औरंगाबाद सांसद की आर्थिक मदद से दारोगा बने सात युवा, अंशुमाला व पुष्‍पा को मिला सम्‍मान

दारोगा बहाली नियुक्ति का रिजल्ट आया। जिसमें सात ऐसे युवा का चयन हुआ है जो तैयारी के समय आर्थिक समस्या से जूझ रहे थे। तब सांसद सुशील कुमार सिंह ने इनकी आर्थिक मदद कर की थी। इसके अलावा औरंगाबाद की इन दो बेटियों ने भी नाम रोशन किया।

By Sumita JaiswalEdited By: Publish:Tue, 22 Jun 2021 11:13 AM (IST) Updated:Tue, 22 Jun 2021 11:23 AM (IST)
औरंगाबाद सांसद की आर्थिक मदद से दारोगा बने सात युवा, अंशुमाला व पुष्‍पा को मिला सम्‍मान
सात युवा बने दारोगा, बेटियों ने भी नाम किया रोशन, सांकेतिक तस्‍वीर ।

औरंगाबाद, जागरण संवाददाता। दारोगा बहाली नियुक्ति का रिजल्ट आया। जिसमें सात ऐसे युवा का चयन हुआ है। जो तैयारी के समय आर्थिक समस्या से जूझ रहे थे। सभी छात्र सांसद सुशील कुमार सिंह के आवास पर आकर अपनी समस्या रखी थी। तब सांसद ने उनकी समस्या का समाधान आर्थिक मदद कर की थी। जिसका परिणाम आज सामने है। सफल छात्रों में कासमा के नराइच गांव के मृत्युंजय कुमार, रफीगंज के बोर के मुकेश कुमार, जम्होर के कुड़वा के मनीष कुमार और फेसर के दरियापुर निवासी गोपाल कुमार सोमवार को आवास पर आकर सांसद सुशील कुमार  सिंह से आशीर्वाद लिया और उन्हें धन्यवाद दिया।

सांसद ने उनके सफलता पर बधाई दी और उज्ज्वल भविष्य की कामना की। साथ ही समाज में कानून व्यवस्था ईमानदारी से कार्य करने की सलाह दी। कहा कि आप जहां रहे वहां आम लोगों को न्याय दिलवाने का कार्य करेंगे, ऐसा हमें विश्वास है। क्योंकि पुलिस प्रशासन के विभाग में आपका सीधा आम लोगों से सवांद होता है और पहला पायदान आप है। जो न्याय दे सकते हैं। साथ ही सांसद ने बीपीएससी, मेडिकल, इंजीनियङ्क्षरग, मैट्रिक और सीबीएसई बोर्ड के अलावा अन्य परीक्षाओं में औरंगाबाद के जितने भी अभ्यर्थी सफल हुए हैं। उनकी भी उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

अंशु माला को दारोगा बनने पर किया सम्मानित

शहर में कुचा गली वार्ड संख्या वार्ड 13 निवासी पिता मीत लाल आर्य एवं माता सावित्री देवी की पुत्री अंशु माला को दारोगा बनने पर पूर्व पार्षद रविंद्र प्रसाद ने रविवार को सम्मानित किया। साथ में माता-पिता को भी सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि गरीबी और प्रतिकूल परिस्थिति में भी इस मुकाम पर अंशुमाला का पहुंचना काबिले तारीफ है। वह कठिन परिश्रम करके यह उपलब्धि हासिल कर सकी है। रवींद्र प्रसाद ने कहा कि अंशुमाला छात्र-छात्राओं के लिए प्रेरणा का स्त्रोत है। दुसरे ब'चे इससे प्रेरणा ले सकते हैं। अंशु ने बताया कि सफलता के लिए बस एक सूत्र है कठिन परिश्रम। समर्पण के साथ परिश्रम करके ही प्रतियोगिता में सफलता हासिल की जा सकती है।

सार्जेंट बन पुष्पा ने गांव का नाम किया रौशन

 नारी अबला होती है यह बातें अब बीते दिनों की हो गई। शहर की बात तो छोडि़ए, अब गांव की बेटियां भी नारी सशक्तिकरण की मिसाल बन रही है। इसके संकेत तभी मिलने लगे थे जब गांव की बच्चियां साइकिल की सवारी कर स्कूल जाने लगी थी। ऐसी ही बेटियों में एक औरंगाबाद प्रखंड के बघोई खुर्द गांव निवासी सुरेंद्र यादव की पुत्री पुष्पा कुमारी है। पुष्पा बिहार पुलिस अधीनस्थ सेवा आयोग का फाइनल परीक्षा पास कर सार्जेंट बनी है। पुष्पा को सार्जेंट बनने से परिवार एवं गांव में खुशी का लहर है। पुष्पा ने बताया कि वह कड़ी मेहनत व लग्न के साथ पढ़ाई कर इस परीक्षा को पास की है। कहा कि मुझे वर्दी पहनने का सपना था जिसको पूरा किया। पुष्पा की बहन अनन्या ने बताया कि दीदी गांव की पहली बेटी है जो पुलिस विभाग में है। इससे अन्य लड़कियां प्रेरणा लेकर मेहनत कर रही हैं। प्रतिभा किसी का मोहताज नहीं होता।

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