वेतन के लिए गोपालगंज के सासामुसा चीनी मिल के कर्मियों का प्रदर्शन
पिछले सात माह से वेतन भुगतान नहीं होने से भुखमरी के कगार पर पहुंचे सासामुसा चीनी मिल के कर्मियों ने गुरुवार को मिल परिसर में प्रदर्शन कर रोष प्रकट किया। इस दौरान मिल प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। मिल कर्मियों के घंटों प्रदर्शन के बाद भी मिल प्रबंधन से जुड़ा कोई भी जिम्मेदार पदाधिकारी कर्मियों की बातें सुनने के लिए उनके पास नहीं पहुंचा। प्रदर्शन दिनभर जारी रहा।
संवाद सूत्र, कुचायकोट(गोपालगंज) : पिछले सात माह से वेतन भुगतान नहीं होने से भुखमरी के कगार पर पहुंचे सासामुसा चीनी मिल के कर्मियों ने गुरुवार को मिल परिसर में प्रदर्शन कर रोष प्रकट किया। इस दौरान मिल प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। मिल कर्मियों के घंटों प्रदर्शन के बाद भी मिल प्रबंधन से जुड़ा कोई भी जिम्मेदार पदाधिकारी कर्मियों की बातें सुनने के लिए उनके पास नहीं पहुंचा। प्रदर्शन दिनभर जारी रहा। उनका कहना था कि दिसंबर 2020 तक वेतन के रूप में उन्हें कुछ-कुछ राशि मिल प्रबंधन द्वारा दी जाती थी। इससे किसी तरह परिवार का गुजर बसर हो रहा था। पिछले सात महीने से वेतन के रूप में मिल प्रबंधन ने उन्हें एक रुपया भी नहीं दिया। इससे मिल कर्मी व उनका परिवार भारी आर्थिक संकट में है। कई परिवार आर्थिक हालात खराब होने पर भुखमरी के कगार पर हैं । चार सौ से अधिक लोग सासामुसा मिल में अपनी सेवाएं देते हैं। इनमें से तमाम लोग दूसरे प्रदेश या दूसरे जिलों के हैं। प्रदर्शन करने वालों में मोहम्मद कासिम, निसार अहमद, शंभू कुमार, मोहम्मद मतीन, रामनाथ ठाकुर, शम्भू पांडेय, रामाश्रय सिंह, मोहम्मद हसन ,श्रीराम सिंह , अब्दुल वहाब समेत तमाम मिल कर्मी शामिल रहे। इनसेट
चार महीने से वेतन मिलने की राह देख रहे नियोजित शिक्षक
संवाद सूत्र, भोरे(गोपालगंज) : पिछले चार माह से वेतन नहीं मिलने से भोरे सहित पूरे जिले के नियोजित शिक्षकों की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई है। स्थिति यह हो गई है कि कोरोना काल में शिक्षक अपनी जरूरी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए कर्ज लेने को मजबूर हो गए हैं। फरवरी 2021 से ही नियोजित शिक्षकों का वेतन बकाया है। शिक्षक अरविद मिश्र, मुनीश कुमार सिंह, सिद्धार्थ संकर, शैलेश तिवारी, रामबली चौहान, हीरालाल सिंह, अनुज पाण्डेय, यूनुस खान आदि ने बताया कि जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना की तरफ से एक सप्ताह पूर्व ही शिक्षकों के अप्रैल 2021 तक के वेतन भुगतान के लिए एसबीआइ की गोपालगंज की शाखा में चेक तथा एडवाइस भेज दिया गया था। इसके बावजूद शिक्षकों की वेतन राशि उनके खाते में ट्रांसफर नहीं की जा सकी है। शिक्षकों ने बताया कि सरकार ने शिक्षकों के ससमय वेतन भुगतान के लिए भारतीय स्टेट बैंक के साथ अक्टूबर 2020 में ही एकरारनामा किया है। लेकिन बैंक की लापरवाही के कारण नियोजित शिक्षकों के वेतन की राशि खाते में अब तक नहीं भेजी गई है।