चमकी बुखार से बचाव को जागरुकता अभियान शुरू
गोपालगंज। चमकी बुखार से बचाव को लेकर जिले में जागरूकता अभियान प्रारंभ कर दिया गया है। इस अभियान के दौरान आम लोगों को इस बीमारी से बचाव के बारे में तमाम बातों की जानकारी दी जा रही है। अलावा इसके पोस्टर व बैनर के माध्यम से भी लोगों को इससे बचाव के लिए एहतियाती उपाय अपनाने को कहा जा रहा है। इस जागरूकता अभियान की कमान मुख्य रूप से आशा कार्यकर्ता को सौंपी गई है।
गोपालगंज। चमकी बुखार से बचाव को लेकर जिले में जागरूकता अभियान प्रारंभ कर दिया गया है। इस अभियान के दौरान आम लोगों को इस बीमारी से बचाव के बारे में तमाम बातों की जानकारी दी जा रही है। अलावा इसके पोस्टर व बैनर के माध्यम से भी लोगों को इससे बचाव के लिए एहतियाती उपाय अपनाने को कहा जा रहा है। इस जागरूकता अभियान की कमान मुख्य रूप से आशा कार्यकर्ता को सौंपी गई है। जो अपने पोषक क्षेत्र में चमकी बुखार के साथ ही जेई से बचाव के बारे में लोगों को बताने में लगी हैं।
सिविल सर्जन डॉ. योगेंद्र महतो ने बताया कि अभियान के दौरान लोगों को बताया जा रहा है कि वे बच्चों को रात में भूखे पेट नहीं सुलाएं। तेज धूप में बच्चों को नहीं जाने दें। उन्होंने बताया कि जगह-जगह पोस्टर के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा। साथ ही लोगों को यह भी बताया जा रहा है कि किसी तरह की कोई परेशानी होने पर वे तुरंत स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जाएं, जहां बच्चे की समुचित इलाज की व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग एईएस और चमकी बुखार की चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है। सदर अस्पताल समेत सभी पीएचसी में इसके लिए अलग से वार्ड बनाए गए हैं। इलाज के लिए उपकरण और दवा भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराया जा रहा है। आशा व सेविका को दिया गया है एईएस किट
गोपालगंज : सिविल सर्जन ने बताया कि जिले के सभी आशा कार्यकर्ता व आंगनबाड़ी सेविकाओं को स्वास्थ्य विभाग की ओर से एईएस किट उपलब्ध कराया गया है। जिसमें पैरासिटामोटल टैबलेट, ओआरएस का पैकेट व प्रचार सामग्री है। ताकि किसी बच्चे की सेहत खराब होने और उनमें चमकी बुखार के लक्षण दिखे तो बताये गये डोज के हिसाब से आशा कार्यकर्ता दवा दे सके और तुरंत उसे नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराना भी सुनिश्चित करा सके। समय पर इलाज होने से पूरी तरह से ठीक होते हैं बच्चे
डीएमओ डॉ. हरेंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि गंभीर बीमारी चमकी से पीड़ित बच्चों को समय पर इलाज किया जाये तो वह पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष चमकी को धमकी नामक थीम रखी गयी है। इसमें तीन धमकियों को याद रखने की जरूरत है। जिसमें पहली यह है कि बच्चों को रात में सोने से पहले खाना जरूर खिलायें। इसके बाद सुबह उठते ही बच्चों को भी जगायें और देखें कि बच्चा कहीं बेहोश या उसे चमकी तो नहीं हुई है। अंत में बेहोशी या चमकी दिखते ही तुरंत एंबुलेंस या नजदीकी गाड़ी से अस्पताल ले जायें। चमकी बुखार से पीड़त बच्चों को अस्पताल पहुंचाने के लिए मुफ्त में एंबुलेंस सेवा दी जाती है। इसके लिए पीड़ित के परिवार वाले 102 नंबर पर डायल कर एंबुलेंस बुला सकते हैं।