गंडक नदी में छोड़ा गया 2.64 लाख क्यूसेक पानी, निचले इलाके में बढ़ा खतरा

गोपालगंज। मानसून के सक्रिय होने के बाद लगातार हो रही बारिश तथा वाल्मिकीनगर बराज से पानी छोड़े जाने के कारण गंडक नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है। मंगलवार को वाल्मिकीनगर बराज से शाम के चार बजे पानी का डिस्चार्ज 2.64 लाख क्यूसेक तक पहुंच जाने के कारण बुधवार की शाम तक नदी के जलस्तर में और बढ़ोतरी की संभावना बढ़ गई है। नदी का जलस्तर बढ़ने के साथ ही दियारा इलाके के कई स्थानों पर नदी की धारा तटबंध की तरफ बढ़ने लगी है। जिसके कारण दियारा इलाके के निचले इलाके के लोगों को बाढ़ की चिता भी सताने लगी है। गंडक नदी जलस्तर बढ़ने का सिलसिला शुरू होने के साथ ही तटबंधों की बदहाली से इस इलाके के ग्रामीणों की धड़कन बढ़ती जा रही है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 15 Jun 2021 06:35 PM (IST) Updated:Tue, 15 Jun 2021 06:35 PM (IST)
गंडक नदी में छोड़ा गया 2.64 लाख क्यूसेक पानी, निचले इलाके में बढ़ा खतरा
गंडक नदी में छोड़ा गया 2.64 लाख क्यूसेक पानी, निचले इलाके में बढ़ा खतरा

गोपालगंज। मानसून के सक्रिय होने के बाद लगातार हो रही बारिश तथा वाल्मिकीनगर बराज से पानी छोड़े जाने के कारण गंडक नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है। मंगलवार को वाल्मिकीनगर बराज से शाम के चार बजे पानी का डिस्चार्ज 2.64 लाख क्यूसेक तक पहुंच जाने के कारण बुधवार की शाम तक नदी के जलस्तर में और बढ़ोतरी की संभावना बढ़ गई है। नदी का जलस्तर बढ़ने के साथ ही दियारा इलाके के कई स्थानों पर नदी की धारा तटबंध की तरफ बढ़ने लगी है। जिसके कारण दियारा इलाके के निचले इलाके के लोगों को बाढ़ की चिता भी सताने लगी है। गंडक नदी जलस्तर बढ़ने का सिलसिला शुरू होने के साथ ही तटबंधों की बदहाली से इस इलाके के ग्रामीणों की धड़कन बढ़ती जा रही है। सदर प्रखंड से लेकर कुचायकोट, बरौली तथा बैकुंठपुर प्रखंड के दियारा इलाके के गांवों को बाढ़ से बचाने के लिए सारण मुख्य तटबंध है तो कई स्थानों पर रिंग बांध भी बने हुए हैं। लेकिन कुछ स्थानों पर इन बांधों की दशा ने ग्रामीणों की नींद उड़ा दी है। उधर अलर्ट जारी किए जाने के बाद प्रशासनिक स्तर पर सारण तटबंध से लेकर राजस्व छरकियों तक की निगरानी को बढ़ा दिया गया है। बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारी लगातार तटबंध की निगरानी कर रहे हैं।

पिछले चार दिनों से हो रही लगातार बारिश के कारण गंडक नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी प्रारंभ हो गई है। इस बीच नेपाल में हुई बारिश के कारण मंगलवार सुबह से गंडक नदी में पानी का डिस्चार्ज बढ़ने लगा। हर दो घंटे पर डिस्चार्ज का लेबल बढ़ने के कारण प्रशासन ने भी सतर्कता को बढ़ाने का निर्देश जारी कर दिया। गंडक नदी का जलस्तर बढ़ने से सदर प्रखंड के अलावा मांझा, बरौली, सिधवलिया तथा बैकुंठपुर प्रखंड में नदी के आसपास के 13 पंचायतों के लोगों की नींद एक बार फिर उड़ गई है। बुधवार तक गंडक नदी के जलस्तर में और बढ़ोतरी की संभावना को देखते हुए प्रशासनिक स्तर पर तटबंधों की निगरानी को और बढ़ा दिया गया है। इस बीच मौसम विभाग की ओर से अलर्ट जारी होने के बाद विशेष तौर पर गंडक नदी के आसपास के गांवों में अधिक सतर्कता बरतने का निर्देश जारी किया गया। तटबंध की निगरानी के लिए बाढ़ नियंत्रण विभाग की टीम को लगातार बांध पर ही कैंप करने का निर्देश जारी किया गया। अलावा इसके बाढ़ से प्रभावित होने वाले जिले के छह प्रखंड के सीओ को तटबंध की लगातार निगरानी करने को कहा गया है। निचले इलाके के 36 गांवों में बाढ़ का खतरा

गोपालगंज : वैसे प्रशासन नदी के जल ग्रहण क्षेत्र में बसे 36 गांवों में आने वाली नदी के पानी को बाढ़ नहीं मानता। बावजूद इसके इन गांवों की करीब 20 हजार की आबादी के समक्ष गंडक का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। इन गांवों के लोग नदी के रुख को देखते हुए अंदर ही अंदर सहमे हुए हैं। हालांकि प्रशासनिक स्तर पर इन गांवों के लोगों को गांव के बाहर निकलने के लिए आठ नाव उपलब्ध कराने के साथ ही सुरक्षित स्थान पर चले जाने का निर्देश जारी किया गया है। 15 जून को ऐसे बढ़ा गंडक नदी में पानी का डिस्चार्ज

समय पानी का डिस्चार्ज

समय डिस्चार्ज क्यूसेक में

06.00 बजे 1,03,300

08.00 बजे 1,08,900

10.00 बजे 1,52,000

12.00 बजे 1,87,900

02.00 बजे 2,10,900

04.00 बजे 2,64,000

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