एक से सात अगस्त तक मनाया जाएगा विश्व स्तनपान सप्ताह, भभुआ में हाेंगे ये कार्यक्रम

स्तनपान नवजात को ना सिर्फ कई गंभीर रोगों से बचाता है बल्कि उनके संपूर्ण विकास के लिए भी महत्वपूर्ण है। स्तनपान को बढ़ावा देने के लिए स्वास्थ्य विभाग 1 से 7 अगस्त को विश्व स्तनपान सप्ताह के रूप में मनाने जा रहा है। पढि़ए स्‍तनपान के महत्‍व पर डिटेल रिपोर्ट।

By Sumita JaiswalEdited By: Publish:Sat, 31 Jul 2021 10:59 AM (IST) Updated:Sat, 31 Jul 2021 02:24 PM (IST)
एक से सात अगस्त तक मनाया जाएगा विश्व स्तनपान सप्ताह, भभुआ में हाेंगे ये कार्यक्रम
प्रसवकक्षों के साथ ब्रेस्ट फीडिंग कॉर्नर की भी होगी व्यवस्था, सांकेतिक तस्‍वीर।

 भभुआ, जागरण संवाददाता। स्तनपान नवजात के स्वास्थ्य के लिए जीवन अमृत है। जन्म के तुरंत बाद से कराया जाने वाला स्तनपान ना सिर्फ उन्हें कई गंभीर रोगों से बचाता है बल्कि उनके संपूर्ण विकास की सबसे महत्वपूर्ण सीढ़ी  है। इसलिए स्तनपान को बढ़ावा देने के लिए स्वास्थ्य विभाग अगस्त के पहले सप्ताह 1 से 7 अगस्त को विश्व स्तनपान सप्ताह के रूप में मनाने जा रहा है। ताकि नवजात स्वास्थ्य में स्तनपान की भूमिका के प्रति जागरूकता प्रदान कर सामुदायिक भागीदारी को बढ़ाया जा सके।

स्वास्थ्य विभाग और आइसीडीएस  सम्मिलित रूप से करेंगे स्तनपान बढ़ाने का प्रयास:   

अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. जितेंद्र नाथ ङ्क्षसह ने कहा कि स्तनपान सप्ताह के सफल संचालन के लिए  जिला के आइसीडीएस विभाग से भी सहयोग लिया जा रहा है। जिसे स्वास्थ्य विभाग द्वारा नियुक्त किए गए  नोडल अधिकारी की देखरेख में प्रखंड स्तर तक के स्वास्थ्य विभाग और आइसीडीएस के पदाधिकारियों के साथ ही आंगनबाड़ी सेविका- सहायिका और ममता कार्यकर्ताओं की सहयोगिता से संचालित किया जाएगा।

ममता द्वारा प्रसवोपरांत स्तनपान के लिए किया जाएगा प्रेरित :

सभी स्वास्थ्य संस्थानों में प्रसव कक्ष से जुड़ीं ममता कार्यकर्ताओं को भी यह निर्देश दे दिया गया है कि वो प्रसव के लिए आई महिलाओं को स्तनपान के प्रति जागरूक करें। उनके डिस्चार्ज होने पर कम से कम छह माह तक केवल स्तनपान और छह माह के बाद स्तनपान के साथ ऊपरी आहार की आवश्यकता बताते हुए उन्हें स्तनपान करवाने के लिए प्रेरित भी करें।

कोरोना प्रोटोकॉल के तहत किया जाएगा विभिन्न गतिविधियों का संचालन:

एसीएमओ ने बताया कि पूरे स्तनपान सप्ताह के दौरान एक से सात अगस्त तक जिला और प्रखंड स्तर पर कार्यशाला का आयोजन कर स्तनपान के प्रति जागरूकता फैलाई जाएगी। इस दौरान ना सिर्फ सदर अस्पताल के अलावा जिला के सभी स्वास्थ्य संस्थानों को दूध की बोतल मुक्त परिसर घोषित किया जाएगा। बल्कि कोरोना प्रोटोकॉल का भी विशेष ध्यान रखा जाएगा।

फ्रंटलाइन कार्यकर्ता करेंगे जागरूक :

विश्व स्तनपान सप्ताह के दौरान एएनएम, आशा कार्यकर्ता और आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका घर-घर जाकर गर्भवती और धातृ माताओं को छह महीने तक केवल स्तनपान कराने के महत्व के बारे में बताएगी और प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्रों पर बुधवार और शुक्रवार को वहां आने वाली सभी दो वर्ष तक की माताओं से सेविका और आशा इस अभियान में उनसे जुडऩे के लिए कहेंगी।

जानिए क्यों है स्तनपान महत्वपूर्ण :

रोग-प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि

मजबूत रोग प्रतिरोधन क्षमता से शिशु मृत्यु दर में कमी

डायरिया एवं निमोनिया  के  साथ कई गंभीर रोगों से बचाव

सम्पूर्ण शारीरिक एवं मानसिक विकास

लेकिन यह यही सीमित नहीं है। बल्कि स्तनपान करने वाली माताओं के स्वास्थ्य पर भी काफी अनुकूल असर होता है। साथ ही इस महंगाई  और कोरोना संक्रमण के समय बच्चों को बाहरी दूध में होने वाले आर्थिक खर्च से बचाता है तथा प्राकृतिक आहार होने के कारण बच्चों को बाहरी आहार से होने वाले कुप्रभाव से भी बचाव करता है7

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