'आधी रोटी खाएंगे, बच्चों को पढ़ाएंगे'; इस नारे को साकार कर रहे बिक्रमगंज के लोग, जानें कैसे मिल रही कामयाबी
बीपीएससी परीक्षा के बाद अब दरोगा के परीक्षा में छोटे कस्बे व ग्रामीण इलाकों के बच्चों ने अपने सफलता का परचम फहराया है। अब तक मिली जानकारी के अनुसार बिक्रमगंज अनुमंडल क्षेत्र के छह अभ्यर्थी का दरोगा पद के लिए चयन हुआ है।
संवाद सहयोगी, बिक्रमगंज (सासाराम)। बीपीएससी परीक्षा के बाद अब दरोगा के परीक्षा में छोटे कस्बे व ग्रामीण इलाकों के बच्चों ने अपने सफलता का परचम फहराया है। अब तक मिली जानकारी के अनुसार बिक्रमगंज अनुमंडल क्षेत्र के छह अभ्यर्थी का दरोगा पद के लिए चयन हुआ है।
दरोगा पद पर चयनित कई अभ्यर्थियों के गांव में उच्च विद्यालय तक नहीं है। ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों की सीमित संसाधन में सेल्फ स्टडी ने इनकी सफलता में चार चांद लगा दिया। राजपुर प्रखंड के भलुआहीं गांव के उदय शंकर पाण्डेय के पुत्र गौतम कुमार पाण्डेय का चयन दरोगा के लिए हुआ है। इस गांव में उच्च विद्यालय भी नहीं है। पिता जी स्थानीय पत्रकार और मां गृहणी है। इन्होंने शौणडिक उच्च विद्यालय राजपुर से मैट्रिक, शंकर कालेज सासाराम से आइएससी और चौधरी चरण सिंह महाविद्यालय राजपुर से स्नातक किया।
इसके बाद पटना गर्दनीबाग स्थित गेट पाबिलक लाईब्रेरी में अपने दोस्तों के साथ सेल्फ स्टडी से यह सफलता पाई। ये बीपीएससी की तैयारी भी कर रहे हैं और 65 वी के पीटी में सफलता भी मिली है। मुख्य परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। बिक्रमगंज प्रखण्ड के नोनहर निवासी अरुण चौधरी की पुत्री पम्मी कुमारी ने पहले प्रयास में ही सफलता पाई है। नासरीगंज प्रखण्ड के मरझियां गांव निवासी रामायण प्रसाद गुप्ता के पुत्र राज प्रकाश ने भी सफलता हासिल कर गांव का नाम रौशन किया है।
दरोगा पद सफलता प्राप्त करने वालों में काराकाट प्रखंड के इटढिया निवासी विजय सिंह का पुत्र खुशाल कुमार और सूर्यपुरा प्रखंड के कर्मा निवासी महेश कुमार सिंह का पुत्र दीपक कुमार सिंह शामिल है। महेश सिंह शिक्षक हैं और इनका एक और पुत्र भी दरोगा है। ये लोग इंटर कॉलेज बिक्रमगंज से मैट्रिक और ए एस कॉलेज से स्नातक तक की शिक्षा प्राप्त किया। इसके बाद बिक्रमगंज में ही जीनियस क्लासेज के संचालक सत्येंद्र सिंह के देखरेख में अध्ययन किया और यह सफलता प्राप्त किया। सत्येंद्र सिंह इनकी सफलता से बेहद खुश हैं।
सूर्यपूरा की बेटी और सूर्यपुरा छोटका पोखरा निवासी मदन पासवान की बड़ी पुत्री ज्योति कुमारी पासवान का एसआई (दारोगा) पद के लिए चयनित हुई हैं। बेटी की सफलता पर मां- पिता ,परिवार सहित शुभचिन्तको में खुशी व्याप्त है। ज्योति कुमारी पासवान के चाचा जयराम बताते हैं कि ज्योती के पिता मदन पासवान रांची में रह कर बागवानी का कार्य कर जीविकोपार्जन कर अपने पत्नी व बच्चों का भरणपोषण करते हुये दो पुत्री व एक पुत्र यानी तीनों संतानों के उच्च शिक्षा - दीक्षा ग्रहण कराने में लगे हुए हैं।
विभिन्न पदों पर हो रहे ग्रामीण क्षेत्रों के युवक, युवतियों के चयन से अब गांवों की फिजा बदलने लगी है। कॉलेजों में पढ़ाई बिल्कुल नहीं होने के बावजूद ये अत्यंत साधारण घर के बच्चे अपने स्व अध्ययन से सफलता प्राप्त कर नई पीढ़ी के बच्चों को प्रेरित कर रहे हैं। गांवों में शैक्षणिक व्यवस्था, संसाधन के अभाव के बावजूद सभी परीक्षाओं में यहां के बच्चों के अव्वल परिणाम आने से अभिभावकों में भी उत्साह बढ़ा है और आधी रोटी खाएंगे, बच्चों को पढ़ाएंगे के नारे को साकार कर रहे हैं।