सबकुछ हो रहा तो बच्चों की पढ़ाई पर रोक क्यों, गया के कोचिंग संचालकों का सरकार को अल्टीमेटम
कोरोना की वजह से स्कूल-कोचिंग संस्थानों को बंद किए जाने की घोषणा के खिलाफ स्कूल-कोचिंग संचालकों में उबाल है। गया के शेरघाटी में बैठक कर कोचिंग संचालकों ने सरकार से मांग की है कि अगले सप्ताह से संस्थान खोलने की अनुमति दें।
शेरघाटी (गया), संवाद सहयोगी। प्राइवेट कोचिंग संघ की अनुमंडल शाखा शेरघाटी के बैनर तले शनिवार को शहर के नूतन नगर स्थित अनुमंडल अस्पताल के पीछे एक निजी संस्थान परिसर में बैठक की गई। बैठक में कोचिंग संचालकों ने सरकार से गाइडलाइन जारी करते हुए कोचिंग-स्कूलों को खोलने का आदेश निर्गत करने की मांग की। ऐसा नहीं करने पर आंदोलन की चेतावनी दी गई है।
सिनेमा हॉल खुले, शादियां हो रही लेकिन पढ़ाई से दिक्कत
संघ के अनुमंडलीय अध्यक्ष कुंदन कुमार ने बताया कि सरकार अपने सारे कार्य कर रही है। सिनेमा हॉल में 50 फीसद क्षमता के साथ संचालन का आदेश दिया गया है। बाजार खुले हैं। विवाह और श्राद्ध हो रहा है। सरकारी दफ्तरों में बैठक और कार्यशाला की जा रही है। परंतु शिक्षण संस्थानों को बंद कर दिया गया। ऐसा कर सरकार देश के भविष्य को बर्बाद करने पर तुली है। साथ ही इस कारण निजी शिक्षण संस्थानों व कोचिंग से जुड़े लोगों की आजीविका पर भी सरकार लात मार रही है। इससे लाखों लोगों का रोजगार छिन रहा है। वे भुखमरी के कगार पर आ गए हैं। बच्चों का भविष्य अंधकार की ओर जा रहा है।
गरीबों के बच्चों का भविष्य खराब कर रही सरकार
शिक्षकों ने कहा कि हम जिस सुदूरवर्ती क्षेत्रों में ग्रामीण इलाकों में बच्चों को विषम परिस्थितियों में पठन-पाठन कराते हैं। उन बच्चों के भविष्य के प्रति सरकार सजग नहीं है। सरकार के दोहरे रवैये के कारण एक और जहां गरीब पिछड़े के बच्चे अशिक्षित रहने के रास्ते पर चल पड़े हैं वही पूंजीपतियों को सक्षम बनाने में सरकार लगी है। सरकार उनके बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई की सुविधा देकर उन्हें कहीं ना कहीं परोक्ष सहायता कर रही है। ऐसे में गरीब पिछड़े लोगों को सोचने का समय आ गया है।
अगले सप्ताह शिक्षण संस्थान खोलने का नहीं मिला आदेश तो करेंगे आंदोलन
संचालकों और शिक्षकों ने कहा कि सरकार चाहे तो कितने भी गाइडलाइन जारी करें। हम उसका शत-प्रतिशत पालन करेंगे। लेकिन आगामी सप्ताह में अगर शिक्षण संस्थान खोलने का आदेश नहीं देती है तो आंदोलन को बाध्य होंगे। जिसके लिए सरकार पूर्ण रूप से जिम्मेदार होगी। आंदोलन के पूर्व स्थानीय अनुमंडल पदाधिकारी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को ज्ञापन सौंपा जाएगा। बैठक में अमिताभ भारद्वाज, सुमित कुमार, केके पाठक, सुनील कुमार, अजय पाठक, संजीव कुमार आदि मौजूद रहे।