आज से नहीं कर पाएंगे बिहार के इस कश्‍मीर में जलप्रपात का दीदार, कोरोना के कारण लगी रोक

कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों की वजह से पर्यटन स्‍थलों पर पाबंदी लगाई गई है। इसी क्रम में नवादा के ककोलत जलप्रपात का दीदार करने पर रोक लगाई गई है। वहां सैलानियों का जाना प्रतिबंधित कर दिया गया है।

By Vyas ChandraEdited By: Publish:Tue, 13 Apr 2021 06:56 AM (IST) Updated:Tue, 13 Apr 2021 07:00 AM (IST)
आज से नहीं कर पाएंगे बिहार के इस कश्‍मीर में जलप्रपात का दीदार, कोरोना के कारण लगी रोक
ककोलत स्थित जलप्रपात का मनोहारी नजारा। जागरण आर्काइव

नवादा, संवाद सहयोगी। कोरोना (Coronavirus)के बढ़ते प्रकोप  के कारण बिहार का कश्मीर कहे जाने वाले ककोलत जलप्रपात (Kakolat Waterfalls) में सैलानियों (Tourist) के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी गई है। कोरोना संक्रमण में बेतहाशा वृद्धि को देखते हुए रजौली के अनुमंडल पदाधिकारी चंद्रशेखर आजाद ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है।

आज से नहीं कर पाएंगे ककोलत का दीदार

एसडीएम ने बताया कि 13 अप्रैल से अगले आदेश तक के लिए ककोलत जलप्रपात में जाने पर रोक लगा दी गई है। गोविंदपुर के प्रखंड विकास पदाधिकारी और थानाध्यक्ष की अनुशंसा पर यह निर्णय लिया गया है। गौरतलब है कि जिले में कोरोना संक्रमण में इजाफा हो गया है। वर्तमान में 194 केस एक्टिव हैं। ऐसे में ककोलत जाने पर रोक लगाई है, ताकि संक्रमण का फैलाव न हो सके। एसडीएम ने लोगों से अपील की है कि कोरोना को देखते हुए अभी ककोलत न पहुंचें।

दूर-दूर से पहुंचते हैं सैलानी

बता दें कि गर्मी के मौसम में ककोलत में सैलानियों की काफी भीड़ जुटती है। देश के विभिन्न राज्यों के साथ ही बोधगया, राजगीर पहुंचने वाले विदेशी पर्यटक भी जलप्रपात का लुत्फ उठाने ककोलत पहुंचते हैं। पिछले साल भी कोरोना संक्रमण को देखते हुए ककोलत पहुुंचने पर रोक लगा दी गई थी। इस बार स्थानीय लोगों का अनुमान था कि काफी संख्या में पर्यटक पहुंचेंगे। पिछले कई दिनों से काफी संख्या में पर्यटकों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो चुका था। जिससे स्थानीय कारोबारी काफी उत्साहित थे। लेकिन पुन: कोरोना संक्रमण में वृद्धि के कारण ककोलत को सैलानियों के लिए बंद कर दिया गया है। गौरतलब है कि कोरोना की वजह से धार्मिक स्‍थलों, पार्कों, पर्यटन स्‍थलों के संबंध में कई पाबंदियां लगा दी गई हैं। इस कारण एक ओर लोग मायूस हैं तो इन स्‍थलों के निकट व्‍यवसाय करने वालों में खासी निराशा है। उनका कहना है कि 2020 की तरह यह वर्ष भी न हो जाए।

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