विश्व हेपेटाइटिस डे: कोरोना संक्रमण से भी अधिक गंभीर 'हेपेटाइटिस बी', जानें क्‍यों खतरनाक है ये बीमारी

लोगों में जागरूकता नहीं होने के कारण लोग सही समय पर हेपेटाइटिस का टीका नहीं लगाते हैं। जिसके कारण इस रोग के होने की संभावना बढ़ जाती है। इस वर्ष हेपेटाइटिस डे का थीम हेपेटाइटिस कांट वेट यानी हेपेटाइटिस अब इंतजार नहीं कर सकता है।

By Prashant KumarEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 04:29 PM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 04:29 PM (IST)
विश्व हेपेटाइटिस डे: कोरोना संक्रमण से भी अधिक गंभीर 'हेपेटाइटिस बी', जानें क्‍यों खतरनाक है ये बीमारी
नए थीम के साथ मनाया जाएगा हेपेटाइटिस डे। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर।

जागरण संवाददाता, भभुआ। कोरोना काल में कई ऐसे अन्य रोग भी हैं, जो इससे कहीं अधिक गंभीर हैं। इसमें हेपेटाइटिस बी भी  शामिल है। हर साल 28 जुलाई को विश्व हेपेटाइटिस दिवस के रूप में मनाया जाता है। विश्व हेपेटाइटिस दिवस मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को हेपेटाइटिस के लिए जागरूक करना है।

लोगों में जागरूकता नहीं होने के कारण लोग सही समय पर हेपेटाइटिस का टीका नहीं लगाते हैं। जिसके कारण इस रोग के होने की संभावना बढ़ जाती है। इस वर्ष हेपेटाइटिस डे का थीम 'हेपेटाइटिस कांट वेट' यानी हेपेटाइटिस अब इंतजार नहीं कर सकता है। हेपेटाइटिस वायरस के कारण होने वाला संक्रमण है जो ह्रदय को प्रभावित करता है एवं रोग बढऩे पर सिरोसिस, लिवर कैंसर एवं ह्रदय आघात तक हो सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार प्रतिवर्ष विश्व भर में नौ लाख से अधिक लोगों की हेपेटाइटिस-बी के कारण मृत्यु होती है।

हेपेटाइटिस के प्रकार

हेपेटाइटिस वायरस मुख्यत: पांच प्रकार के होते हैं। जिसमें हेपेटाइटिस ए, हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी, हेपेटाइटिस डी एवं हेपेटाइटिस ई शामिल हैं। इनमें हेपेटाइटिस बी सबसे अधिक नुकसानदायक एवं जानलेवा होता है। इसकी रोकथाम जन्म के समय टीका देकर की जा सकती है।

थकावट, गहरे रंग का पेशाब, पीला मल, पेट में दर्द, भूख का खत्म हो जाना, वजन में अप्रत्याशित कमी, त्वचा एवं आंखों का पीला पडऩा एवं गंभीर स्थिति में मुंह से $खून की उल्टी जैसे लक्षण हेपेटाइटिस वायरस संक्रमण के होते हैं। हेपेटाइटिस ए और इ दूषित जल व दूषित भोजन के कारण होते हैं। हेपेटाइटिस बी, सी और डी, संक्रमित रक्त और शरीर के संक्रमित द्रवों से फैलते हैं।

इन कारणों से होता है हेपेटाइटिस

हेपेटाइटिस को बेहद गंभीर रोगों की सूची में शामिल किया जाता है। हेपेटाइटिस बी का संक्रमण सबसे ज्यादा मां से बच्चे को होता है। हेपेटाइटिस का संक्रमण खून चढ़ाने, इस्तेमाल की गई सुई के प्रयोग, रेजर और दूसरे के टूथब्रश का इस्तेमाल करने, असुरक्षित यौन संबंध, टैटू बनवाने, नाक-कान छिदवाने से होता है।

इनमें संक्रमण का होता है अधिक खतरा जन्म के समय हेपेटाइटिस-बी का टीका नहीं लेने वाले शरीर पर टैटू करवाने से असुरक्षित यौन संबंध बनाने से माता से गर्भस्थ शिशु को नशीली दवा सेवन करने से हेपेटाइटिस पीडि़त से उसके पार्टनर को बेहतर स्वच्छता नहीं रखने से घर में किसी संक्रमित व्यक्ति के साथ रहने से संक्रमित खून चढ़ाने से

क्या है हेपेटाइटिस से बचाव के उपाय सुरक्षित यौन सम्बन्ध हेपेटाइटिस से बचाव के लिए रक्त चढ़ाने के पूर्व रक्त की जांच जरूरी स्टेरलाइज्‍ड सुई व सिरिंज का प्रयोग सुरक्षित रक्त चढ़वाना गर्भवती महिला को संक्रमण होने पर इलाज जरूरी टैटू के लिए नई सुई का प्रयोग खाना बनाने व खाने से पहले हाथ धोएं स्वच्छ व ताजा भोजन खाएं शौच के बाद हाथों को स्वच्छ पानी व साबुन से अच्छी तरह धोएं

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