापमान धीरे-धीरे बढ़ने लगा है। सभी अपने अपने दल और समर्थित प्रत्याशी के पक्ष में मजबुती से तर्क के साथ उन्हें बेहतर बताने और उनके विजय निश्चित होने की दावा भी करने लगे हैं। कुचायकोट प्रखंड के ढेबवा गांव में गुरुवार को एक घर के दलान में लगे चौपाल लोगों बीच चुनावी चर्चा जोरशोर से चल रही है। चर्चा में शामिल उदय सरोज त्रिपाठी कहते हैं कि बिहार में एनडीए की सरकार बनेगी। लेकिन इस क्षेत्र से प्रत्याशियों को देखकर ही वोट देंगे। बेहतर प्रत्याशी के जीतने से ही इस क्षेत्र की समस्याएं दूर होंगी। वे कहते हैं कि सभी राजनीतिक दल व प्रत्याशी विकास करने का वादा कर रहे हैं। सभी प्रत्याशी के बारे में लोग जानते हैं। इस बार जिसमें विकास करने की जज्बा होगा, उसे ही वोट देंगे। सरकार किसकी बने इसके साथ ही प्रत्याशी कैसा हो, इसको भी देखना जरूरी है। इनकी बातों को काटते हुए प्रान्जल कहते हैं कि प्रत्याशी कोई भी जीते, क्षेत्र की समस्या तो तभी दूर होगी जब सरकार ऐसी हो कि विधायकों की बात भी सुने। विधायक मामला उठाते रह जाएंगे, अगर सरकार उनकी नहीं सुनेगी। बेहतर सरकार से ही विकास का लाभ मिलेगा। इसके लिए नेतृत्व को देखकर किसे वोट देना है, इसका फैसला करेंगे। चर्चा में शामिल सुरेश राय कहते हैं कि विकास योजनाओं का पूरा नहीं होना एक बड़ी समस्या है। लेकिन यह भी देखना होगा कि बिहार की पहले क्या दशा थी। सोच समझ कर वोट नहीं देने का नतीजा खुद ही भुगतना पड़ेगा। अवध किशोर अपनी बातज रखते हुए कहते हैं कि कि गरीब तथा समाज के पिछड़े तबके के लोगो के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं से गरीबों का जीवन आसान हुआ है। लेकिन योजनाओं का सभी को मिले इसके लिए बेहतर प्रत्याशी को ही चुनना होगा।

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