कैमूर में 17 सितंबर को सुरक्षित मातृत्‍व एवं शिशु देखभाल पर विश्व रोगी सुरक्षा दिवस का होगा आयोजन

रोगी सुरक्षा के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रतिवर्ष 17 सितंबर को विश्व रोगी सुरक्षा दिवस मनाया जाता है। पेशेंट सेफ्टी एक वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता है और स्वास्थ्य देखभाल का एक मूलभूत सिद्धांत है। पेशेंट सेफ्टी में अर्थ है रोगी को होने वाले नुकसान को कम करना।

By Prashant KumarEdited By: Publish:Tue, 14 Sep 2021 04:26 PM (IST) Updated:Tue, 14 Sep 2021 04:26 PM (IST)
कैमूर में 17 सितंबर को सुरक्षित मातृत्‍व एवं शिशु देखभाल पर विश्व रोगी सुरक्षा दिवस का होगा आयोजन
17 को मनाया जाएगा पेशेंट सेफ्टी डे। जागरण।

जागरण संवाददाता, भभुआ। रोगी सुरक्षा के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रतिवर्ष 17 सितंबर को विश्व रोगी सुरक्षा दिवस मनाया जाता है। पेशेंट सेफ्टी एक वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता है और स्वास्थ्य देखभाल का एक मूलभूत सिद्धांत है। इस दिन का मुख्य देश दुनिया के सभी हिस्सों में पेशेंट सेफ्टी के मुद्दे के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। पेशेंट सेफ्टी स्वास्थ्य देखभाल की प्रक्रिया के कारण रोगियों को होने वाले नुकसान को रोकने के महत्व पर प्रकाश डालता है। पेशेंट सेफ्टी में सुधार का अर्थ है रोगी को होने वाले नुकसान को कम करना।

विश्व रोगी सुरक्षा दिवस के लिए डब्ल्यूएचओ ने सुरक्षित एवं सम्मानजनक शिशु जन्म पर कार्य का चयन किया है। इस आलोक में उन्होंने इस वर्ष की थीम सुरक्षित मातृत्व एवं शिशु देखभाल रखा है। इस आलोक में डॉ. सरिता, राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य ने पत्र जारी कर सिविल सर्जन को 17 सितंबर को जिला में पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन करना का निर्देश दिया है।

स्वास्थ्य कर्मियों की सबसे बड़ी जिम्मेदारी रोगियों की सुरक्षा

सिविल सर्जन डॉ. मीना कुमारी ने कहा किसी भी स्वास्थ्य कर्मी की सबसे पहली और सबसे बड़ी जिम्मेदारी रोगियों की सुरक्षा होती है। रोगियों की सुरक्षा के लिए सभी चिकित्सकों के साथ ही अन्य कर्मियों को भी स्वास्थ्य सेवाओं को अनुशासित और सुरक्षित बनाने की जरूरत है। सभी कर्मी समाज के प्रति जवाबदेह हैं। अभी विशेष रूप से कोरोना काल के समय में रोगियों की सुरक्षा स्वास्थ्य कर्मियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। लिहाजा ऐसे समय में स्वास्थ्य सेवाओं को कुशल और सुरक्षित करने के लिए सभी स्वास्थ्य कर्मियों को मिलकर योगदान देना चाहिए। रोगियों की जांच के साथ ही उन्हें उनके स्वास्थ्य के प्रति जागरूक भी करें जिससे वे स्वयं का बेहतर ध्यान रख सके।

इन गतिविधियों का किया जाएगा आयोजन

वर्ल्‍ड पेशेंट सेफ्टी डे के दौरान जिला स्तरीय पेशेंट सेफ्टी समिति का गठन, जिसमें जिला कोचिंग टीम के सदस्य होंगे।

जिला स्तरीय सम्मेलन सभी प्रखंड स्तरीय अस्पताल के साथ वल्र्ड पेशेंट सेफ्टी डे में स्वच्छता वर्कशॉप का आयोजन।

जिले के सभी अस्पतालों द्वारा किए गए गुणवत्ता संबंधी कार्यों का प्रदर्शन पोस्टर प्रतियोगिता के रूप में किया जाना।

जिला स्तर पर चयनित सर्वश्रेष्ठ दो पोस्टर को राज्यस्तरीय प्रतिस्पर्धा के लिए भेजा जाएगा।

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