छठ घाटों पर उमड़ी आस्था व श्रद्धा की भीड़

जागरण संवाददाता गोपालगंज छठ घाटों पर दो दिनों तक आस्था व श्रद्धा का सैलाब उमड़ पड़ा। बुध

By JagranEdited By: Publish:Thu, 11 Nov 2021 11:52 PM (IST) Updated:Thu, 11 Nov 2021 11:52 PM (IST)
छठ घाटों पर उमड़ी आस्था व श्रद्धा की भीड़
छठ घाटों पर उमड़ी आस्था व श्रद्धा की भीड़

जागरण संवाददाता, गोपालगंज : छठ घाटों पर दो दिनों तक आस्था व श्रद्धा का सैलाब उमड़ पड़ा। बुधवार की शाम अस्ताचलगामी सूर्य की उपासना के लिए लोग घाट पर उमड़ पड़े। श्रद्धा व भक्ति का यह संगम गुरुवार की सुबह सात बजे तक दिखा। उदीयमान भास्कर को अ‌र्घ्य दिए जाने के साथ ही चार दिनों तक चलने वाले इस महापर्व का गुरुवार को विधिवत समापन हो गया।

बुधवार की शाम व गुरुवार की तड़के समय समूह में छठ गीत गाती महिलाओं का उत्साह देखने लायक था। गुरुवार की तड़के तीन बजे से ही व्रती महिलाओं का घाट पर पहुंचने का सिलसिला प्रारंभ हो गया। छठ घाट पर पहुंचने के बाद व्रत धारण करने वाली महिलाएं तड़के चार बजे से ही गहरे पानी में उतरकर भगवान भास्कर के उदय होने के इंतजार में खड़ी रहीं। भगवान सूर्य के उदय होने के साथ ही महिलाओं ने अ‌र्घ्य अर्पित किया। छठ घाटों पर व्रत धारण करने वाली महिलाओं व पुरुषों का जमावड़ा बुधवार से ही था। पूरे जिले में छठी मइया की धूम मची रही। इस दौरान महिलाओं द्वारा गाए जा रहे छठी मइया के गीतों से माहौल पूरी तरह से भक्तिमय रहा। इस बीच बुधवार की शाम से ही तालाब व नदियों के किनारे रंग बिरंगे बेदी के समीप बैठी व्रती महिलाएं समूह में गीत गाकर सूर्य की उपासना में लगी रहीं। मान्यता व पौराणिक कथाओं के अनुसार सूर्य षष्ठी की उपासना का अलग महत्व है। पुत्र की रक्षा, उन्नति एवं सुख व शांति के लिए माताएं अस्ताचल व उदीयमान सूर्य को अ‌र्घ्य देकर व्रत को पूरा करती हैं। इस बीच दो दिनों तक छठ घाट पर आलम यह था कि घाट पर खड़ा होने व बैठने के लिए स्थान का अभाव पड़ गया। कई घाटों पर तो देर से पहुंचने वाली व्रती महिलाओं को दूर ही डाला रखकर छठी मइया व भगवान सूर्य की आराधना करनी पड़ी। हरेक घाट पर व्रती महिलाओं के सहयोग के लिए स्थानीय समितियों के लोग सक्रिय दिखे। कई छठ घाट पर गहरे पानी को देखते हुए पूजा समितियों के सदस्य बैरिकेडिग कर महिलाओं को गहरे जल की ओर जाने से रोकते देखे गए। छठ महापर्व पर मंगलवार को खरना करने के बाद महिलाएं निर्जला व्रत धारण कर पहले बुधवार की शाम अ‌र्घ्य अर्पित किया और फिर गुरुवार की तड़के उदीयमान भास्कर को अ‌र्घ्य अर्पित किया। इसके साथ ही चार दिनों से प्रारंभ छठ पूजा का विधिवत समापन हो गया।

सुरक्षा के लिए मुस्तैद रही पुलिस

छठ पूजा को लेकर पुलिस बुधवार की दोपहर बाद से गुरुवार की सुबह आठ बजे तक कई घाटों पर मुस्तैद दिखी। इसके अलावा घाटों पर सुरक्षा के लिए गोताखोर की भी तैनाती की गई थी। वरीय अधिकारियों ने जिला स्तर पर स्थापित किए गए नियंत्रण कक्ष के सहारे पूरे जिले में विधि व्यवस्था की स्थिति पर नजर रखा। इसके अलावा चिह्नित किए गए 271 छठ घाटों पर दंडाधिकारियों की भी तैनाती की गई थी। इसके अलावा जिला स्तर पर अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले छठ घाट पर अतिरिक्त दंडाधिकारी तैनात किए गए थे।

डीएम ने किया छठ घाटों का निरीक्षण

नगर परिषद क्षेत्र में मौजूद छठ घाटों का निरीक्षण करने खुद जिलाधिकारी डा. नवल किशोर चौधरी पहुंचे। उनके साथ कई आला अधिकारी भी घाटों पर सुरक्षा व्यवस्था से लेकर अन्य व्यवस्था की देखरेख में लगे दिखे। निरीक्षण के दौरान जहां भी कमी दिखी, जिलाधिकारी ने स्थिति में सुधार करने का निर्देश दिया, ताकि व्रत धारण करने वाली महिलाओं को कोई परेशानी न हो।

घरों में हुआ कोसी पूजन

बुधवार की शाम अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अ‌र्घ्य दिए जाने के बाद महिलाओं ने घरों में कोसी का पूजन किया। पूरी रात महिलाओं ने अपने घर में बेदी बनाकर छठी मइया की पूजा अर्चना की। साथ ही गुरुवार की तड़के तीन बजे व्रती महिलाओं के साथ सिर पर दउरा व कंधे पर ईंख लेकर परिवार के पुरुष सदस्य छठ घाट पर पहुंचे। घाट पर एक घंटे तक पूजा अर्चना के बाद महिलाओं ने कोसी को वापस भेजा और फिर भगवान भास्कर के उदय होने की प्रतीक्षा में गहरे जल में उतर गईं। उदीयमान भगवान भास्कर को अ‌र्घ्य के साथ ही इस पर्व का विधिवत समापन हो गया।

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