World Hearing Day in Gaya: घंटों ईयरफोन का इस्तेमाल आपके कान को कर रहा बीमार, ऐसे करें इनकी सुरक्षा
जयप्रकाश नारायण अस्पताल के इएनटी विभाग में World Hearing Day के अवसर पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें कहा गया कि अधिक देर तक कान में ईयरफोन या ब्लूटूथ नहीं लगाए रखें। कान में तकलीप होने पर डॉक्टर से दिखवाएं।
जागरण संवाददाता, गया। विश्व श्रवण दिवस (World Hearing Day) बुधवार को मनाया जा रहा है। इसी क्रम में जयप्रकाश नारायण अस्पताल के ईएनटी विभाग में एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सिविल सर्जन डॉ. कमल किशोर राय ने इसका उदघाटन किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कान की सुरक्षा के प्रति लोगों को जागरूक किया जाए। उन्होंने कहा कि लोग अपने कान की सुरक्षा का ध्यान नहीं रख रहे हैं। मोबाइल के हेडफोन, ब्लूटुथ ने कान को काफी प्रभावित किया है। अनेक लोग कान में भनभनाहट, दर्द, खुजली, कान का बहना जैसी शिकायत करते हैं।
ध्वनि प्रदूषण से भी कम सुनने की हो रही समस्या
एनसीडीओ डॉ. फिरोज अहमद ने कहा कि कान के अंदर का प्राकृतिक पर्दा बहुत ही संवेदनशील होता है। ट्रैफिक के दौरान प्रेशर हार्न से वहां के आसपास के लोगों का कान प्रभावित होता है। ध्वनि प्रदूषण आज हर स्तर से बढ़ता जा रहा है। युवा वर्ग घंटों तक कान में ईयर फोन लगाए रखते हैं। उससे आगे निकलकर ईयर ब्लू टुथ का इस्तेमाल हो रहा है। इन सबसे इंसान के कान पर काफी असर पड़ता है। आमजन खासकर युवाओं को इन सब बातों को समझना चाहिए। कान तंदुरुस्त रहे इसके लिए सावधानी और सजगता बहुत ही जरूरी है। उन्होंने बताया कि जिले के सरकारी अस्पतालों में कान की जांच व इलाज की व्यवस्था है। अनुवांशिक अथवा बहरापन से बचने के लिए समय रहते उपचार किया जाना आवश्यक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन 2018 के आंकड़ों पर गौर करें तो देश में लगभग 63 लाख लोग श्रवण दोष से परेशान हैं। इनमें 7.6 प्रतिशत व्यस्क तथा 2 प्रतिशत बच्चे बहरेपन के शिकार हैं।
इन लक्षणों को समझकर करवाएं इलाज
इस बात का भी रखें ध्यान गर्भावस्था में चिकित्सक की सलाह के बिना दवा लेने से नवजात बच्चों में श्रवण दोष हो सकता है गलसुआ और खसरा जैसे रोग बच्चों में बहरापन का कारण बन सकते हैं। अप्रशिक्षित व्यक्तियों अथवा सड़क के किनारे नीम-हकीम से कान साफ कराने से बचें कान से रिसाव या रक्त या बार-बार दर्द का होना गंभीर है, चिकित्सीय सलाह लें