गोपालगंज में बेहतर इलाज से अब मरीजों की सांसों को मिलने लगी ताकत
24 घंटे में सांस लेने की तकलीफ से दो मरीजों की मौत प्रतिदिन औसतन दस मरीजों की होती थी मौत।
जागरण संवाददाता, गोपालगंज : कोरोना की दूसरी लहर के बीच सदर अस्पताल में बेहतर इलाज से मरीजों की सांसों को ताकत मिलने लगी है। अब सांस लेने की तकलीफ से मरीजों की मौत होने का आंकड़ा काफी हद तक कम हो गया है। पिछले 20 दिनों से सांस लेने की तकलीफ से औसतन दस मरीज की मौत हो रही थी। सोमवार की शाम से लेकर मंगलवार की दोपहर तक सांस लेने में हो रही दिक्कत से संबंधित 45 से अधिक मरीज सदर अस्पताल पहुंचे। इन मरीजों को सदर अस्पताल में भर्ती कर ऑक्सीजन देकर इलाज शुरू किया गया। इस दौरान बीते 24 घंटे के अंदर सांस लेने में तकलीफ से दो मरीजों की मौत हो गई। अन्य मरीजों को तत्काल इलाज की बेहतर सुविधा मिलने से उनके जीवन पर आया संकट टल गया है।
बताया जाता है कि सोमवार की शाम से लेकर मंगलवार की दोपहर तक सांस लेने में हो रही तकलीफ से पीड़ित 45 से अधिक मरीज सदर अस्पताल पहुंचे। जिन्हें इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कर ऑक्सीजन उपलब्ध कराया गया। इन मरीजों की कोरोना जांच करने पर इन सबकी रिपोर्ट निगेटिव रही। लेकिन ऑक्सीजन देने के बाद भी जादोपुर थाना क्षेत्र के जादोपुर निवासी संगीता देवी व मांझागढ़ थाना क्षेत्र के सुधा साह के टोला निवासी लखपतिया देवी की मौत हो गई। इन दो मरीजों की मौत के साथ ही अब तक सांस लेने में दिक्कत से पीड़ित मरीजों की मरने की संख्या 212 तक पहुंच गई है। हालांकि पिछले 24 घंटे में सांस लेने की तकलीफ की शिकायत पर अस्पताल पहुंचे अन्य मरीजों के जीवन पर आए संकट टल गया है। सदर अस्पताल प्रबंधक अमरेंद्र कुमार ने बताया कि सांस लेने की तकलीफ के कारण प्रतिदिन औसतन दस मरीजों की मौत हो रही थी। 24 घंटे के अंदर दो मरीजों की मौत हुई है। बेहतर इलाज से मरीजों की सांसें थमने का सिलसिला कम होने लगा है।