सेहत पर भारी पड़ रहा मौसम का बदलाव, जुकाम को न करें नजरअंदाज
मौसम में बदलाव के साथ ही शाम ढलते ही ठंड का असर अब लोगों की सेहत पर भारी पड़ने लगा है। शाम को ठंड और दिन में गर्मी से वायरस और बैक्टीरिया जनित रोगों का प्रकोप भी बढ़ने लगा है। मौसम में बदलाव के साथ ही बच्चे से लेकर जवान और बुजुर्ग जुकाम से पीड़ित होने लगे हैं। यह मौसम बैक्टीरिया और वायरस जनित रोगों के लिए अनुकूल होता है ऐसे में जुकाम को नजरअंदाज करना स्वास्थ्य के लिए भारी भी पड़ सकता है। खास कर बच्चे निमोनिया के शिकार हो सकते हैं और दमा पीड़ितों की तकलीफें बढ़ सकती है। इस संबंध में चिकित्सक डॉ. कौशर जावेद बताते हैं कि मौसम में बदलाव के समय वातावरण में प्रदूषण कुछ अधिक होता है।
गोपालगंज : मौसम में बदलाव के साथ ही शाम ढलते ही ठंड का असर अब लोगों की सेहत पर भारी पड़ने लगा है। शाम को ठंड और दिन में गर्मी से वायरस और बैक्टीरिया जनित रोगों का प्रकोप भी बढ़ने लगा है। मौसम में बदलाव के साथ ही बच्चे से लेकर जवान और बुजुर्ग जुकाम से पीड़ित होने लगे हैं। यह मौसम बैक्टीरिया और वायरस जनित रोगों के लिए अनुकूल होता है, ऐसे में जुकाम को नजरअंदाज करना स्वास्थ्य के लिए भारी भी पड़ सकता है। खास कर बच्चे निमोनिया के शिकार हो सकते हैं और दमा पीड़ितों की तकलीफें बढ़ सकती है। इस संबंध में चिकित्सक डॉ. कौशर जावेद बताते हैं कि मौसम में बदलाव के समय वातावरण में प्रदूषण कुछ अधिक होता है। जिससे अस्थमा के मरीजों की परेशानी बढ़ जाती है। इस मौसम में सांस के रोगियों की तकलीफ बढ़ जाती है। बीमारी के वायरस सांस के माध्यम से शरीर में पहुंच जाते है। सांस की नलियां सिकुड़ जाती है। उन्होंने बताया कि इस मौसम में बच्चों में ब्रोंकियोलाइटिसऔर बड़ों में ब्रोंकाइटिस होती है। इन दिनों छोटे बच्चों पर खास ध्यान देना जरुरी है। उन्हें ठंडी हवा में न लेकर निकलें। घरेलू उपचार ज्यादा न करें तो ही अच्छा है। जुकाम होने पर जल्द इलाज कराएं। इलाज में देरी से बच्चे को ब्रोंकियोलाइटिस होने का खतरा रहता है।
इनसेट
क्या है बचाव के उपाय
- ठंडा पानी, कोल्ड ड्रिक बिल्कुल बंद कर दें।
- गरम पेय पदार्थो का सेवन करें।
- तड़के ठंड में बाहर निकलने से बचें। धूप निकलने तक इंतजार करें।
- तली, भुनी चीजों का इस्तेमाल न करें। मीठी चीजों का सेवन तकलीफ बढ़ा सकता है।
- इलाज नहीं होने पर बच्चों को निमोनिया हो सकता है।