चांदनी रात में बरसा अमृत, खुले आसमान के नीचे रहे श्रीहरि

गया। शरद पूर्णिमा पर बुधवार की रात खाजा और दूध का भगवान श्रीहरि का भोग लगा। चांदनी रात में अमृत वर्षा को लेकर गर्भगृह से भगवान की प्रतिमा निकालकर आसमान के नीचे रखा गया है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 11:26 PM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 11:26 PM (IST)
चांदनी रात में बरसा अमृत, खुले आसमान के नीचे रहे श्रीहरि
चांदनी रात में बरसा अमृत, खुले आसमान के नीचे रहे श्रीहरि

गया। शरद पूर्णिमा पर बुधवार की रात खाजा और दूध का भगवान श्रीहरि का भोग लगा। चांदनी रात में अमृत वर्षा को लेकर गर्भगृह से भगवान की प्रतिमा निकालकर आसमान के नीचे रखा गया है। साथ ही खाजा और दूध का भोग लगा। खाजा के खरीदारी को लेकर बाजार में ग्राहकों की भीड़ देखी गयी। शहर के रमना रोड स्थित दुकानों में खाजा की खरीदारी ग्राहक कर रहे है। खाजा 140 से लेकर 160 प्रतिकिलो बिक रहा था। वहीं शरद पूर्णिमा को लेकर विष्णुपद मंदिर में भगवान श्रीहरि का विशेष पूजा-अर्चना किया गया। विष्णुपद प्रबंधकारिणी समिति के सदस्य महेश लाल गुपुत ने कहा कि शरद पूर्णिमा को लेकर काफी संख्या में श्रद्धालुओं ने भगवान श्रीहरि विष्णु का चरण चिन्ह का पूजा, अर्चना एवं दर्शन किए। आधी रात तक खुले आसमान के नीचे रखा जाएगा। मान्यता है कि शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा से अमृत का बारिश होता है। इसके साथ ही एक महीने तक तुलसी अर्चना करना श्रद्धालु संकल्प लेते है। क्योंकि काफी संख्या में श्रद्धालु कार्तिक महीने में भगवान श्रीहरि विष्णु के तुलसी अर्चना करते है। फल्गु महाआरती का आयोजन

शरद पूर्णिमा के अवसर विष्णुपद स्थित देव एवं गजाधर घाट पर फल्गु महाआरती का आयोजन किया जाएगा। महाआरती का आयोजन शाम में चौदह सईया गयापाल युवा श्री विष्णुपद गयाजी बैनर तले किया जाएगा। इसमें पांच पुरोहितों द्वारा महाआरती किया जाएगा। वहीं सीताकुंड में प्रतिज्ञा संस्था द्वारा भी फल्गु महाआरती का आयोजन किया गया। संस्थान के अध्यक्ष बृजनदंन पाठक ने कहा कि पांच निपुण ब्राह्मणों द्वारा फल्गु महाआरती किया गया। इसमें काफी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। सामूहिक सुंदरकांड का आयोजन

शहर के श्री सालासर बालाजी मंदिर में शरद पूर्णिमा के अवसर पर कई कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मंदिर के पुजारी दीपक शर्मा ने कहा कि शरद पूर्णिमा के अवसर पर सालासर बालाजी को अलौकिक श्रृंगार किया गया। इसके साथ सालासर बालाजी परिवार द्वारा शाम में सामूहिक सुंदरकांड का पाठ किया गया। खीर और खाजा का भोग प्रसाद का वितरण किया गया।

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