ब्रह्मांड के अनंत विस्तार में मानव सृजन केंद्र में रही हैं स्त्री : कुलपति

बोधगया मगध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेन्द्र प्रसाद ने कहा कि इसमें संदेह नहीं कि ब्रह्मांड के अनंत विस्तार में मानव के सृजन केंद्र में स्त्री है। लेकिन विदेशी सत्ता भारत में आया जिसने हमारे संस्कृति पर संघात किया। इससे नारी भी प्रभावित हुई।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 07 Jun 2021 12:17 AM (IST) Updated:Mon, 07 Jun 2021 12:17 AM (IST)
ब्रह्मांड के अनंत विस्तार में मानव सृजन केंद्र में रही हैं स्त्री : कुलपति
ब्रह्मांड के अनंत विस्तार में मानव सृजन केंद्र में रही हैं स्त्री : कुलपति

बोधगया : मगध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेन्द्र प्रसाद ने कहा कि इसमें संदेह नहीं कि ब्रह्मांड के अनंत विस्तार में मानव के सृजन केंद्र में स्त्री है। लेकिन विदेशी सत्ता भारत में आया जिसने हमारे संस्कृति पर संघात किया। इससे नारी भी प्रभावित हुई। नारी के अधिकारों का हनन होता रहा। समय देशकाल के अनुसार नारी की स्थिति बनती बिगड़ती रही। उक्त बातें रविवार को मविवि नारी अध्ययन विभाग द्वारा आयोजित वेबीनार को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक मूल्यों की रक्षा में नारी काफी आगे है। उनके अंत: चेतना का विस्तार किया जा रहा है। आने वाले समय में स्त्री विमर्श के विषय को ज्ञान विज्ञान के सभी क्षेत्रों में उचित स्थान मिलेगा। उन्होंने विज्ञापनों में नारी के विकृत रूप को परोसे जाने पर दुख व्यक्त किया।

मुख्य वक्ता प्रो भारती एस कुमार ने कहा कि यूजीसी द्वारा नियोजन विषय में इसे शामिल नहीं किए जाने से इस विषय के विद्यार्थियों को निराशा हुई है। यदि इस विषय को स्वतंत्र नहीं माना जाता है, तो एलाइड विषय के रूप में ही इसे स्थान दिया जाना चाहिए और इसके लिए सभी को प्रयास करना चाहिए। यह विषय अध्ययन का एक नया रूप है। इसके माध्यम से महिलाओं के लंबे इतिहास की जानकारी मिलती है। विशिष्ट वक्ता प्रो आभा सिंह ने कहा कि वर्तमान में जापान सहित कुछ देशों में महिलाओं के साथ विकास कार्यों में कोई भेदभाव नहीं है, लेकिन वहां भी नेतृत्व के क्षेत्र में भेदभाव है। उन्होंने कहा कि नारी अध्ययन विभाग का मुख्य उद्देश्य महिलाओं की स्थिति को समझना और स्वस्थ समाज की स्थापना करना है। विशिष्ट वक्ता पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के समन्वयक डॉ शैलेंद्र मणि त्रिपाठी ने कहा कि 80 के दशक में भारत में स्त्री अध्ययन केंद्र खुला। स्त्री अध्ययन की शुरुआत महिला आंदोलन ही रही है उन्होंने भारत और विश्व के अन्य देशों के कालखंड की विस्तृत चर्चा की। भारत की समृद्ध परंपरा और नारी की स्थिति पर विस्तार से प्रकाश डाला साथ ही बताया कि मुगल काल में विभिन्न कुप्रथा की शुरुआत हुई। इस काल में नारी की स्थिति अच्छी नहीं थी। प्रो राणा पुरुषोत्तम कुमार सिंह ने कहा कि नारी विमर्श बौद्ध काल में शुरू हुई। हमें वीमेन स्टडी सेंटर को विकसित करने के लिए गांवों में जाकर महिलाओं को जागरूक करना होगा, तभी आवाज उठेगी। वीमेन स्टडी विभाग के निदेशक प्रो निभा सिंह ने मंच संचालन करते हुए अतिथियों एवं प्रतिभागियों का स्वागत किया तथा मनोविज्ञान विभाग की डॉ मीनाक्षी ने अतिथियों एवं प्रतिभागियों के प्रति आभार प्रकट किया। वेबीनार में प्रो सुशील सिंह, प्रो बिनोद सिंह, प्रो ब्रजेश राय, डॉ कुमारी रश्मि प्रियदर्शिनी सहित अन्य जुड़े रहे।

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