पैसा खत्म हुए तो पत्नी व बच्चों संग पैदल ही घर निकले रेल कर्मी

लॉकडाउन के दौरान पॉकेट में रहा पैसा खत्म हो गया। ऐसे में रेलकर्मी अपनी पत्‍‌नी व बच्चों का साथ लेकर पैदल ही घर जाने के लिए निकल पड़े। गया के लोको कॉलोनी के क्वार्टर नंबर 538-सी में रहने वाले सिग्नल विभाग के कर्मचारी अली कौशर शादी समारोह में औरंगाबाद गए थे।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 30 Mar 2020 07:04 PM (IST) Updated:Tue, 31 Mar 2020 06:10 AM (IST)
पैसा खत्म हुए तो पत्नी व बच्चों 
संग पैदल ही घर निकले रेल कर्मी
पैसा खत्म हुए तो पत्नी व बच्चों संग पैदल ही घर निकले रेल कर्मी

गया । लॉकडाउन के दौरान पॉकेट में रहा पैसा खत्म हो गया। ऐसे में रेलकर्मी अपनी पत्‍‌नी व बच्चों का साथ लेकर पैदल ही घर जाने के लिए निकल पड़े। गया के लोको कॉलोनी के क्वार्टर नंबर 538-सी में रहने वाले सिग्नल विभाग के कर्मचारी अली कौशर शादी समारोह में औरंगाबाद गए थे। उसके एक दिन बाद जनता क‌र्फ्यू और फिर लॉक डाउन हो जाने के कारण वह वहीं फंस गए। जब पॉकेट में रहा पैसा खत्म हो गया। तब रविवार की सुबह वह पैदल ही गया जाने के लिए औरंगाबाद से निकल पड़े। अनुग्रह नारायण रोड रेलवे स्टेशन पहुंचे तो रेल कर्मचारियों ने सहयोग कर उसे टावर वैगन से रफीगंज रेलवे स्टेशन तक भेज दिया । लेकिन रफीगंज से गया जाने के लिए उसे कोई भी साधन नहीं मिल सका । तब वह रफीगंज से पैदल ही सड़क मार्ग से गया जाने के लिए निकल पड़ा। रविवार की रात जब वह गुरारू बाजार के चौक पर पहुंचे और आगे जाने के लिए किस रास्ते पर बढ़ें इस उलझन में पड़े थे तभी गुरारू थानाध्यक्ष शभू कुमार की नजर पड़ गई । रेलकर्मी रो पड़ा। स्थानीय लोगों ने सबसे पहले कुछ नगद पैसे दिए। दुकान खुलवा कर बिस्कुट और नमकीन उपलब्ध कराया। फिर रेलवे स्टेशन पहुंचाया गया। रेलवे स्टेशन के पास के कुछ घरों के लोगों ने अपने अपने घरों से सभी के लिए तत्काल भोजन की व्यवस्था कर दी । स्टेशन में ड्यूटी पर रहे रेल कर्मियों को जब पूरी जानकारी मिली तो उन्होंने रेल कर्मी व उसके परिवार को गया भेजने के लिए अपनी देखरेख में स्टेशन में सुरक्षित रख लिया ।

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